एमएसएमई दूर करेगी बेरोजगारी, महज 59 मिनट में 1 करोड़ लोन

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पटना : सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योगों के माध्यम से देश की बेरोजगारी दूर करने और उत्पादन क्षमता बढाने के उद्देश्य से देश के 115 पिछड़े जिलों को समृद्ध बनाने की आज एक नई पहल की गई। इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम शुरू किया गया। इसके अंतर्गत अब महज 59 मिनट के भीतर उद्योग लगाने वाले को एक करोड़ तक लोन मिल सकेगा। इस मौके पर पटना के बापू सभागार में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार में 30 करोड़ ऐसे लोगों को लोन दिया गया जिन्होंने कभी लोन नही लिया था। विशेष बात ये है कि इनमें से 73% महिलाएं हैं और लगभग 55% पिछड़े समाज के लोग।
श्री प्रसाद ने कहा कि अब हमारे देश में 3 लाख डिजिटल सिपाही (CSE) तैयार हैं जो भारत के मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप और मुद्रा योजना जैसी योजनाओं को सफल बनाने का काम कर रहे हैं। देश के ग्रामीण शहरों में 2014 में हमारी सरकार आने से पहले 6 लाख शौचालय बने थे जबकि स्वच्छ भारत अभियान के तहत 4 सालों में हमने 9 लाख से अधिक शौचालय बनवाये। वहीँ जीएसटी के बाद अब तक 6 करोड़ लोग इनकम टैक्स भरने लगे हैं जबकि जेनरल सेल्स टैक्स के तहत व्यापारियों ने 1 लाख 13 हज़ार करोड़ राजस्व में जमा किये। अब भारत सरकार इन् रुपयों का इस्तेमाल योजनाओं के क्रियान्वन के लिए कर रही है और यही कारण है कि भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है।
विशिष्ट अतिथि की भूमिका में उपस्थित केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योगों में नौजवानों के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देना एक क्रांतिकारी कदम है। गांधीजी ने कहा था कि देश में बेरोजगारी सूक्ष्म,लघु,और मध्यम उद्योगों के द्वारा ही कम की जा सकती है न कि बड़े उद्योगों के प्रोत्साहन से, और हमारी सरकार इसी दिशा में काम कर रही है।
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि आज देश को इतना समृद्ध करने में एमएसएमई का बड़ा योगदान रहा है। एलईडी बल्ब की बढती मांग और ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति के साथ-साथ रोजगार उत्पन्न करने की भी क्षमता है। सरकार छोटे-मझोले उद्योगों को इससे जोड़कर एक क्लस्टर बना कर इसमें रोजगार के साथ साथ उत्पादकता को भी बढ़ाने की दिशा में कम कर रही है।
सत्यम दुबे/सोनू

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