पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा बिहार में चुनाव कराने को लेकर कभी भी तिथि की घोषणा की जा सकती है। इस बीच बिहार राजनीति के दो महत्वपूर्ण खेमा एक महागठबंधन तो दूसरा एनडीए अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नए समीककरण पर काम कर रही है। लेकिन, गठबंधन के अंदर भी बयानबाजी का दौर जारी है।
इस बीच चुनाव को लेकर भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने बड़ा बयान दिया है। संजय पासवान ने सबसे पहले बिहार में दलितों की हत्या होने पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा का स्वागत किया। इसके बाद संजय पासवान ने जो बयान दिया है, इससे जदयू की चिंता बढ़ सकती है।
पहले बराबर सीटें फिर रिटायरमेंट
पासवान ने सबसे पहले कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जदयू को 5 सीटिंग सीटें दी थी। इस लिहाज से 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा को बराबर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। इसके बाद पासवान ने कहा कि बिहार की जनता उम्रदराज लोगों को ख़ारिज करे इससे पहले बुजुर्ग नेता खुद को राजनीति से दूर कर लें और राजनीति में नए लोगों को मौके दें।
पासवान को नित्यानंद व पांडेय पसंद हैं
भाजपा के दलित नेता संजय पासवान ने नेतृत्व परिवर्तन की बात करते हुए कहा कि नई पीढ़ी का नेतृत्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय या मंगल पांडेय को करना चाहिए। यही दोनों नेता बिहार भाजपा के नई पीढ़ी के नेता हैं। साथ ही पासवान ने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है। अभी चुनाव से पहले बहुत कुछ होना बाकी है और चुनाव के बाद भी बहुत कुछ हो सकता है।
दलित डिप्टी सीएम बनना चाहिए
संजय पासवान ने कहा कि बिहार की राजनीति में फॉर (for) दलित ऑफ़ (of) दलित बाय (by) दलित की राजनीति देर से आई, लेकिन दुरुस्त आई। पासवान ने कहा कि बतौर दलित नेता होने के नाते मेरे लिए बेहद खुशी की बात है कि बिहार में अब दलितों की भी पुकार सुनी जाएगी। बिहार की राजनीति में सत्ता पहले सवर्णों के हाथ में थी, फिर ओबीसी के हाथ में गए और अब दलितों के हाथ में जानी चाहिए। इसलिए इसबार डिप्टी सीएम किसी दलित समुदाय का होना चाहिए।