पटना: राजद में शामिल होने की ख़बरों को अफवाह बताते हुए पुतुल कुमारी ने कहा कि ऐसी बातें कहाँ से आ रही है, नहीं पता। हालांकि उन्होंने कहा कि राजनीति में सबको आगे बढ़ने की इच्छा होती है। पर राजद में शामिल होने का निर्णय नहीं लिया गया है। इस बाबत उन्होंने कहा कि आगे क्या करना है इसको लेकर 1-2 सितम्बर को कार्यकर्ताओं संग बैठक होगी, फिर आगे की रणनीति तय होगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी पुतुल कुमारी 2010 में सांसद बनी थीं। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गई थी तथा 2014 के आम चुनाव में भाजपा की ओर से प्रत्याशी थीं हालांकि मोदी लहर के बावजूद वे चुनाव हार गईं। इसके बाद भाजपा ने उनके राजीतिक वजूद को देखते हुए पुतुल कुमारी को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। हलांकि 2019 के आम चुनाव में नीतीश कुमार से गठबंधन होने के कारण उन्हें टिकट से वंचित रहना पड़ा। भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ीं और हार गईं। नतीजतन गठबंधन धर्म निभाने के चक्कर में उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
सूत्रों की मानें तो राजद में जाने की खबरें सामने आने के बाद भाजपा के कुछ नेता उनसे संपर्क किया है। बातचीत के दौरान भाजपा नेता ने पुतुल कुमारी से कहा कि 2019 की बातों को पीछे छोड़कर एकबार फिर पार्टी को मजबूत करने के लिये काम करें। इस बार पार्टी गठबंधन धर्म से ऊपर उठकर उचित सम्मान देगी। मतलब पुतुल कुमारी की राजनीतिक महत्वत्ता को देखते हुए एक बार फिर पार्टी उनके निष्कासन को रद्द कर संगठन में उचित सम्मान दे सकती है।
मालूम हो कि बीते दिन ऐसी ख़बरें सामने आई थी कि जदयू के संस्थापक सदस्य रहे बांका के पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल कुमारी जो कि बांका से सांसद रह चुकी हैं, वे अपनी बेटी नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह के साथ राजद में शामिल होने जा रही है। श्रेयसी सिंह के बारे में यह बातें सामने आई थी कि वह बांका के अमरपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ सकती है।