देश के विकास के लिए फिट इंडिया कार्यक्रम आवश्यक : डॉक्टर मोहम्मद रहमतुल्लाह
- स्वयंसेवकों द्वारा फिट इंडिया जागरूकता रैली सराहनीय कदम है-सिविल सर्जन
दरभंगा : राष्ट्रीय सेवा योजना कुंवर सिंह महाविद्यालय इकाई स्वयंसेवकों के द्वारा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली और क्षेत्रीय निदेशक राष्ट्रीय सेवा योजना पटना के निर्देशानुसार फिट इंडिया और फ्रीडम इंडिया यूथ क्लब कार्यक्रम के लिए साइकिल रैली को कुंवर सिंह महाविद्यालय लहरिया सराय के प्रधानाचार्य डॉक्टर मोहम्मद रहमतुल्लाह एवं सिविल सर्जन दरभंगा ने हरी झंडी दिखाकर विदा किए।
फिट इंडिया ऑल फ्रीडम इंडिया यूथ क्लब कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य ने कहा स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है।देश के विकास के लिए हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए योग ,ध्यान और व्यायाम का प्रतिदिन अभ्यास करना चाहिए और स्वयंसेवकों से योग कार्यक्रम के द्वारा जागरूकता चलाने की अपील की। सिविल सर्जन दरभंगा ने कहा फिट इंडिया और फ्रीडम इंडिया यूथ क्लब कार्यक्रम युवाओं के लिए आवश्यक है। स्वयंसेवकों द्वारा साइकिल रैली द्वारा जागरूकता करना एक सराहनीय कदम है।
फिट इंडिया और फ्रीडम इंडिया यूथ क्लब कार्यक्रम की सफलता के लिए सिंह राष्ट्रीय सेवा योजना कुंवर सिंह इकाई के स्वयंसेवकों द्वारा निकाली गई साइकिल रैली का नेतृत्व करते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिए गए नारे “बॉडी फिट तो माइंड फिट”देश के लिए युवाओं के लिए अति आवश्यक है। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने साइकिल रैली द्वारा कुंवर सिंह पथ होते हुए अल्लपट्टी,कर्पुरी चौक, दरभंगा मेडिकल कॉलेज , नाका नंबर 6 रह्मगंज होते कुंवर सिंह महाविद्यालय परिसर पहुंचकर जागरूकता अभियान चलाया।
कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने फिट इंडिया और फ्रीडम इंडिया यूथ क्लब कार्यक्रम के तहत अपने अपने गांव, मोहल्ले और परिवार में योग प्रशिक्षण चलाकर जागरूकता अभियान को सफल बनाया। राष्ट्रीय सेवा योजना कुंवर सिंह इकाई के स्वयंसेवक गोपाल कुमार मिश्र, शालिनी कुमारी, पायल कुमारी ,पिंकी कुमारी, शमा परवीन, सावन कुमार झा, कुंदन कुमार राय, राजा कुमार ,गोपाल कुमार, रूपा कुमारी, गोविंद कुमार ,उदित नारायण झा ,सचिन कुमार मिश्रा, रंजन कुमारी के साथ कर्मचारी संघ के नेता हर्षवर्धन सिंह ,चंद्रशेखर सिंह उर्फ कन्हैया, तेजो पंडित, जयप्रकाश मंडल, विश्वनाथ पासवान आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
यूजीसी ने जारी किया नया एडमिशन गाइडलाइन, सितंबर में आएगा एकेडमिक कलेंडर
दरभंगा : यूजीसी ने एग्जाम और एकेडमिक कलेंडर गाइडलाइन को आगे बढ़ाते हुए कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने 29 अप्रैल को जारी गाइडलाइन में एक महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानाें काे 30 सितंबर के बाद भी छात्रों को प्रोविजनल एडमिशन देने की छूट दे दी है। छात्रों को शैक्षणिक दस्तावेज जमा करने के लिए भी 30 सितंबर के बाद की इजाजत मिल गई है।
यूजीसी के सचिव की ओर से आज नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि सभी शिक्षण संस्थान अब 30 सितंबर के बाद भी अपने अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में योग्य छात्रों को प्रोविजनल एडमिशन दे सकते हैं। इसके साथ-साथ छात्रों को अपने शैक्षणिक दस्तावेज जमा करने के लिए भी 30 सितंबर के बाद का समय देने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यूजीसी ने छात्र हित में गाइडलाइन में संशोधन करते हुए ये निर्देश जारी किए हैं।
यूजीसी की ओर से 29 अप्रैल को एग्जाम गाइडलाइन उपलब्ध कराते हुए एकेडमिक कलेंडर जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि यूनिवर्सिटी-काॅलेजों में 31 अगस्त तक यूजी-पीजी के एडमिशन होंगे। प्रोविजनल एडमिशन और डाॅक्टयूमेंट के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था। इसके बाद 6 जुलाई को नई एग्जाम गाइडलाइन जारी की गई थी लेकिन एकेडमिक कलेंडर बाद में जारी करने के लिए कहा गया था। कोविड-19 की मौजूदा परिस्थितियों के तहत यूजीसी की ओर से नया एकेडमिक कलेंडर आना बाकी है।
दरअसल, यूजीसी की पहली गाइडलाइन में 31 अगस्त तक एडमिशन पूरे करने का समय दिया गया था लेकिन केंद्र सरकार की लाॅकडाउन और अनलाॅक की गाइडलाइन के चलते परिस्थितियां बदल चुकी हैं। अभी अधिकांश राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं भी नहीं हुई हैं जिसे देखते हुए आयोग ने प्रोविजनल एडमिशन पर अतिरक्ति समय देते हुए नया कलेंडर होल्ड पर रखा हुआ है।
दूसरी ओर, यूजीसी ने कहा है कि नया एकेडमिक कलेंडर जारी होने तक ये उपरोक्त व्यवस्था लागू रहेगी। दूसरी ओर आयोग ने एक बार फिर दोहराया है कि कोविड-19 के कारण 6 जुलाई को जारी रिवाइड गाइडलाइन के तहत विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अपने सभी कोर्सों के फाइनल एग्जाम खत्म कराने हैं।
मुरारी ठाकुर