मनरेगा के तहत अब 7 घंटे तक ही होगी मिट्टी की कटाई

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मिट्टी कटाई के साथ-साथ निर्धारित दरों में किया जा रहा है संशोधन

पटना: राज्य में आप मनरेगा कार्यों के तहत 7 घंटे तक ही मिट्टी की कटाई वाले काम होंगे। 7 घंटे काम को ही दिन भर का काम मान कर उनको मजदूरी दी जाएगी‌। ऐसा मजदूरों की सुविधा के लिए किया गया है। इसी प्रकार एक मानव दिवस में कोई भी मजदूर अधिकतम 100 घन फुट मिट्टी ही काट सकेगा। मिट्टी काटकर उसके सिर्फ 65 फुट दूरी तक ही लिफ्ट करना होगा।

दरअसल, सरकार को विभिन्न स्रोतों से यह सूचना मिल रही थी कि निर्धारित परिमाण में मिट्टी की कटाई का कार्य कार्यरत अकुशल मजदूर द्वारा किया जाना संभव नहीं हो रहा है। फलस्वरूप उन्हें न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल पा रही है। महिलाओं की शारीरिक क्षमता कम होने के कारण पर्याप्त मात्रा में मिट्टी कटाई नहीं हो रही थी। मिट्टी कार्यों में महिलाओं की भागीदारी अपेक्षित रूप से नहीं हो पा रही थी।

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केंद्र सरकार द्वारा अब निर्धारित किया गया है कि 7 घंटों तक कार्य करने वाला मनरेगा मजदूर को दिन भर काम करने की मजदूरी मिलेगी। मनरेगा मजदूर के लिये मिट्टी कार्य में उत्पादकता मानक निर्धारित करने का प्रावधान है। इस मामले में गठित समिति ने अपना प्रतिवेदन विभाग को सौंप दिया है। विभाग ने समिति के प्रतिवेदन के आलोक में मनरेगा योजनान्तर्गत कार्यरत अकुशल मजदूरों के लिये मिट्टी कटाई के साथ-साथ विभिन्न लीड के लिये निर्धारित दरों में संशोधन किया है ।

मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मिट्टी कटाई कार्य में लगे मनरेगा मजदूरों के लिये वर्ष 2007 में लीड एवं लिफ्ट हेतु दर एवं काम के घंटे निर्धारित किये गये थे, जिसमें अब संशोधन किया गया है। अब मिट्टी कार्यो से संबंधित कार्य अवधि को प्रति दिन 8 घंटे के स्थान पर 7 घंटे किया जायेगा तथा अधिकतम मिट्टी की मात्रा 100 घन फुट निर्धारित करते हुये उसे एक मानव दिवस के तुल्य माना जाएगा।

मुलायम मिट्टी कार्य में लगे मजदूर को जहाँ पहले 50 फीट दूरी तक के लिए ढुलाई करनी पड़ती थी। पुरूषों को 80 एवं महिलाओं को 68 घन फीट मिट्टी कटाई कर लिफ्ट करना होता था, वहीं संशोधन के पश्चात् इसे क्रमशः 65 एवं 57 घन फिट मिट्टी कटाई कर लिफ्ट करना होगा। उसी प्रकार 50 फीट से 100 घनफीट खुदाई के मामले में पुरूषों एवं महिलाओं के लिए क्रमशः 60 एवं 52 घनफीट लिफ्ट किया जायेगा।

काम के घंटे में कमी के साथ-साथ कड़ी एवं अति कड़ी मिट्टी के संदर्भ में लगभग 20 प्रतिशत मिट्टी कटाई के परिमाण में भी कमी की गयी है।

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