पटना: केन्द्रीय पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावेडकर के साथ देश भर के पर्यावरण मंत्रियों की हुई वर्चुअल बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना विश्वविद्यालय परिसर में राज्य सरकार की ओर से 30 करोड़ की लागत से स्थापित होने जा रही ‘डाॅलफिन रिसर्च सेंटर’ के लिए केन्द्र से मदद की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि बिहार के तीन शहरों भागलपुर, गोपालगंज व गया में नगर वन (City Forest) विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही गंगा सहित पांच नदियों के किनारे पौधारोपण तथा प्रत्येक जिले के 4-5 चयनित स्कूलों में ‘स्कूल नर्सरी’ खोले जाएंगे।
ज्ञातव्य है कि 15 अगस्त को लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में ‘प्रोजेक्ट डाॅलफिन’ प्रारंभ करने की घोषणा की है। चुंकि बिहार सरकार की पहल पर ही 05 अक्तूबर, 2009 को भारत सरकार द्वारा डाॅलफिन को ‘नेशनल एक्युटिक एनिमल’ घोषित किया गया था और पूरे देश की डाॅलफिन की आधी आबादी (1,464) बिहार में हैं, इसलिए डाॅलफिन शोध संस्थान के लिए बिहार को केन्द्र सरकार से मदद की अपेक्षा है।
भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत बिहार में तीन जगह भागलपुर के जय प्रकाश उद्यान (10 हे.), गोपालगंज के थावे (12.28 हे.) और गया के ब्रह्मयोनि पहाड़ (50 हे.) में नगर वन विकसित किए जाएंगे। केन्द्र सरकार ने प्रत्येक नगर वन के लिए 2-2 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
इसके साथ ही प्रदूषण से प्रभावित गंगा सहित पांच नदियों सिरसिया (मोतिहारी), परमार (अररिया), पुनपुन (पटना), रामरेखा (बेतिया) व सिकरहना (बेतिया) के किनारे पौधारोपण किया जाएगा। गंगा के किनारे पिछले तीन वर्षों में 7.63 लाख पौधे लगाए गए हैं। 2020-21 में 3.17 लाख पौधारोपण किया जाना है।
भारत सरकार की अगले पांच वर्षों (2020-21 से 2024-25)तक प्रति वर्ष देश के एक हजार स्कूलों में प्रति स्कूल एक हजार पौधे तैयार करने की योजना के अन्तर्गत बिहार के भी सभी जिलों के 4-5 विद्यालयों को चयन किया जा रहा है, जहां कक्षा छह से लेकर आठ के विद्यार्थियों को पौधा उगाने व पौधारोपण संबंधी ज्ञान को पाठ्येतर गतिविधि के तौर पर पढाया जायेगा।