बिहार के 6 विश्वविद्यालयों में नियुक्त हुए नए कुलपति
दरभंगा : बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने राज्य के छह विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सर्च कमेटियों द्वारा तैयार पैनल में शामिल नामों पर विमर्श के बाद राज्यपाल ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियिम में प्रदत्त अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ये नियुक्तियां की हैं। मुख्यमंत्री सुबह साढ़े ग्यारह बजे राजभवन गये थे और करीब डेढ़ घंटे उनके और मुख्यमंत्री के बीच सर्च कमेटी द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा प्रति कुलपतियों के लिए सुझाए गए नामों पर विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया। शनिवार की शाम राज्यपाल के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने सभी नियुक्तियों की अधिसूचना जारी की।
प्रो. गिरीश कुमार चौधरी पटना विश्वविद्यालय (पटना), प्रो. नीलिमा गुप्ता को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, प्रो. फारुक अली जयप्रकाश विवि छपरा, प्रो. रामकिशोर प्रसाद रमण बीएन मंडल विवि मधेपुरा, प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा और प्रो. शशिनाथ झा को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि दरभंगा का कुलपति नियुक्त किया गया है। सभी कुलपतियों की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से तीन साल के लिए की गयी है।
चार प्रोवीसी भी नियुक्त :
इसके साथ ही सर्च कमेटी द्वारा सौंपे गये पैनल में शामिल प्रो. अजय कुमार सिंह को पटना विश्वविद्यालय पटना का प्रति कुलपति नियुक्त किया गया है। प्रो. डाली सिन्हा को ललित नारायण मिथिला विवि का प्रोवीसी नियुक्त किया गया है। प्रो. ईद्द मोहम्मद अंसारी मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विवि पटना के प्रोवीसी बनाया गया है। प्रो. रवीन्द्र कुमार को बीआरए बिहार विवि मुजफ्फरपुर का प्रति कुलपति नियुक्त किया गया है।
छह में चार वीसी बिहार तो दो यूपी के :
राज्य के छह विश्वविद्यालयों में नवनियुक्त छह में से चार कुलपति बिहार तो दो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पटना विश्वविद्यालय के कुलपति बनाए गए प्रो. गिरीश कुमार चौधरी फिलहाल पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना के प्रोवीसी थे। वहीं टीएमबी भागलपुर की कुलपति बनीं प्रो. नीलिमा गुप्ता छत्रपति साहू महाराज यूनिवर्सिटी कल्याणपुर, कानपुर में वीसी थीं। जेपी छपरा के वीसी बनाए गए प्रो. फारुक अली भागलपुर के रहने वाले हैं। बीएनएम मधेपुरा के वीसी बने प्रो. रामकिशोर प्रसाद रमण मधेपुरा के वार्ड नम्बर एक के निवासी हैं। मिथिला विवि के कुलपति बने प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह लखनऊ के गोमतीनगर के निवासी हैं। केएसडी संस्कृत विवि के वीसी प्रो. शशिनाथ झा दरभंगा के न्यू कालोनी शुभंकरपुर निवासी हैं।
तैयारी पूरी 22 सितंबर को होगी बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा
दरभंगा : बिहार बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2020: (CET.B.Ed.-2020) की तैयारी हो गई है I यह परीक्षा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित परीक्षा तिथि 22 सितंबर को बिहार के 10 नगरों यथा- पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, आरा, छपरा, दरभंगा, मधेपुरा, मुंगेर, एवं पूर्णिया में स्थित 278 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी I बनाए गए परीक्षा केंद्रों का नगरवार संख्या इस प्रकार है-पटना में 84, गया में 19, भागलपुर में 26, मुजफ्फरपुर में 30, आरा में 17, छपरा में 10, दरभंगा में 36, मधेपुरा में 24, मुंगेर में 10, पूर्णिया में 22, इन परीक्षा केंद्रों पर कुल 1,22,331 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे जिसमें नियमित B.Ed.(द्वीवर्षीय) के 1,16,130 छात्र, दूरस्थ शिक्षा से B.Ed. के 6,020 छात्र एवं शिक्षा शास्त्री के 181 छात्र सम्मिलित होंगे I
राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अजीत कुमार सिंह ने बताया कि दिनांक 15.09.2020 से अभ्यर्थी द्वारा अपना ई-एडमिट कार्ड दो प्रति में (छात्र प्रती एवं कार्यालय प्रती) CET-B.Ed.-2020 के वेबसाइट bihar-cetbed-lnmu.in से डाउनलोड किया जा रहा है I अब तक कुल 98,000 अभ्यर्थीयोँ के द्वारा अपना ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड किया जा चुका है I उन्होंने बताया कि यह परीक्षा मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा एवं यूजीसी द्वारा कोविड-19 से सुरक्षा के आलोक में परीक्षा संचालन हेतु बने Standard Operating Procedure (SOP) का पालन करते हुए ली जा रही है I परीक्षा केंद्रों को सैनिटाइज कराने हेतु राशि का उपबंध कर सभी परीक्षा केंद्रों के अधीक्षकों को RTGS के माध्यम से परीक्षा व्यय की राशि के साथ भेज दी गई है I इसी प्रकार संबंधित नगरों के जिलाधिकारियों एवं सहभागी विश्वविद्यालयों के नोडल पदाधिकारीयोँ को भी प्रबंधकीय व्यय एवं सैनिटाइजेशन हेतु RTGS के माध्यम से राशि उपलब्ध करा दी गई है I
उनके द्वारा बताया गया कि परीक्षा के निर्बाध एवं शुचिता पूर्ण संचालन को सुनिश्चित कराने हेतु संबंधित जिलाधिकारियों के द्वारा प्रत्येक केंद्र पर पुलिस बल के साथ Static Magistrate cum Observer एवं दो तीन परीक्षा केंद्रों के चक्रानुक्रम पर्यवेक्षण हेतु पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल के साथ Zonal Magistrate cum Observer की प्रतिनियुक्ति की गई है जो जिलाधिकारी के द्वारा नियुक्त उड़नदस्ता दल के रूप में भी अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे I प्रत्येक सहभागी विश्वविद्यालयों के नोडल पदाधिकारियों द्वारा भी इसी प्रकार उड़नदस्ता दल एवं प्रत्येक केंद्र के लिए पर्यवेक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है I साथ ही राज्य नोडल पदाधिकारी के द्वारा संबंधित सभी नगरों में Central Co-ordinator cum Observer की प्रतिनियुक्ति की गई है जो जिलाधिकारी, सहभागी विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी एवं राज्य नोडल पदाधिकारी के बीच समन्वय स्थापित करते हेतु परीक्षा का संचालन निर्धारित योजना के अनुरूप हो, इसे सुनिश्चित करेंगे तथा परीक्षा केंद्रों का औचक पर्यवेक्षण करते हुए परीक्षा का निर्बाध एवं कदाचार मुक्त संचालन भी सुनिश्चित करेंगे I इस हेतु कुलाधिपति सचिवालय, राज भवन, पटना द्वारा भी नगरवार पर्यवेक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है I
यह परीक्षा 22 सितंबर को पूर्वाहन 11:00 बजे से अपराहन 1:00 बजे तक होगी I केन्द्रों पर प्रतिनियुक्त वीक्षकों, पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं पुलिस बल को पूर्वाहन 8:30 बजे पहुंचना है I परीक्षार्थियों का प्रवेश पूर्वाहन 9:00 बजे से होगाI प्रवेश द्वार पर परीक्षार्थियों, पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं पुलिस बल की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी I मानक तापक्रम से जिन परीक्षार्थियों के शरीर का तापक्रम अधिक होगा उनकी परीक्षा अलग बैठा कर ली जाएगी I सभी परीक्षार्थियों को अपने साथ सैनिटाइजर का छोटा बोतल लेकर एवं मास्क पहन कर आना है I वीक्षकों एवं कर्मचारियों को भी मास्क एवं ग्लव्स पहनकर अपने दायित्वों का निर्वहन करना है I केन्द्राधीक्षकों के द्वारा परीक्षा केंद्र का पूर्ण सैनिटाइजेशन यथा डेस्क, बेंच, कुर्सी, परीक्षा कार्य में लाए जाने वाले उपकरण आदि, कराना है I आवश्यकतानुसार यथास्थान सैनिटाइजर का बोतल परीक्षा केंद्रों पर रखा रहेगा जिसका उपयोग परीक्षार्थियों, पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा किया जाएगा I
प्रोफेसर सिंह के द्वारा CET-B.Ed.-2020 के कार्यक्रम सूची (Programme Schedule) को जारी किया गया तदनुसार, परीक्षा फल का प्रकाशन 30. सितंबर को हो जाएगा परीक्षा फल के प्रकाशन के उपरांत 03 अक्टूबर से 23 नवंबर तक ऑनलाइन काउंसलिंग एवं 07 से 18 दिसंबर तकस्पॉट काउंसलिंग के द्वारा मेधा तथा आरक्षण के आधार पर परीक्षार्थियों के नामांकन हेतु कॉलेज आवंटित किए जाएंगे I सहभागी विश्वविद्यालयों के नोडल पदाधिकारियों के देखरेख मे नामांकन हेतु चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापनोरांत नामांकन हेतु उनके लिए आवंटित B.Ed कॉलेज में उनके नाम का अग्रसारण किया जाएगा, तदुपरांत संबंधित महाविद्यालयों के द्वारा छात्रों का नामांकन कर स्टेट नोडल ऑफिसर को निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत सूचना देनी है I सभी प्रक्रियाएं राज्य नोडल पदाधिकारी द्वारा व्यवस्थित डैश बोर्ड पर अद्यतन आंकड़ों के साथ उपलब्ध रहेगा जिसे सहभागी विश्वविद्यालयों के नोडल पदाधिकारीयों, सभी B.Ed महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों एवं कुलाधिपति सचिवालय के द्वारा देखा जा सकता है I इस हेतु इन्हें लिंक प्रदान किया जाएगा I नामांकन की प्रक्रियायें प्रस्तावित 18 दिसंबर तक पूरी हो जाए इस हेतु हमारी टीम तत्पर है I
बेलादुल्ला विकास मंच की की बैठक में समस्या-निदान व विकास पर हुई गहन विचार-विमर्श
दरभंगा : यदि हर व्यक्ति अपने आसपास साफ-सफाई रखें तो मोहल्ला स्वतः स्वच्छ और सुंदर बन जाएगा। समाज में एकजुटता,सहयोग एवं समन्वयभाव से हर समस्या का निदान तथा अनेक तरह का विकास संभव है।उक्त बातें बेलादुल्ला विकास मंच, दरभंगा की आमसभा की मध्य विद्यालय,बेलादुल्ला में अध्यक्षता करते हुए डा अयोध्यानाथ झा ने कहा।उन्होंने मोहल्ला के सभी गलियों का नामकरण कर प्रायोजक के सहयोग से बोर्ड लगाने तथा सदैव एकजुट रहकर विकास करने का आह्वान किया।
बैठक में सदस्यों का स्वागत करते हुए सचिव डा मदन कुमार मिश्र ने संगठन तथा बैठक के उद्देश्यों की जानकारी दी,जबकि सेवा- समिति के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने गत एक माह में संपादित समस्या-निदान एवं सामूहिक विकास के कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए,सभी सहयोगियों को साधुवाद दिया। कार्यकारिणी सदस्य रमेश झा ने स्वच्छता अभियान की प्रशंसा करते हुए गहन वृक्षारोपण तथा शत-प्रतिशत बच्चों के स्कूल जाने पर जोर दिया।संजय ठाकुर ने सामूहिक एकता से समस्याओं के निदान तथा विकास को रेखांकित किया। कनीय अभियंता बुध कृष्ण बब्लू ने संगठन के माध्यम से कार्य संपादन करने तथा मिल-जुलकर विकास करने की बात की। अभिषेक कुमार ने संपूर्ण बेलादुल्ला सहित पूर्वी भाग से संगठन में प्रतिनिधित्व तथा विकास की मांग की,जबकि हरिहर झा ने सभी सदस्यों से सक्रिय रहकर सहयोग देने की अपील की।
विशंभर चौधरी ने नए बसे भाग में बिजली पोल गरवाने तथा सड़क बनवाने की मांग की,जबकि अन्नु झा ने सभी सदस्यों से थोड़ा समयदान व अर्थदान कर समस्या-निदान पर जोर देते हुए,स्वार्थ-त्याग कर सभी सक्षम व्यक्ति को आगे आने का आह्वान किया। चंद्रमोहन झा ने सक्रिय रहकर बेहतर तालमेल से जनप्रतिनिधियों के मार्फत विकास कार्य करने की बात कही,जबकि सत्येंद्र लाल कर्ण गरे हुए बिजली पोल पर तार लगवाने की मांग की।उपाध्यक्ष डा विधानचंद्र चौधरी ने कहा कि हर सदस्य में अपार उत्साह एवं क्षमता है,वस जरूर है उन्हें प्रेरित करने की। हमलोग छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न देकर अपने बड़े लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।
बैठक में बेलादुल्ला निवासी रूपेश कुमार झा की पुत्री प्रणाली के सुष्मिता सेन एडवर्टाइजमेंट कांटेस्ट में चयन तथा सर्वाधिक मत लाने हेतु मंच के द्वारा मुकुट, फूल-माला तथा उपहार आदि प्रदान कर हौसलाअफजाई किया गया।इस अवसर पर शिवम् डायग्नोस्टिक की ओर से 4 अक्टूबर से प्रत्येक रविवार को प्रातःकाल में सदस्यों के लिए मात्र ₹30 में रक्तशुगर- जांच तथा उससे प्राप्त राशि में से ₹15 प्रति सदस्य संस्था में देने की घोषणा की गयी। वहीं मुन्ना सिंह ने मिथिला पेंटिंग के विकास तथा संगीत हेतु साजो-समान के साथ ही पर्याप्त जगह नि:शुल्क उपलब्ध कराने का संकल्प व्यक्त किया,जबकि योग प्रशिक्षक अरविंद निखिल ने 27 सितंबर से प्रत्येक रविवार को सुबह एक घंटा मध्य विद्यालय,बेलादुल्ला परिसर में लोगों को नि:शुल्क योग प्रशिक्षण देने की घोषणा की। डा अविनाश कुमार के संचालन में आयोजित बैठक में धन्यवाद ज्ञापन डा आर एन चौरसिया ने किया।
संस्कृत विश्वविद्यालय में 41वे कुलपति के रूप में डॉ शशिनाथ झा ने कार्यभार संभाला
दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 41वे कुलपति के रूप में अपने योगदान के समय रविवार सुबह डॉ शशिनाथ झा ने सब का साथ , सब का विकास के मूल मंत्र को दोहराते हुए कहा कि छात्रों व कर्मियों की मूल समस्याओं का समाधान ही उनकी प्राथमिकता सूची में रहेगा। उन्होंने यहीं पढ़ा-लिखा व ईमानदारी से स्नातकोत्तर विभाग में अध्यापन कार्य भी किया। हमेशा विवाद से दूर रहने की कोशिश की। शायद यही कारण रहा कि आज उन्हें कुलपति का भी दायित्व संभालने का सौभाग्य मिला है। संस्कृत में ही दिए अपने उदबोधन में व्याकरण समेत कई विषयों के विद्वान कुलपति डॉ झा ने आगे कहा कि इस विश्वविद्यालय के लिए वे नए नहीं हैं। स्वाभाविक है कि इस कारण वे यहां की हर समस्याओं से अवगत हैं। यहां के सभी कर्मियों व पदाधिकारियों से भी वे पूर्व से ही परिचित हैं। इसलिए उन्हें भरोसा है कि सभी का साथ जरूर मिलेगा और मिलजुलकर सभी परेशानियों को दूर कर लिया जाएगा । जाहिर है ऐसे में विश्वविद्यालय का विकास होकर रहेगा।
उन्होंने कहा कि अपने लंबे सेवाकाल में कई विद्वान कुलपतियों के साथ विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य करने का अवसर मिला है। वे उम्मीद करते हैं कि तब के अनुभव का उन्हें लाभ अवश्य मिलेगा। साथ ही उन्होंने संस्कृत के मुख्य ग्रन्थों व विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘ विश्व मनीषा ‘ को पुनः नए कलेवर में प्रकाशित कराने का भरोसा दिया।
उक्त जानकारी देते हुए उपकुलसचिव-1 सह पीआरओ निशिकांत ने बताया कि डॉ झा पिछले साल ही यहीं के व्याकरण विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। दर्जन भर से अधिक पुस्तकों का लेखन व करीब सौ से अधिक पुस्तकों व ग्रन्थों का सम्पादन कर चुके डॉ झा संस्कृत,कैथी, मैथिली समेत अन्य भाषाओं के मर्मज्ञ हैं। साहित्य अकादमी समेत कई संस्थाओं से सम्मानित डॉ झा पांडुलिपि व मिथिलाक्षर के भी विशेषज्ञ हैं। पूरे उत्सवी माहौल में मंत्रोच्चार के बीच कुलसचिव डॉ शिवा रंजन चतुर्वेदी ने कुलपति की नियुक्ति सम्बन्धी विभागीय औपचारिकताओं को निभाया। इसके पूर्व नवनियुक्त कुलपति डॉ झा ने महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह व कामेश्वर सिंह की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी किया।
वहीं, उनके योगदान के मौके पर डॉ लक्ष्मीनाथ झा, प्रो0 शिवकांत झा, प्रो0 श्रीपति त्रिपाठी, प्रो0 सुरेश्वर झा, एफए कैलाश राम,एफओ रतन कुमार, डॉ विद्येश्वर झा, डॉ हरेंद्र किशोर झा, डॉ दयानाथ झा, डॉ पवन कुमार झा, डॉ दिलीप कुमार झा, डॉ अवधेश कुमार, डॉ शैलेन्द्र मोहन झा, तेज नारायण झा, नरोत्तम मिश्रा समेत विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारी व कर्मी के अलावा समाज के अन्य बुद्धिजीवी भी मौजूद थे।
मुरारी ठाकुर