बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि बिहार में चुनाव समय पर ही होगा। चुनाव आयोग द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा है कि चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी प्रकार की सावधानियों को लेकर तैयारी की जा रही है। इसको लेकर आयोग द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है।
चुनाव आयोग द्वारा तय समय पर चुनाव कराने की बात सामने आने के बाद बिहार की तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने स्तर से चुनावी तैयारी में जुट गई है। 2020 चुनाव को लेकर काफी गंभीर भाजपा ने बड़ा दांव खेला है।
दरअसल, भाजपा आलाकमान ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा के युवा व तेजतर्रार नेता देवेंद्र फडणवीस को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बिहार भाजपा का चुनाव प्रभारी बनाने जा रही है।
देवेंद्र फडणवीस को बिहार भाजपा का चुनाव प्रभारी बनाए जाने को लेकर लोगों के मन में यह विचार अवश्य आ रहा होगा कि भूपेंद्र यादव को रहते हुए भाजपा देवेंद्र फडणवीस को बिहार क्यों ला रही है?
दरअसल, इस बार तमाम प्रकार की समस्याओं के बीच बिहार में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में पार्टी किसी भी मोर्चे पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पहले से ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव बिहार भाजपा के प्रभारी हैं और वे संगठन का काम देख रहे हैं आगे भी वे संगठन का काम देखते रहेंगे।
लेकिन, पार्टी ने इस बार देवेंद्र फडणवीस को बिहार भाजपा का चुनाव प्रभारी बनाने जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्ष 2005 में लालू के शासनकाल को खत्म करने के लिए भाजपा आलाकमान से उस समय के राष्ट्रीय महासचिव व काफी तेजतर्रार नेता रहे अरुण जेटली को बिहार भाजपा का प्रभारी बनाया था।
इसी तर्ज ओर पार्टी इसबार देवेंद्र फडणवीस को बिहार में ला रही है। फडणवीस के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि एलान होने के बाद वे लगभग डेढ़ महीने से ज्यादा समय के लिए बिहार प्रवास पर आ सकते हैं।
मालूम हो कि अरुण जेटली के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि 2005 में वे बिहार भाजपा के प्रभारी बने इसके बाद फरवरी और अक्टूबर-नवंबर महीने में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है। हम सबों( एनडीए) को बिहार की सेवा करने का जो मौका मिला है उसमें अरुण जेटली का अहम योगदान है।