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14 अगस्त : आरा की मुख्य खबरें

 ज़ख़्मी ने इलाज़ के दौरान तोडा दम

आरा : भोजपुर के तीयर थाना क्षेत्र के यादोपुर गांव में मंगलवार की रात दो पक्षों की मारपीट में एक जख्मी रहर मुसहर की मौत हो गयी थी। इलाज के दौरान आरा सदर अस्पताल में गुरुवार की रात को एक और ज़ख़्मी की मौत हो गयी। मृतक तीयर थाना क्षेत्र के यादोपुर गांव निवासी स्वर्गीय रामानंद मुसहर का 52 वर्षीय पुत्र रंगीला मुसहर है। इसके साथ ही इस घटना में मरने वालों की संख्या दो हो गयी है।

बताया जाता है कि शराब को लेकर पुलिस द्वारा यादोपुर मुसहर टोली में छापेमारी की गई थी। उसे लेकर दो पक्षों के लोग एक-दूसरे पर सूचना देने का आरोप लगाकर मंगलवार की रात आपस में भिड़ गये थे। उसके बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी।इसमें दोनों पक्षों के लोगों को चोटें आयी थी। एक पक्ष के रहरी मुसहर की मौत घटना स्थल पर ही हो भी गयी थी।

वहीं मारपीट में जख्मी दूसरे पक्ष के रंगीला मुसहर का इलाज सदर अस्पताल में कराया जा रहा था। गुरुवार की रात उसने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर गांव चले गए। इसकी सूचना पुलिस को दी। तब जाकर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया।

तीयर थाना क्षेत्र के यादोपुर गांव निवासी रंगीला मुसहर की मौत के बाद उसके घर में हाहाकार मच गया। मृतक के 5 बच्चों के सिर से बाप का साया उठ गया। मृतक के परिवार में उसकी पत्नी धानामती देवी, पुत्री फूल कुमारी, मंदुरी कुमारी, बेबी, दो पुत्र जटा एवं शत्रुघ्न है।

देशी शराब के साथ दो धंधेबाज गिरफ्तार

आरा : भोजपुर जिले के बडहरा थाना क्षेत्र के सबलपुर – महुदहीं रोड़ से गुरुवार की रात देसी महुआ शराब लेकर जा रहे दो धंधेबाजों को बड़हरा थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अलेखीटोला पंचफेड़वा गांव के रहने वाले नन्हक राय के पुत्र बूटन राय और शालीग्राम सिंह के टोला के रहने वाले जगनारायण राय के पुत्र शंकर राय को गश्ती कर रही पुलिस टीम ने 7 – 7 लीटर देसी शराब के साथ दोनों धंधेबाजों को गिरफ्तार किया। पूर्ण शराबबंदी के तहत पुलिस ने धंधेबाजों पर प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया।

लॉकडाउन में भी सड़कों पर लग रहा जाम

आरा : बिहार सरकार ने पूरे राज्य में 16 अगस्त तक लॉकडाउन लगा रखा है। लेकिन जिले में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। शहर में जाम की समस्या थमने का नाम नहीं ले रही है। वह भी ऐसे समय में जब पूरे बिहार में लॉकडाउन है।

लॉकडाउन में लोगों के बेवजह घरों से बाहर निकलने पर जिला प्रशासन ने रोक लगा रखी है। वहीं अधिकांश लोग लॉकडाउन का गलत फायदा उठाकर संक्रमण को बढ़ावा देने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

जिले के अस्पताल रोड, गोपाली चौक, महावीर टोला, शिवगंज, कतीरा सहित कई मार्ग जाम होने से जरूरी सेवाओं के लिए घरों से बाहर निकले लोगों की परेशानियां बढ़ा रही है. कतीरा ओवरब्रिज पर लंबा जाम होने के कारण छोटे-बड़े वाहन घंटों फंसे रहे।

जाम के बीच सड़क के इर्द-गिर्द लोगों की भीड़ देखी गई. वहीं वाहनों पर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते हुए वाहनों पर सवार लोगों को देखा गया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में कोरोना का लगातार संक्रमण इन लोगों के कारण ही बढ़ रहा है।

भोजपुर में एक लाख दो हजार वोटर ही बढ़े

आरा : बिहार विधानसभा चुनाव-2020 को ले हलचल तेज होने लगी है। प्रशासनिक महकमा जहां पिछले कई दिनों से तैयारी को अंजाम देने में लगा है, वहीं अब राजनीतिक दलों व चुनावी दंगल में उतरने वाले भी कमर कसने लगे हैं।

 

भोजपुर जिले की सात विधानसभा सीटों के लिए एक तरफ कोरोना के कारण मतदान केन्द्रों की संख्या में वृद्धि हुई है तो दूसरी तरफ मतदाताओं की संख्या में भी पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में एक लाख दो हजार 72 मतदाता बढ़ी हैं।

 

इस बार चुनाव में कुल 20,73,705 मतदाता अपने मदाधिकार का प्रयोग करेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव-2015 की तुलना की जाये तो मतदाताओं की संख्या 19,71,633 थी। हालांकि तुलनात्मक तौर पर गौर करें तो यह वृद्धि कम है। 2015 के चुनाव में अपेक्षाकृत अधिक मतदाता बढ़े थे। इसका कारण कोरोना काल प्रमुख तौर पर माना जा रहा है।

 

विधानसभा चुनाव 2015 में मतदाताओं की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई थी। वर्ष 2010 में हुए चुनाव में मतदाताओं की संख्या की तुलना में वर्ष 2015 में 3 लाख 87 हजार 806 मतदाता बढ़े थे। वर्ष 2010 के विस चुनाव में मतदाताओं की संख्या 15 लाख 83,827 थी तो वर्ष 2015 के चुनाव में 19 लाख 71,633 थी।

 

जिले में महिला-पुरुष मतदाताओं की खाई भी कुछ खास कम नहीं हो पाई है। एक हजार पुरुष मतदाताओं की संख्या में जेंडर अनुपात 852 का ही है। जेंडर अनुपात सबसे कम बड़हरा विधानसभा का क्षेत्र का 824 है। मतदाताओं की संख्या के लिहाज से यह विधानसभा क्षेत्र तीसरे नंबर पर है। यहां मतदाताओं की संख्या तीन लाख तीन हजार 399 है।

 

मतदाताओं की संख्या के लिहाज से आरा विधानसभा क्षेत्र सबसे आगे है। आरा विस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 3 लाख 23,597 है। वर्ष 2015 के विस चुनाव में भी आरा विस क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता थे, जबकि 2010 के चुनाव में मतदाताओं के लिहाज से जगदीशपुर विधान सभा क्षेत्र सबसे आगे था। वहीं विस चुनाव 2010 व 2015 की ही तरह अगिआंव विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या सबसे कम है।

 

 विधानसभावार मतदाताओं की वर्तमान स्थिति:———

 

विधानसभा पुरुष महिला थर्ड जेंडर कुल लिंगापुपात

 

पुरुष      महिला     थर्ड जेंडर            कुल लिंगानुपात

संदेश———152002 130975   57     283034 862

बड़हरा— 166365   137026    08       303399 824

आरा—- 174745   148846    06        323597 852

अगिआंव 138199   119115     01     257315 862

तरारी 158998   138524       09        297531 871

जगदीशपुर-160219  139018    09   299246 868

शाहपुर 168994  140577     12        309583 832

प्रतिबन्ध के बावजूद हो रहा पोलीथिन का इस्तेमाल 

आरा : प्रतिबन्ध के बावजूद दुकानदार समेत आम नागरिक पोलीथिन का इस्तेमाल खुले आम पर रहे है| मालूम हो कि केंद्र और राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 तक पोलीथिन के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाते हुए सभी नगर निकायों और पंचायतों को पोलीथिन मुक्त करने का आदेश दिया था| बावजूद इसके हर जगह पोलीथिन का इस्तेमाल खुले आम हो रहा है और जिला प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है| इससे जिस उद्देश्य से पोलीथिन पर रोक लगाईं गयी थी वो उद्देश्य निरर्थक साबित हो रहा है|

प्रश्न उठता है कि कैसे शहर या गाँव को प्रदुषण मुक्त किया जा सकेगा? प्रशासन के नाक के नीचे पोलीथिन की सप्लाई और उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है| प्रशासन के मौन के कारण सभी निडर होकर पोलीथिन का प्रयोग कर रहे है| ना तो उनको कोई रोकने वाला है और ना ही उनपर कोई दंडात्मक कार्रवाई ही हो रही है|

सदर बाज़ार, सब्जी मण्डी हो या बड़े बड़े मॉल या बड़ी दुकाने, सभी जगह पोलीथिन का इस्तेमाल बेरोकटोक हो रहा है| सब्जी दूध मांस मछली विक्रेता हो या कोई व्यापारी, सभी पोलीथिन का इस्तेमाल कर रहे है|

अक्टूबर 2019 में जब पोलीथिन पर प्रतिबन्ध लगा था उस समय लोगों में भय व्याप्त था और पोलीथिन का इस्तेमाल करीब करीब बंद हो चुका था| सब्जी विक्रेता से लेकर माल और दूकान के मालिक तक पोलीथिन के इस्तेमाल बंद कर चुके थे| उस समय जिला प्रशासन भी मुस्तैद था और जो भी पोलीथिन का इस्तेमाल करते पकडे गए चाहे वे दुकानदार हो या आम जनता उनसे जुर्माना वसूला जा रहा था| पर यह सब कुछ दिन ही चला और अब तो हालत यह है कि सभी पोलीथिन का इस्तेमाल खुले आम कर रहे है|

जिला प्रशासन और नगर पंचायत के सहयोग से करीब सात महीना पहले टास्क फ़ोर्स का गठन कर छापेमारी की गयी थी पर उसके बाद इस दिशा में कोई कदम नही उठाया गया| फलस्वरूप स्थिति बद से बदतर हो गयी है और टास्क फ़ोर्स निष्क्रिय हो चुका है|

शहर में निकल रहे कूड़े के अम्बार पर पोलीथिन की मात्र देखकर सहज ही अंदाज़ लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन पोलीथिन पर प्रतिबन्ध लगाने में पूरी तरह निष्फल रहा है|

आरा नगर निगम के नगर आयुक्त धीरेन्द्र पासवान कहा कि पोलीथिन पर प्रतिबन्ध का आदेश है| इस आदेश के आलोक में शहर में पोलीथिन का प्रयोग नहीं करने और इससे होने वाले नुक्सान का बारे में जागरूकता अभियान भी चलाया गया है| पूर्व में पोलीथिन का इस्तेमाल करने वालों से आर्थिक दंड लगाकर वसूली भी की गयी थी| पुनः इस्तेमाल की सूचना पर वैसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी|

आरा नगर निगम फैला रहा गन्दगी

आरा : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में तबाही मची हुयी है| पूरी दुनिया में इस बिमारी से अभीतक साढ़े सात लाख से अधिक लोगो की मृत्यु हो चुकी है| अकेले बारात में 47000 से ज्यादा मौत हो चुकी है जिसमे बिहार में हुयी मौत की संख्या 484 है|

भारत की केंद्र सरकार हो या बिहार सरकार बार बार लोगों से स्वच्छता अपनाने, सामाजिक दूरी बनाने, मास्क पहनने, बार बार हाथ धोने की अपील कर रही है ताकि इस बिमारी को बढ़ने से रोका जा सके| ऐसे में आरा नगर निगम जिसे सफाई की ज़िम्मेदारी है वो स्वम शहर में गन्दगी फैलानी में लगा हुआ है| उसे नागरिकों की ज़िन्दगी और सरकारी निर्देशों की कोई चिंता नहीं है| भोजपुर जिला प्रशासन भी इस तरफ ध्यान नही दे रहा है और मूक दर्शक बन नगम निगम को सहयोग कर रहा है|

पूरा आरा शहर में गन्दगी का अम्बार है| सभी सड़के टूटी हुयी है और सडकों पर नाले का गंदा पानी और कीचड़ बह रहा है| जिस वजह से आम लोगों का जीना दूभर हो गया है| कई तरह की बिमारी भी फैलने का अन्देशा बना हुआ है|

सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जुलाई 16 से ही लॉकडाउन लगा रखा है और भोजपुर जिला प्रशासन ने करीब 156 जगहों को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया हुआ है और लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपने अपने घरों में ही रहे जबतक कोई बहुत जरूरी काम ना हो बाहर ना निकले| अगर बाहर निकलना जरूरी है तो मास्क का उपयोग करे तथा सामाजिक दूरी बनाए रखे तथा अपने आस पास सफाई का पूरा ध्यान रखे|

बावजूद इसके, आरा नगर निगम पुरे शहर को ही बीमार करने पर तुला हुआ है| पूरा शहर गन्दगी से कराहा रहा है| नालों से गन्दगी निकाल कर सड़कों पर जमा कर दिया गया| हर घर पीने का पानी योजना के तहत शहर की सारी सड़के और गलियाँ तोड़ दी गयी है और वे अब चलने लायक नहीं रह गयी है| उनमे वर्षा और नाले का गंदा पानी भर गया है| आरा नगर निगम के इस काम से वायु प्रदुषण और श्वास लेने में परेशानी की समस्या उत्पन्न हो गयी है|

आरा नगर निगम इस कारों वायरस महामारी के समय नालों का निर्माण करवा रहा है जिससे कर्मन टोला, महावीर टोला, महादेव, बड़ी मठिया, शिवगंज, आरा सदर अस्पताल रोड पर नालों से निकले दो से तीन इंच मोटाई में कीचड़ फ़ैल चुके है और लोगों का चलना दूभर हो गया है| आये दिन कई प्रकार की दुर्घटना हो रही है|

इतना ही नही, आरा सदर अस्पताल प्रान्गड़ तथा प्रवेश द्वार पर घुटने तक वर्षा और नाले का गंदा पानी जामा है जो कोरोना सहित कई दूसरी बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है पर आरा नगर निगम को इससे कुछ भी लेना देना नही है| उसने ना तो उन कीचड़ो को हटवाया है और ना ही पानी निकासी की कोई व्यवस्था ही की है| लोगों का कहना है कि आरा नगर निगम हर साल वरसात में ही नालों की सफाई करता है ताकि नालों से निकला कीचड़ पुनः नालों में चला जाए और उसकी अगले सफाई में फिर से कमाई की जा सके| निगम कभी भी नालों की सफाई गर्मी या जाड़े के मौसम में नही करता|

आरा नगर निगम के नगर आयुक्त धीरेन्द्र पासवान न कहा कि नालों की सफाई नियमित की जाती है| नालों के निर्माण के चलते कीचड़ सड़क पर पड़े हुए है जैसे ही सूखेगा उसे उठा लिया जाएगा| उन्होंने आगे कहा कि हर घर पीने के पानी की पाइप बिछाई जा रही है जिससे सड़क को खोदना पडा है और सड़क टूट गयी है|

इसके अतिरिक्त आरा नगर निगम को अपने क्षेत्र को कोरोना वायरस के मद्देनज़र हमेशा सनिताइज़ करते रहना है पर अभी तक सिर्फ एक बार ही यह काम हो पाया है| हालाँकि आरा नगर निगम की दो गाडी सड़क पर दीखती है जो हर घर से कूड़ा उठाने का काम करती है|

राजीव एन अग्रवाल