Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Swatva पटना बिहार अपडेट बिहारी समाज संस्कृति

जानिए कोरोना संकटकाल में कैसे मनाएं गणेशोत्सव

पटना : आजकल पूरे विश्‍व में कोरोना महामारी के कारण सर्वत्र ही लोगों के बाहर निकलने पर अनेक बंधन लगे हैं । भारत के विविध राज्यों में भी लॉकडाउन लागू है । कुछ स्थानों पर कोरोना का प्रकोप भले ही कम हो लेकिन वहां भी लोगों के घर से बाहर निकलनेपर रोक हैं । इसके कारण विविध त्योहारों, उत्सवों एवं व्रतों को सामान्य की भांति सामूहिक रूप से मनाने पर बंधन लगाए गए हैं ।

कोरोना जैसे संकटकाल की पृष्ठभूमि पर हिन्दू धर्म में धर्माचरण के शास्त्र में कुछ विकल्प बताए हैं, जिन्हें‘आपद्धर्म’ कहा जाता है ।‘आपद्धर्म’ का अर्थ ‘आपदिकर्तव्यो धर्मः ।’ अर्थात‘संकटकाल में धर्मशास्त्र सम्मत कृत्य’ । इसी अवधि में गणेशचतुर्थी का व्रत तथा गणेशोत्सव के आने से संपतकाल में बताई गई पद्धति के अनुसार अर्थात सामूहिक स्वरूप में इस उत्सव को मनाने के लिए मर्यादाएं हैं ।

गणेशचतुर्थी का व्रत किस प्रकार करना चाहिए 

गणेशोत्सव हिन्दुओं का बहुत बडा त्योहार है । गणेशचतुर्थी के दिन, साथ ही गणेशोत्सव के दिनों में पृथ्वी पर गणेशतत्त्व सामान्य दिनों की तुलना में सहस्र गुना कार्यरत होता है।

आजकल कोरोना महामारी का प्रकोप प्रतिदिन बढ रहा है। इसके कारण कुछ स्थानों पर घर से बाहर निकलनेपर प्रतिबंध हैं । इस दृष्टि से आपद्धर्म और धर्मशास्त्र का मेल कर जीवंत दृश्य, सजावट आदि न कर सादगीयुक्त पद्धति से पार्थिव सिद्धिविनायक का व्रत किया जा सकता है ।

मालूम हो कि प्रतिवर्ष कई घरों में खडिया मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पैरिस आदि से बनाई जानेवाली मूर्ति की पूजा की जाती है । इस वर्ष जिन क्षेत्रों में कोरोना विषाणु का प्रकोप अल्प है अर्थात जिस क्षेत्र में यातायात बंदी नहीं है, ऐसे स्थानोंपर सामान्य की भांति गणेशमूर्ति लाकर उसकी पूजा करें ।

जिन लोगों को किसी कारणवश घर से बाहर निकलना भी संभव नहीं है। कोरोना प्रकोप के कारण आसपास का परिसर अथवा इमारत को ‘प्रतिबंधजन्यक्षेत्र’ घोषित किया गया है। वहां के लोग‘गणेशतत्त्व का लाभ मिले’,इसके लिए घर में स्थित गणेशमूर्ति की पूजा अथवा गणेशजी के चित्र का षोडशोपचार पूजन कर सकते हैं। यह पूजन करते समय पूजा में समाहित ‘प्राणप्रतिष्ठा विधि’ नहीं करनी है,यह ध्यान में लेनेयोग्य महत्त्वपूर्णसूत्र है ।

ज्येष्ठा गौरीव्रत किस प्रकार करें 

कुछ घरों में भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन ज्येष्ठा गौरी का पूजन किया जाता है । इसे कुछ घरों में खडियों के स्वरूप में, तो कुछ घरों में मुखौटे बनाकर उनकी पूजा की जाती है । जिन्हें प्रतिवर्ष की भांति खडिया मिट्टी अथवा मुखौटों के स्वरूप में उनकी पूजा करना संभव नहीं है, वे अपने घर में स्थित देवी की किसी मूर्ति अथवा चित्र की पूजा कर सकते हैं।

गणेशमूर्ति लाते समय, साथ ही उसका विसर्जन करते समय घर के कुछ लोग ही जाएं । मूर्ति विसर्जन अपने घर के निकट के तालाब अथवा कुएं में करें। इस काल में भीड होने की संभावना होने से शासन द्वारा कोरोना के संदर्भ में दिए गए दिशानिर्देशों का अचूकता से पालन करना हम सभी का आद्यकर्तव्य है ।

गणेशमूर्ति खडिया मिट्टी की ही क्यों होनी चाहिए 

धर्मशास्त्र के अनुसार खडिया मिट्टी की मूर्ति पूजन करने पर आध्यात्मिकस्तर पर उसका अत्यधिक लाभ मिलता है। ऐसा हिन्दू धर्मशास्त्रीय ग्रंथ में बताया गया है । ‘धर्मसिन्धु’ग्रंथ में ‘गणेशचतुर्थी के लिए गणेशजी की मूर्ति कैसी होनी चाहिए ?’, इसके संबंध में निम्नांकित नियम दिए गए हैं ।

तत्रमृन्मयादिमूर्तौ प्राणप्रतिष्ठापूर्वकंविनायकं षोडशोपचारैः सम्पूज्य…।- धर्मसिन्धु,परिच्छेद 2

अर्थ : इस दिन (भाद्रपदशुक्ल पक्ष चतुर्थी को) मिट्टी आदि से बनाई गई श्री गणेश मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठापूर्वक स्थापना कर उसकी षोडशोपचार पूजा करें …

दूसरे एक संदर्भ के अनुसार ‘स्मृतिकौस्तुभ’नामक धर्मग्रंथ में श्रीकृष्णजीद्वारा धर्मराज युधिष्ठिर को सिद्धिविनायक व्रत करने के संबंध में बताने का उल्लेख है । इसमें ‘मूर्ति कैसी होनी चाहिए ?’, इसका विस्तृत वर्णन आया है ।

स्वशक्त्यागणनाथस्य स्वर्णरौप्यमयाकृतिम्।

अथवामृन्मयी कार्या वित्तशाठ्यंंन कारयेत् ॥ -स्मृतिकौस्तुभ

अर्थ : इस (सिद्धिविनायकजी की) पूजा हेतु अपनी क्षमता के अनुसार सोना, रूपा(चांदी) अथवा मिट्टी की मूर्ति बनाएं । इसमें कंजूसी न करें ।

इसमें सोना, चांदी अथवा मिट्टी से ही मूर्ति बनाएं’ ऐसा स्पष्टता से उल्लेख होने से इन्हें छोडकर अन्य वस्तुओं से मूर्ति बनाना शास्त्र के अनुसार अनुचित है।’

गणेशजी की पूजा कैसे करनी चाहिए, उसके लिए क्या सामग्री आवश्यक है ?’ आदि के संदर्भ में जिन्हें अधिक जानकारी चाहिए। वे सनातन द्वारा निर्मित ‘गणेश पूजा एवं आरती’ ऐप को डाउनलोड करें अथवा ‘सनातन संस्था’ के www.Sanatan.org संकेत स्थल पर जाएं ।

गणेशपूजा एवं आरती’ ऐप को डाउनलोड करने हेतु मार्गिकाएं (लिंक्स)

1.Android App : sanatan.org/ganeshapp

2.Apple iOS App : sanatan.org/iosganeshapp