सीएम नीतीश कुमार पर केस दर्ज ,यह है बड़ी वजह
मुजफ्फरपुर : सीएम नीतीश कुमार ने अनुसूचित जाति-जनजाति के किसी सदस्य की हत्या किए जाने पर पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी देने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में एक परिवाद दायर किया गया है, जिसमें उनपर दलितों की हत्या को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले के खिलाफ मुज़फ़्फ़रपुर में IPC की धारा 153A, 505, 120B के तहत परिवाद दायर किया गया है। जिसपर 14 सितंबर को सुनवाई की जाएगी। शिकायत दाखिल करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता गौरव सिंह ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार द्वारा जो निर्देश जारी किया गया है उस प्रावधान से दलितों की हत्या को बढ़ावा मिलेगा।
मालूम हो कि 5 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति -जनजाति परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीडि़त परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिए तत्काल नियम बनाएं। उन्होंने कहा था कि अनुसूचित जाति-जनजाति की विभिन्न योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने के लिए मुख्य सचिव अपने स्तर से इसकी समीक्षा करें। बिहार सरकार के इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है और दलित वोट बैंक को आकर्षित करने के फैसले के तौर पर देखा जा रहा है।