पटना: राज्य में नए पशु चिकित्सकों की बहाली अब जल्द हो सकेगी। बहाली के रास्ते की अड़चनें अब समाप्त हो रही हैं।वेटनरी डॉक्टरों की बहाली से संबंधित नियमावली भी तैयार हो गई है। इस नियमावली को जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट भेजा जाएगा। अगली कैबिनेट में उसके स्वीकृत हो जाने की संभावना है।
मिली जानकारी के अनुसार नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद नई बहाली की अधियाचना तकनीकी सेवा आयोग को भेजी जाएगी। नियमावली नहीं बने रहने के कारण आयोग ने गत वर्ष बहाली की अधियाचना को लौटा दिया था।
इसके बाद से नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। नियमावली बनने के बाद 615 रिक्त पदों पर बहाली की अधियाचना भेजी जाएगी। बनाई गई नियमावली को राज्य प्राधिकृत समिति ने भी स्वीकृति दे दी है। नियमावली के अंग्रेजी वर्जन अनुवाद की विधि विभाग समीक्षा पूरी कर चुका है।
राज्य में अभी 1170 वेटनरी डॉक्टर हैं । जबकि अट्ठारह सौ स्वीकृत पद हैं। 615 पदों पर बहाली के बाद राज्य में वेटनरी डॉक्टरों की कमी की समस्या दूर हो जाएगी।
नई नियमावली में क्या है खास
नई नियमावली में सभी वेटनरी डॉक्टरों की नियुक्ति प्रोन्नति ,आदि प्रक्रिया को स्पष्ट कर दिया गया है। एमबीबीएस डॉक्टरों की तरह अंकों के आधार पर बहाली की जाएगी। लिखित परीक्षा नहीं होगी। इससे बहाली में लगने वाले समय में भी कमी आएगी।
क्या होगा फायदा
राज्य के अधिकतर प्रखंडों में वेटरनरी डॉक्टर की तैनाती नहीं है। जहां है भी, वहां उनकी संख्या नगण्य है। ऐसे में किसानों व पशुपालकों को अपने मवेशियों की सामान्य चिकित्सा कराने में भी काफी कठिनाई होती है। नई बहाली से सुदूर पंचायतों में डॉक्टरों की कमी दूर होगी और असमय मरने वाले दुधारू पशुओं, मवेशियों, बाछिओं को बचाया जा सकेगा।