सुशील मोदी का आरोप, राजद-कांग्रेस की सरकार ने दलितों, पिछड़ों व महिलाओं की हकमारी की

0

23 साल बाद एकल पदों पर बिना आरक्षण का प्रावधान किए पंचायत चुनाव कराया

पटना: विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट होते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। इसको लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता व बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद व कांग्रेस कार्यकाल को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राजद-कांग्रेस की सरकार ने 23 साल तक बिहार में पंचायतों का चुनाव नहीं कराया। 23 साल बाद 2003 में चुनाव कराया तो एकल पदों पर दलितों, पिछड़ों व महिलाओं को आरक्षण से वंचित कर उनकी हकमारी की। एनडीए की सरकार आने के बाद इन्हें आरक्षण दिया गया, नतीजतन आज हजारों की संख्या में पिछड़ा, अतिपिछ़ड़ा और महिलाएं एकल पदों पर चुनाव जीत कर आ रही हैं।

सुशील मोदी ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसने मुखिया व राज्य के 1 लाख 14 हजार वार्ड सदस्यों के संयोजकत्व में नल-जल व नली-गली जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है। राज्य सरकार ने इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन तथा अभिलेखों के अनुरक्षण, ऑनलाइन प्रविष्टि व आय-व्यय के ब्यौरे आदि की रख रखाव के लिए 6,828 कार्यपालक सहायक, 1375 तकनीकी सहायक व 1578 लेखपाल सह आईटी सहायकों को नियुक्त किया है।

swatva

15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर 5,018 करोड़ तथा छठे राज्य वित्त आयोग से 2,626 करोड़ यानी कुल 7,644 करोड़ रुपये इस साल खर्च के लिए पंचायती राज्य संस्थाओं को प्राप्त होगा।

राज्य सरकार ने सभी 8,085 पंचायतों में प्रति पंचायत सवा करोड़ की लागत से पंचायत सरकार भवन बनाने का निर्णय लिया है। अब तक 1,386 पंचायतों में भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है। पंचायतों को ही भवन निर्माण का जिम्मा दिया गया है। अगर किसी पंचायत के मुख्यालय में भूमि उपलब्ध नहीं है तो उसके किसी भी गांव में पंचायत भवन का निर्माण कराने की छूट दी गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here