मिलावटी गठजोड़ का चेहरा हुआ बेनकाब: मंगल पांडेय

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पहले अस्पतालों में रूई व सूई नहीं अब होता है अंग प्रत्यारोपण

पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि 15 वर्ष पहले राज्य अस्पतालों में सूई और रूई तक नही मिलती थी और आज अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण जैसे जटिल कार्य सम्पन्न हो रहे हैं। फर्क साफ है तब और अब के शासन में।

पांडेय ने आज यहां प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार की एनडीए सरकार की उपलब्धियों की फेहरिश्त बड़ी लंबी है। आरजेडी-कांग्रेस के मिलावटी गठजोड़ के झूठ की लिस्ट अब जनता के समक्ष उजागर हो चुकी है। पांडेय ने कहा कि 2005 से पहले 2002-03 के आसपास बिहार का स्वास्थ्य बजट 278 करोड़ हुआ करता था, जो आज लगभग 10 हजार करोड़ के करीब पहुँच चुका है। 15 साल में हमने 45 गुने की वृद्धि की है क्या इस तथ्य से मिलावटी गठजोड़ मुंह मोड़ लेगा ?

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मंगल पांडेय ने कहा कि 2005 से पहले राज्य के अस्पतालों में दवा तक नहीं मिलती थी। अब अस्पतालों में तीन सौ दवाएं मुफ्त में दी जाती है। तब और अब में फर्क का सबसे बड़ा उदाहरण अस्पतालों की संख्या है। राजद के राजपाट में 6 सरकारी और दो प्राइवेट अस्पताल थे लेकिन आज 12 सरकारी और 5 प्राइवेट सहित 17 मेडिकल कालेज अस्पताल हो गए हैं। अगले चार वर्षों के भीतर इसकी संख्या बढ़ कर 28 हो जाएगी। बिहार में फिजिशियन की संख्या 3 डिजिट में नहीं होती थी. आज 2 हजार से ज्यादा है। पिछले तीन वर्षों के भीतर पैरामेडिकल और चिकित्सकों के मामले में 21,530 नियुक्तियां हुई हैं। अभी 12,621 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।

तब और अब में आये फर्क का सबसे बड़ा उदाहरण आईजीएमएस अस्पताल है जो उनके राजपाट में बंद होने के कगार पर था, आज वहां के 1032 बेड पर अत्याधुनिक तरीके से इलाज हो रहा है। उन्होंने कहा कि हेल्थ असिस्टेंट महिलाओं की संख्या में 2005 की तुलना में 40 गुणा की बढ़ोत्तरी हमारी एनडीए सरकार में हुई है क्या इस तथ्य पर बात नहीं होनी चाहिए ?

पांडेय ने कहा कि कोरोना की महामारी से जब विश्व जूझ रहा था, तब बिहार का मिलावटी गठजोड़ झूठ और भ्रम फैलाकर प्रदेश की जनता के मन में भय भरने में लगा हुआ था। आज जब कोरोना की खिलाफ बिहार की लड़ाई में सफलता के आंकड़े आने लगे तो झूठ के मुंह पर चुप्पी चिपक गयी है. बिहार का रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से 11 प्रतिशत ज्यादा है. डेथ रेट पर हमने पहले दिन से नियन्त्रण किया है. और बेड की उपलब्धता आज इतनी है कि हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स से बिहार को 500-500 बेड के दो कोविद अस्पताल मिले हैं. क्या पीएम केयर्स पर झूठ की दूकान चलाने वालों को अब प्रदेश की जनता से माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए ? बिहार में आरजेडी-कांग्रेस का मिलावटी गठजोड़ कथ्य, तथ्य और सत्य तीनों ही कसौटियों पर झूठा साबित हुआ है. उनके और हमारे बीच का फर्क शीशे की तरह साफ़ है फर्क साफ़ है और दिख भी रहा है।

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