विराट हिन्दुस्तान संगम के बैनर तले कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट एवं भारतीय संस्कृति पर किया गया वेबीनार का आयोजन

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पटना : विराट हिन्दुस्तान संगम के बैनर तले 15 वीं साप्ताहिक वेबीनार का आयोजन रविवार को किया गया। जिसकी अध्यक्षता रसायन शास्त्र विभाग के प्रोफ़ेसर डाॅ .सैयद मुमताजुद्दीन ने की।

इस व्याख्यान का विषय “कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट एवं भारतीय संस्कृति” था। वेविनार में कोविड-19और भारतीय संस्कृति पर जाने माने विद्वान प्रोफेसर सामाजिक कार्यकर्ता अपने अपने विचार व्यक्त किये। सभा की शुरुआत अनुग्रह नारायण महाविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष( भूगोल) रिटायर्ड प्रोफेसर और विराट हिंदुस्तान संगम के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने संबोधन के साथ मुख्य वक्ता के रूप में किया ।

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पुरातन भारतीय ग्रंथों में वर्णित संदेशों का उद्धरण प्रस्तुत

वहीं अध्यक्षीय भाषण में इस सभा के अध्यक्ष डॉ सैयद मुमताजुद्दीन ने गीता, वेद तथा पुराण सदृश पुरातन भारतीय ग्रंथों में वर्णित संदेशों का उद्धरण प्रस्तुत करते हुए उनमें उल्लेखित आदर्शों को ही संकट के इस काल में अपनाने जैसी व्यावहारिकता की स्थापना को ही एकमात्र सहारा के रूप में वर्णित किया।

पुनरुत्थान एवं पुनर्स्थापना की वकालत

मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय दार्शनिक शोध संस्थान, नई दिल्ली के अध्ययक्ष एवं पटना विश्वविद्यालय, पटना के पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष प्रो. रमेश चन्द्र सिन्हा ने कोरोना कालीन संकट की इस घड़ी में भारतीय संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए उसकी पुनरुत्थान एवं पुनर्स्थापना की वकालत किया।

अवसाद से बाहर निकलने के लिए हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता काफी कारगर

उन्होंने कहा इस विषम परिस्थिति में सावधानी और सतर्कता की जरूरत है लोग ऐसी परिस्थिति में अवसाद ग्रसित हो जाते हैं , और अवसाद से बाहर निकलने के लिए हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता काफी कारगर है, लोग उसे अमल कर अवसाद से बाहर निकलने का प्रयास करें ।पहले से ही हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित है । जब-जब ऐसी विकट परिस्थिति आई है । तब तब ऋषि-मुनियों द्वारा खुद को आइसोलेट यानी एकांत करके तरह-तरह के अनुसंधान और प्रयोग के माध्यम से इस धरती को उबारने का का किया है।

महामारी से निपटने में भी हमारी सभ्यता और संस्कृति काफी कारगर

उन्होंने कहा कि हम लोग आशावादी हैं। हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इससे महामारी से निपटने में भी हमारी सभ्यता और संस्कृति काफी कारगर साबित होगी। आज का विज्ञान भी वही बातें हमें समझा रहा है। वेबीनार में भाग ले रहे अन्य वक्ताओं ने भी अपने अलग-अलग विचार प्रकट कर लोगों को बर्तमान परिस्थिति पर लाभप्रद बाते कहे।

वेबिनार मे मुख्य रूप से वीर कुवंर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर पारस राय, एमपीएस सायंस काॅलेज, मुजफ्फरपुर के पूर्व प्राचार्य डॉ.अमरेन्द्र ठाकुर,भूगोल के प्रो. अर्जुन सिंह, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के भूगोल के शिक्षक डॉ वीरेन्द्र कुमार, प्रो अलखदेव, प्रो. नन्द किशोर, मगध विश्व विद्यालय के हिन्दी के प्रोफ़ेसर रामध्यान बाबु ,भूगोल के डाॅ. रविन्द्र केशव ,पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, पत्रकार चंद्रकेतु पाण्डेय सहित अन्य राज्य के विभिन्न हिस्सों से बङी संख्या में विद्वानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं,छात्रों, नौजवानों एवं जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने भाग लेकर अपना विचार व्यक्त किया।

सभा के अन्त मे विएचएस के बिहार शाखा के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर देवेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्तमान संकट भारतीय परंपराओं की पुनर्स्थापना के लिए अत्यंत ही उपयुक्त है। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से सर्वश्री सुमित, आशीष एवं सूरज ने किया। धन्यवाद ज्ञापन म. विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर शिव प्रसन्न शर्मा किया।

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