भारत और नेपाल के संबंधों में 18 सितंबर का दिन ऐतिहासिक हो गया, क्योंकि पहली बार दोनों देशों के बीच रेलगाड़ी चली है। शुक्रवार को बिहार के जयनगर से नेपाल के जनकपुर धाम के लिए स्पेशल डीएमयू ट्रेन रवाना हुई। इस दिन का इंतजार जयनगर व जनकपुर के लाखों लोगों को था।
अवसर पर उपस्थित भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह अभी ट्रायल किया गया है। नेपाल रेलवे ऑथोरिटी द्वारा हरी झंडी मिलते ही जयनगर से जनकपुर के बीच सामान्य परिचालन शुरू हो जाएगी। भारत सरकार ने नेपाल को बड़ी रेलवेलाइन की सौगात दी है। शुक्रवार को चली डीएमयू ट्रेन का इंटेरियर आधुनिक है।
बता दें कि जयनगर—जनकपुर के अलावा पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल से काठमांडू तक भी रेल सेवा शुरू करने की तैयारी चल रही है। रक्सौल से छोबर (काठमांडू के पास) तक 192 किमी लंबे रेलमार्ग के तैयार होने में पांच वर्ष लगेंगे। इस परियोजना में करीब 300 अरब रुपए खर्च होंगे। रेलमार्ग पर 42 किमी लंबा सुरंग भी बनेगा। कोंकण रेलवे व नेपाल रेल आॅथेरिटी ने मिलकर इसके लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार किया है। इसके बाद डीपीआर बनने का कार्य शुरू है।