टूट की ओर महागठबंधन, जानिए कारण

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पटना: बिहार चुनाव का समय नजदीक आ रहा है लेकिन अभी तक महागठबंधन में चीजें स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इसको लेकर आरएलएसपी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि महागठबंधन में चीजें बहुत देर से हो रही है इसलिए अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम महागठबंधन में रहना चाहते हैं, इसलिए कन्फ्यूजन को दूर कर लेना चाहिए।

माधव आनंद ने कहा कि बिहार के विकास के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं। राजद और कांग्रेस की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। RLSP नेता ने कहा कि राजनीति में रास्ते कभी बंद नहीं होते हैं। महागठबंधन में सबकी सहमति जरूरी है वैसे भी कांग्रेस तेजस्वी यादव को नेता नहीं मानते हैं, इसलिए एक बैठक कर नेता और एजेंडे पर फैसला लेना चाहिए। अगर हमारी बात नहीं मानी जाती है तो फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

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रालोसपा नेता के इस बयान के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि राजद की जिद्द के कारण महागठबंधन के अंदर चीजें काफी पेचीदा होते जा रहा है। अगर कुशवाहा को उचित सम्मान नहीं दिया जाता है तो वे महागठबंधन से अलग हो सकते हैं।

वहीं, रालोसपा नेता के बयां पर पलटवार करते हुए राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अगर उपेंद्र कुशवाहा जाना चाहेंगे, तो हम रोक नहीं पाएंगे। राजद ने सभी सहयोगियों को उचित सम्मान दिया है। वैसे भी अपमान की वजह से ही उपेन्द्र कुशवाहा महागठबंधन में आये थे। अगर फिर से वापस जाना चाहते हैं, तो जाएं।

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