पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दी श्रद्धांजलि, विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा भीं हुए शामिल
मधुबनी : जिला काँग्रेस कार्यालय में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की याद में एक शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमे बिहार काँग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा भीं शामिल हुये।
मधुबनी जिलाध्यक्ष प्रोफेसर शीतलाम्बर झा की उपस्थिति में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तैल चित्र पर पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओ द्बारा पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दीं गई।
उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुये बिहार काँग्रेस क़े विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा भारतीय राजनीति में उनके योगदान को भुलाया नही जा सकता उनके निधन से अपूर्णीय क्षति हुई है। वे एक बड़े राजनेता थे, उनका व्यक्तित्व विराट था।
विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने किया विद्यापति टावर का उद्घाटन
मधुबनी : जिले के रहिका प्रखंड के विद्यापति चौक पर आज सादे समारोह में कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने विद्यापति टावर का उद्घाटन किया। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शितलाम्बर झा, मीणा देवी कुशवाहा, कृष्णकांत झा’गुड्डू’, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनुररंजन सिंह, राजकमल कुमार सहित अन्य दर्जनों नेता व सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस मौके पर कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मिथिला की लगातार ये सरकार उपेक्षा कर रही थी, अब मिथिला की जो पहचान है मखाना उसका जीआई टैगिंग बिहार के नाम से कराकर मिथिला से उसकी पहचान तक छीनने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जब यहां उर्दू,फ़ारसी ओर दूसरे जबान की भाषा सिखाई ओर पढ़ाई जाती है, तो मिथिला में मैथिली की पढ़ाई क्यों नही हो रही? कई संस्थाओं ने इसका विरोध और ज्ञापन पूर्व में भी दिया हुआ है, पर सरकार मिथिला को लगातार उपेक्षित कर रही है।
इन्होंने कहा कि जब मुजफ्फरपुर की लीची हो सकती है, हाजीपुर का केला हो सकता है, मगही पान हो सकता है, तो मिथिला का मखान क्यों नही हो सकता है? ये सरासर अन्याय है मिथिलावासियों के साथ। साथ ही आने वाले चुनाव में जनता इसका हिसाब करेगी। फिर उन्होंने मुख्यमंत्री पर सीधा निशान साधते हुए कहा की ये कुर्सी पसंद व्यक्ति हैं, ओर ये बिहार के सबसे अविश्वासी नेता बन चुके हैं, जब इनको बिहार की जनता ने भाजपा के विरुद्ध में हमारे गठबंधन में मैंडेट दिया था, बावजूद इसके वो पलटु बन कर भाजपा की गोद मे जाके बैठा गए।
मधुबनी पेंटिंग कर युवा वर्ग रच रहे नए-नए कीर्तिमान
मधुबनी : हाल में ही अचानक से चर्चा में आई एक नटराज की मिथिला पेंटिंग के ढाई लाख में बिकने पर अचानक मशहूर होने पर अविनाश कर्ण को बधाई देने वालों का तांता से लग गया है। मधुबनी पेंटिंग के कालाकार अविनाश कर्ण से हुई विशेष बातचीत में उन्होंने कई बातों पर प्रकाश डाला।
उन्होनें हमारे संवाददाता से बातचीत में कहा कि युवाओं को इस क्षेत्र में आना चाहिए, और केवल आर्थिक लाभ के उद्देश्यमात्र से नही बल्कि इस क्षेत्र में कुछ नया करने के लिए मधुबनी पेंटिंग को विश्व में और प्रतिष्ठा दिलाने के लिए आना चाहिए।
साथ ही उन्होने सरकार के संस्थाओं के कुछ अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो भी अधिकारी कला एवं संस्कृति विभाग में कार्यरत हैं, उनको भी कला के क्षेत्र में सहयोगपूर्ण कार्य करना चाहिए। कालाकारों का उत्साह वर्धन करना चाहिए एवं सरकारों को भी केवल योजना प्रदत करने के अलावे अन्य तरीक़े प्रोत्साहन भी करना चाहिए।
पीएचईडी मंत्री ने साधारण तरीके से बिना फीता काटे किया नल-जल योजना का शुभारंभ
मधुबनी : जिले के कलुआही प्रखंड के नरार पंचायत के सभी 13 वार्डों नीर निर्मल परियोजना अंतर्गत पाइप, जलआपूर्ति योजना से हर घर नल का जल का उद्घाटन पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा के द्वारा किया गया। चूंकि कल पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का निधन उपरांत सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया हुआ है, इसलिए आज इस योजना के उद्घाटन विधिवत न होके बस चालू कर दिया गया है।
इस मौके पर पीएचईडी मंत्री ने बताया कि बिहार लालू-राबड़ी राज में सिर्फ बदनाम हुआ। न ही कोई सुविधा मिली और ना ही विकास हुआ। एनडीए गठबंधन में बिहार का विकास काफी हुआ। पहले बिहार में सड़क, बिजली और पानी मुद्दा था काफी बड़ा, पर आज ये मुद्दे जैसे खत्म हो गए हैं। सड़क और बिजली की इस्तिथि आज पहले से बहुत बेहतर है। वहीं मुख्यमंत्री साथ निश्चय योजना अंतर्गत एक महत्वाकांची योजना नल-जल योजना है। जिसका उद्घाटन कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किया था। आज उसी क्रम में कलुआही प्रखंड के नरार पश्चिमी पंचायत में नल-जल योजना का उद्घाटन होना था, पर पूर्व राष्ट्रपति के निधन के कारण सादे समारोह में इस योजना को क्रियान्वयन कर चालू कर दिया जा रहा है।
कोरोना पर भारी पड़ी अनंत चतुर्दशी, मंदिरों एवं घरो में पूरे विधि विधान से हुई पूजा
मधुबनी : जहाँ कई पर्वों पर कोरोना का असर देखा गया वहीं कोरोना महामारी का असर अनंत चतुर्दशी पर्व पर एकदम नही पड़ा,घरो एवं मंदिरों मे पूरे विधि विधान से पूजा हुई। मधुबनी नगर के स्टेशन चौक पर स्थित हनुमान प्रेम मंदिर एवं बड़ा बाजार स्थित हनुमान मंदिर में धूमधाम से अनंत चतुर्दशी पर्व की पूजा की गई जहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। वहीं कई घरो में भीं पंडित को बुलाकर अनंत चतुर्दशी की पूरे विधि विधान से पूजा की गई जहाँ अगल-बगल के श्रद्धालुओं ऩे भाग लिया।
अनंत चतुर्दशी के दिन मुख्यत: भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं। इस दिन व्रत रखने वाले पुरुष अपने दाहिने हाथ में और महिलाएं अपने बाएं हाथ में अनंत धागा धारण करती हैं। यह धागा 14 गांठों वाला होता है। ये 14 गांठें भगवान श्री विष्णु के द्वारा निर्मित 14 लोकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि अनंत चतुर्दशी का व्रत 14 वर्षों तक किया जाए तो उस व्यक्ति को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इसे अनंत चौदस भी कहा जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है।
सुमित राउत