सत्ता प्राप्ति के लिए अब जाति में बांटना और काम के बदले जमीन लिखवाने वाला नुस्खा नहीं चलेगा
पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि एनडीए सरकार जब “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ” की नीति पर काम कर रही है, तब बिजली, पानी, चिकित्सा, सड़क, महासेतु का लाभ किसी की जाति या धर्म पूछ कर नहीं दिया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि किसान सम्मान निधि, वृद्धावस्था पेंशन, आयुष्मान भारत योजना या मुफ्त गैस कनेक्शन देने की योजना का लाभ उन लाखों लोगों को मिला, जो उसके पात्र थे। न योजनाओं का लाभ देने में किसी की जाति पूछी गई, न बाढ़ राहत के 6-6 हजार रुपये खाते में डालने के लिए और न कोरोना जांच या इलाज में कोई भेदभाव हुआ।
सुशील मोदी ने अन्य ट्वीट में लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब चुनाव सामने देख कर कोई किसी जाति-समुदाय का सबसे बड़ा हितैषी बन रहा है, तो कोई किसी मजहब को डरा कर वोट लेना चाहता है। जाति में बांट कर सत्ता हथियाने और काम के बदले जमीन लिखवाने वाला नुस्खा अब नहीं चलेगा।
वर्ष 2014 और 2019 के लगातार दो संसदीय चुनावों में जनता ने जाति-पंथ की राजनीति को खारिज कर दिया। लालू प्रसाद के राजद को एक बार मात्र 4 सीटें मिलीं और पिछली बार जीरो पर आउट होना पड़ा। उन्हें एनडीए के 15 साल में सामाजिक न्याय के साथ हुआ चौतरफा विकास नहीं दिखता।
लालू के राज में शहरों में 10 घंटे भी बिजली नहीं मिलती थी, जबकि आज हर गांव को बिजली मिल रही है। 2018 में ही ग्रामीण विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। हर गांव सड़क से जुड़ रहा है। विकास की राजनीति का विरोध लालटेन पार्टी की अगुवाई वाले विपक्ष को फिर धूल चटायेगा।