31 जुलाई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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मुख्यमंत्री की विफलता पर लिखे जा रहे रिसर्च पेपर : राजद

मधुबनी : बाढ़ एवं कोरोना प्रबंधन में मुख्यमंत्री की विफलताओं पर अंतरराष्ट्रीय रिसर्च पेपर लिखे जा रहे है। नीतीश कुमार आपसे हाथ जोड़कर करबद्ध प्रार्थना है कि कृपया अब 135 दिन बाद तो घर से बाहर निकल बाढ़ प्रभावित लाखों लोगों, बिलखते बच्चों, बदहाल बुजुर्गों और मरते मवेशियों की सुध लीजिए। उक्त बातें राजद जिला उपाध्यक्ष अवधेश कुमार तिवारी ने बयान जारी कर कहा।

उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित मधुबनी जिला के लाखों लोग सड़कों और घरों की छतों पर रह रहे है। बाढ़ पीड़ितों तक राहत और खाद्य सामग्री नहीं पहुँच रही है। कृपया उपलब्धता सुनिश्चित करवाइए,एवं अविलम्ब मधुबनी जिला को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करें।

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विगत 15 वर्षों के नीतीश सरकार में युवा रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में भटकने को मजबूर हो गये हैं। युवा किसी भी देश के शक्ति पुंज होते हैं। राष्ट्र या प्रान्त की शक्ति उसके युवाओं में शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य और मानसिकता के द्वारा निर्धारित और परिभाषित होती है। बिहार के युवा वर्ग को पिछले 15 वर्षों में जितना उपेक्षित किया गया है वह सम्भवतः किसी भी राज्य या देश में कभी नहीं किया गया होगा।

युवा वर्ग राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक भूमिका निभा पाए इसके लिए 4 चीज़ों का होना अत्यावश्यक है

1). उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाएँ
2). रोज़गार के अवसर
3). स्वस्थ अर्थव्यवस्था
4). सामाजिक सौहार्द व अच्छी कानून व्यवस्था

बिहार में ये उपरोक्त चारों परिस्थितियाँ युवाओं के प्रतिकूल है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक, सबकुछ कामचलाऊ ढर्रे पर धकेल दिया गया है। बिहार के विद्यालयों से विद्या को ही गायब कर दिया गया है। विश्वविद्यालयों में एक भी ऐसा विश्वविद्यालय नहीं रहा जिसकी देश के सर्वश्रेष्ठ 100 संस्थानों में हो सके! कॉलेजों में सत्र का 2 से 4 साल तक के लिए पीछे चलना एकदम आम बात है।

नीतीश राज में रोजगार व नौकरियों की बात ना ही की जाए तो बेहतर हो! बेरोजगारी का अंदाज़ा किसी परीक्षास्थल या बहाली के लिए ट्रेनों, रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म की खचाखच स्थिति और युवाओं के सम्बंधित शहर में लगने वाले मजमे से ही लगाया जा सकता है। एक एक सीट के हज़ार हज़ार आवेदन आते हैं। प्रबंधन व इंजीनियरिंग के छात्र चपरासी व सफाई कर्मी की नौकरी पाने को आवेदन करते हैं। पूरी शिक्षण व्यवस्था को माफिया की तरह चलाने वाले निजी स्कूलों व संस्थानों की दया पर छोड़ दिया गया है। जो शिक्षा व्यवस्था राज्य के भविष्य और युवा वर्ग को उड़ान भरने के लिए पंख देता है, इस भ्रष्ट सरकार ने उसी के पंख कतर दिए हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुँच को मुट्ठीभर समृद्ध लोगों तक सीमित कर दिया गया है।

अर्थव्यवस्था की स्थिति नौकरियों के अलावा रोजगार के अन्य विकल्प खोलता है। युवा वर्ग उद्यम क्षेत्र की ओर बढ़ कर अपना भविष्य संवार सकता है। अन्य युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है। सामाजिक सौहार्द व कानून व्यवस्था की अच्छी स्थिति के अभाव में कोई भी सामाजिक व आर्थिक क्रियाकलाप अपने वांछित उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर सकता। आए दिन बिहार में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए सत्ता पक्ष द्वारा ही सामाजिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है वह किसी से छुपा नहीं है। अधिकतर मामलों को दर्ज नहीं किए जाने और मीडिया की सरकार द्वारा एडिटिंग के बावजूद अपराध के आँकड़े आसमान छू रहे हैं। ऐसी स्थिति में युवा पूरी सकारात्मकता व एकाग्रता से अपने भविष्य को सँवारने की ओर कैसे बढ़ सकता है? युवाओं के नकारात्मक होने, हताश होने या गलत मार्ग पकड़ने की पूरी संभावना है। भला ऐसे में कोई युवा प्रदेश की प्रगति में कैसे अपनी प्रतिभानुसार योगदान दे पाएगा?
नीतीश सरकार सभी क्षेत्रों में नाकाम साबित हुआ है, इनको अब सरकार में रहने का हक नहीं है।तेजस्वी जी को मिल रहे जनसमर्थन बता रहा है कि बिहार के युवाओं ने अब सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है।

लॉकडाउन में कम्युनिटी किचन चला 100 लोगों को निःशुल्क खिला रहे खाना

मधुबनी : कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के बिहार में बढ़ते संक्रमण के कारण पूरे सूबे में राज्यव्यापी लॉक डाउन पुनः 15 दिनों के लिए 16-31 जुलाई तक किया गया है।

इस लॉक डाउन में गरीब, निर्धन, निःशक्त, निःसहाय, मजदुर वर्ग, भिखारी वर्ग, कामगार मजदूर लोगों के सामने विकट इस्तिथि उत्पन्न हो गयी हुई है, जिससे उनको खाने-पीने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इसी के मद्देनजर मधुबनी जिले के जयनगर शहर के समाजसेवी अमित कुमार राउत एवं उनकी टीम लगातार पिछले 15 दिनों से जयनगर नगर पंचायत क्षेत्र के पटना गद्दी चौक, जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर में रहने वाले लोगों को निजी स्तर से जनसहयोग से कम्यूनिटी किचन चला कर रोज लगभग 100 लोगों को खाना खिला कर पेट भर रहे हैं। इससे लोग प्रसन्न होकर उनको धन्यवाद देकर खाना खाते हैं।

इस नेक कार्य मे विजय नायक, मिथिलेश महतो, विशाल नायक एवं मुकेश राउत एवं अन्य लोग इसमें इनका सहयोग कर रहे हैं। वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के प्रति सचेत करने और स्वच्छता के लिए जागरूकता के उद्देश्य से समाजसेवी अमित कुमार राउत ने खाना देते वक्त लोगों के हाथ सेनेटाइज करवाकर एवं सोशल डिस्टेंसिनग का ख्याल रखते हुए उनको खाना देते हैं।

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो दिशा-निर्देश हमें सरकार के तरफ से मिले हैं, उनका पालन हम सभी को शत-प्रतिशत करना है। सोशल डिस्टेंस बनाये रखना है, ओर अधिक जरूरत नही हो तो घर से बाहर बिल्कुल नही निकलें।

इस मौके पर समाजसेवी श्री राउत ने लोगों से कहा कि बहुत जरूरत होने और ही घर से बाहर निकालें, ओर मास्क लगाएं एवं घर से बाहर जाने-आने के क्रम में हाथ को बढ़िया से धोएं ओर साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

उन्होंने लोगों से उनके घर-घर जाके अपील करते हुए कहा कि चूंकि बिहार में ये वायरस का प्रकोप कुछ ज्यादा ही बढ़ गया हुआ है, इसलिए पुनः लॉक डाउन लगाया गया है। आज के तारीख में ये कोरोना वायरस एक महामारी बन चुका है, इसलिए अपने यहां भी हम इसके प्रभाव से बचने के लिए इससे बच कर रहें।

धराशायी हो गया नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट, पानी भरते ही ढह गया जलमीनार

मधुबनी : झंझारपुर के लखनौर प्रखंड के दीप पश्चिमी पंचायत के वार्ड नम्बर दस में मुखिया बेबी कुमारी के घर के सामने नवनिर्मित पानी टंकी मंगलवार को पहले दिन ही पानी भरते ही गिरकर धाराशाही हो गया। पानी भरते समय लोगों की भाडी़ भीड़ उमर पड़ी थी। सभी के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रहा था, लेकिन ये खुशी थोड़ी देर में ही अफरातफरी में बदल गया। किस्मत अच्छा था कि कोई नजदीक में खड़ा नहीं था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।

बता दें कि इस पंचायत में पिछले छह महीने से नल-जल योजना से लगभग दो सौ परिवारों को जलपूर्ति करने का काम चल रहा था। यह योजना 18 लाख 28 हजार की लागत से बन रही थी। पाइप भी बीछ गया था, नलका भी लग चुका था। मगर जल आपूर्ति नहीं की गई थी, पानी भरते ही भरभरा कर गिर गया।

ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट की जमकर धज्जिया उडा़या। स्थानीय लोगों ने कहा की नल-जल योजना में 35 से 40 प्रतिशत कमीशनखोडी़ है, जिस कारण जलमीनार जगह-जगह धाराशाही हो रही है। ग्रामीणों में बबलु मंडल, ललन कुमार मंडल, विकास कुमार झा, नीतीश रंजन, संतोष महापात्र और विष्णुदेव यादव ने अपने आवेदन में गुहार लगाया की जल्द से जल्द जाँच कर दोषीयों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जये।

एसडीओ शैलेश चौधरी ने बताया कि लखनौर बीडीओ को निरक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
इस बाबत बीडीओ, जेई के साथ निरक्षण भी किया।

इधर राजनीति गर्म हो गया है। जाप के जिला प्रवक्ता ई० प्रमोद कुशवाहा ने कहा कि यह नल-जल योजना नहीं लूट और खसोट योजना है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द प्रशासन जांच कर कार्यवाई करे, और दोषीयों को जेल भेजे नहीं तो बाध्य होकर आंदोलन करेंगे।

झंझारपुर मुख्य सड़क पर जलजमाव से यात्री परेशान

मधुबनी : जिले के झंझारपुर के मुख्य सड़क पर जलजमाव होने से आने-जाने वाले यात्री परेशान है। मानो जैसे प्रशासन अनजान है, और वहीं, नेता हैरान है। झंझारपुर के जनता कालेज के पास सड़क के उपर से पानी बह रही है, जिससे लोग परेशान है। जगह-जगह सड़क पर जलजमाव होने से नगर पंचायत वासी में स्थानीय प्रशासन और प्रतिनिधियों को लेकर व्याप्त आक्रोश है।

इस बाबत जाप जिला प्रवक्ता ई० प्रमोद कुमार ने कहा कि झंझारपुर के बदहाली के लिए नेता जिम्मेदार है। जो झंझारपुर न जाने कितने को नेता बना दिया, आज वहीं झंझारपुर अपने अस्मिता के लिए लज्जित हो रहा है।सत्ता के नशा में चूर नेता ने झंझारपुर को नाश कर दिया है, जो बर्दाश्त से बाहर है। जल्द से जल्द जलजमाव दूर करें, अन्यथा चुनाव में जनता आपको बता देगी पब्लिक पावर।

वही, राजन विश्वास ने कहा कि जन प्रतिनिधि को वोट से मतलब है, न कि विकास से जलजमाव की तो बात ही नही किजिये। लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है, जनता ही का हाल बदहाल है।

वहीं, जाप नगर पंचायत अध्यक्ष सुभाष मंडल ने बताया कि जलजमाव और गंदगी से लोगों का जीना दुर्लभ हो गया है। नेता और अफसर मलाई मार रहें हैं, जनता का किसी की फिक्र नहीं है।

भूतपूर्व भाजपा सांसद द्वारा गोद लिए पंचायत का हाल बदहाल

मधुबनी : फुलपरास अनुमंडल मुख्यालय का नरेन्द्रपुर पंचायत विकास के मामले में सर्वाधिक उपेक्षित है। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत झंझारपुर के पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार चौधरी ने इस गांव को गोद लिया था, इन सब के बाबजूद पंचायत के हालात विकास के तमाम दावों को मुंह चिढ़ाने के लिए काफी है।

इस संबंध में पंचायत के प्रबुद्ध युवा समाजसेवी बैजू झा ने बताया कि सांसद ने गांव तो गोद ले लिए, लेकिन इन गांव की तस्वीर नहीं बदली। कोशी व भुतही बलान नदी के प्रलयंकारी बाढ़ से त्रासदी और विकास के प्रति प्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहे यहां के ग्रामीण के चेहरे पर गांव के अस्तित्व को लेकर चिंता की लकीरें उभर आई है।

इस पंचायत की ग्रामीण सड़कें चलने लायक नहीं है, और शिक्षा, स्वास्थ्य की स्थिति बदहाल है। बेरोजगारी की समस्या मुंह बाये खड़ी है, और रोजगार की तलाश में यहां के लोग अन्यत्र पलायन कर जाते है।

ग्रामीणों ने कहा भुतहा-कुनौली मुख्य मार्ग में नरेंद्रपुर के नजदीक घोरदह नदी पर बने पुल पिछले चौदह बर्षो से टूटा हुआ है, जिसकी मरम्मत आज तक नहीं हो सका।जिस कारण आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है।

वहीं, समाजसेवी बैजू झा, राहुल राज, प्रभात झा, गौरव मिश्रा, बिभेष साह, रुपक मंडल और बिपीन कुमार झा ने नरेंद्रपुर सहित तीन पंचायत के तीस हजार से अधिक आबादी वाले ग्रामों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने को लेकर समर्थन जुटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।

सोशल डिस्टेंसिग व सुरक्षित रहकर मनाएं ईद-अल-अज़हा का त्यौहार

मधुबनी : इस वर्ष बकरीद या ईद-अल-अज़हा ऐसे दौर में आया है, जब पूरी दुनियां कोविड-19 वायरस के चपेट में है। इस माहौल को देखते हुए विश्व के विभिन्न स्वास्थ्य संगठन एवं सरकार भी सुरक्षित तरीके से पर्व मनाने को लेकर दिशानिर्देश जारी कर रही हैं। इसी कड़ी में बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर चिल्ड्रेन (बी.आई.ऍफ़.सी.) ने भी इस त्यौहार को सुरक्षित रूप से मनाने के लिए दिशानिर्देश जारी की है. बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर चिल्ड्रेन अलग-अलग धर्मगुरुओं को एक साथ लाकर इस दिशा में पहले से कार्य भी करती रही है.

सुरक्षित रहकर मनाएं त्यौहार:

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक तरफ सरकार के सामने चुनौती पेश की है तो दूसरी तरफ़ लोगों के सामान्य जीवन शैली को भी बहुत प्रभावित किया है. ऐसी स्थिति में बकरीद या ईद-अल-अज़हा को सुरक्षित रूप से मनाने की जरूरत अधिक हो गयी है. इसको लेकर हज़रत सैयद शाह शमीमुद्दीन अहमद मुनेमी (खानका मुनेमिया) हाजी एस एम् सनाउल्लाह (इदारे शरिया) मौलाना अनिसुर रहमान (आल इंडिया मिल्ली काउन्सिल ) मो रिजवान अहमद (जमाते इस्लामी हिंद ) और अन्य बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर चिल्ड्रेन के सदस्यों ने बक़रीद की मुबारकबाद देते हुए जनता से सुरक्षित तारीके से , शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए त्यौहार मनाने की अपील की है. साथ ही कोरोना संक्रमण प्रसार के मद्देनजर सबों ने इस बात पर जोर दिया है कि आम समुदाय साबुन से बार-बार हाथ धोकर और मास्क पहन ही कोई भी कार्य करें तथा ये बातें अपने बच्चों को भी सिखाएं.

संक्रमण का प्रसार मनुष्यों के साथ पशुओं में भी होने की संभावना:

बी.आई.ऍफ़.सी. के धर्मगुरुओं ने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि कोविड1-9 का प्रसार मुख्य रूप से मनुष्य से मनुष्यों में होता है. लेकिन इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि इसका प्रसार मनुष्यों से पशुओं में भी हो सकता है, ख़ासतौर से कोविड से संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से. इस बीमारी से होने वाले घातक स्वास्थ्य परिणाम, असमय मृत्यु, अनावश्यक खर्च ओर परेशानी से बचने के लिए उन्होंने सलाह दी है. साथ ही ईद-अल- अज़हा पर जानवरों की परंपरागत कुर्बानी देते समय कुछ बातों का अधिक ध्यान रखने की अपील भी की है. उन्होंने बताया है कि पूर्व की हिदायतों को अमल में लाते हुए घर पर कुर्बानी देने से परहेज़ करें.

कुर्बानी के दौरान एहतियात बरतें:

भीड़भाड़ से संक्रमण की तेजी से फैलने का ख़तरा रहता है. इसलिए भीड़ कम से कम लगायें. जैसा की कुर्बानी के मामले में हमेशा हिदायत की जाती है, हाथ और औजारों की साफ़-सफाई सुनिश्चित करें और साबुन से अच्छे से हाथ धोएं एवं उन्हें स्ट्रेलाईज भी करें. बीमार लग रहे जानवरों की कुर्बानी भी ठीक नहीं है. अगर पशु बीमार लग रहे हों, तो उनकी कुर्बानी ना दें. इसके अलावा पशुओं की खरीद के मसले पर भी उन्होंने ध्यान दिलाया की जानवरों को विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदें.

मांस के बंटवारे के वक्त भी सावधानी बरतना जरुरी:

आस-पास की मस्जिद या दुसरे किसी संगठन की सहायता लें ताकि आस—पड़ोस में अनावश्यक भीड़ भाड़ ना हो. हाथों की सफाई, मास्क पहन, शारीरिक दूरी बनाये रखने का पूरे क्रम (कुर्बानी के दौरान, उचित हिस्से करने, फ्रिज इत्यादि में सुरक्षित रखने ओर बांटने) में पूरा पूरा ध्यान रखें. मीट को साफ़ कर, ऊँचे तापमान पर देर तक पकाने के बाद ही, साबुन से हाथ धोकर खाएँ.

थोड़ी से सावधानी सुरक्षा में होगा कारगर:

उलेमाओं ने बिहार इंटरफेथफोरम (बी.आई.एफ़.सी.) के मंच के जरिये कहा कि थोड़ी सी सावधानियों के जरिये हम खुद भी सुरक्षित रहेंगे ओर दूसरों को बीमारी से बचाते हुए त्यौहार मनाएंगे. बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और वंचित परिवारों की विशेष देखभाल करे. सभी की ख़ुशहाली के लिए घर पर ही नमाज़ पढ़े एवं दुआ करे और आपसी सौहार्द बनाए रखें.

बीआईएफ़सी को मिल रहा यूनिसेफ़ का तकनीकी सहयोग:

बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर चिल्ड्रेन (बी.आई.एफ़.सी) धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं और संगठनों का एक स्वैच्छिक मंच है, जो बच्चों और महिलाओं के अधिकारों और उनके हित के लिए निरंतर कार्य कर रही है. यूनिसेफ विकाराथ ट्रस्ट से समन्वय स्थापित कर बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है.

वैश्विक महामारी के दौर में सामान्य मरीजों को समय पर मिलेगी एंबुलेंस की सुविधा

मधुबनी : कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थिति में ज्यादातर एंबुलेंस का उपयोग कोविड-19 के मरीजों के लिए किया जा रहा है जिससे आम मरीजों को स्वास्थ्य संस्थानों में आने जाने में के लिए एंबुलेंस की सेवा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है इसी को ध्यान में रखते हुए इसको लेकर राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन पदाधिकारी को पत्र भेजकर कर इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है, अगले 2 माह तक जिले में निजी एंबुलेंस रख सकते हैं।

ताकि मरीजों को ससमय ऐंम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हो सके एवं समय पर अस्पताल पहुँचने में कोई परेशानियाँ नहीं हो। कोरोना माहमारी के इस दौर भी सरकार को लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ सेवा सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर पूरी तरह सजग एवं कटिबद्ध है एवं लोगों को किसी प्रकार की परेशानियाँ नहीं हो इसके लिए हर संभव प्रयास भी कर रही है.

मरीजों की परेशानियाँ दूर करने के लिए लिया गया यह निर्णय:

पत्र में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में ऐंम्बुलेंस का उपयोग कोविड-19 के मरीजों के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिसके कारण आम मरीजों को स्वास्थ संस्थानों में आने-जाने के लिए 102 एम्बुलेंस सेवा प्राप्त करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों के इन्हीं परेशानियों को देखते हुए जिलों में किराये के एम्बुलेंस उपलब्ध कराये जायेंगे.

किराये के एम्बुलेंस के दर हुए तय:

पत्र में बताया गया है कि किराये पर रखने एम्बुलेंस के लिए कोई निर्धारित दर नहीं रहने के कारण जिलों में निजी स्तर से ऐंम्बुलेंस रखने में कठिनाइयाँ होने की सूचना प्राप्त हो रही है।जिसे निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में बैठक दुर करते हुए भाड़े का निर्धारित की गई।पत्र में अलग-अलग वाहनों का अलग दर निर्धारित की गई है।

दो माह तक रखें जाएंगे किराये के निजी ऐंम्बुलेंस

भाड़े रखे जाने वाली ऐंम्बुलेंस अगले दो माह तक के लिए रखें जाएंगे, जो मरीजों को आवश्यकता अनुसार सुविधा उपलब्ध कराएँगे। एम्बुलेंस में दवा कंज्यूमेबल एवं उपकरण,बीएलएसए के लिए 102 ऐंम्बुलेंस के अनुबंध में अंतर्निहित एनेक्सर ए एवं बी के अनुसार रखें जाएंगे।


विधायाक की उदासीनता के कारण निर्दलीय को उम्मीदवार बनाने को ले हुई बैठक

मधुबनी : जिला के हरलाखी मे आगामी विधानसभा का समय जितना नजदीक आ रहा है, उतना ही चुनावी होड़ बढता जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस बार हरलाखी विधानसभा में तकरीबन बीस से अधिक लोग चुनावी मैदान में उतरकर अपने भाग्य आजमाने की तैयारी में लग चुंके हैं।

इसी क्रम में सिसौनी पंचायत के ग्रामीणों ने पंचायत के निराला टोला में बैठक कर अमलेंदु पासवान को निर्दलीय से चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहन किया है। बैठक को संबोधित करते हुए समाजसेवी कैलाश लाल कर्ण ने कहा कि कोई भी पार्टी दल चुनाव जितते है, तो वो पार्टी के दिशा निर्देश पर ही काम करते हैं। उनके उपर पार्टी का दवाब बना रहता है। ऐसे में भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलना मुमकिन है। राजनीतिक स्वच्छता के बीना समाज को स्वच्छ बनाना महज एक कल्पना है।

उन्होंने कहा की इसी सब बात पर अमल करते हुए हमलोगों ने एक गरीब का बेटा अमलेंदु पासवान को चुनावी मैदान में आने पर विचार किए हैं। इस मौके पर उपस्थित रंजीत पासवान, नटवर झा,अंशु कुमारी, संतोष ठाकुर,किसुन देव पासवान, रौदी पासवान, बिलट सदा,राम बिलाश सदा, बुधन सदा, सुरेन्द्र सदा,मो जुलुम साफी समेत दर्जनों लोगों ने अपने विचारों को रखा।

स्वतंत्रता दिवस को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी चौकस, आनेजाने पर प्रतिबंध

मधुबनी : स्वतंत्रता दिवस की तैयारी को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। स्वतंत्रता दिवस समारोह में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों पर सुरक्षा बलों की पैनी नजर है।

इस दौरान भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल एसएसबी 48वीं वाहिनी के जवानों ने स्थानीय पुलिस के साथ साझा गश्ती कर बॉर्डर इलाकों का जायजा ले रही है।

भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के जवान आपस में समन्वय बनाकर गश्ती कर रहे हैं। राष्ट्र विरोधी तत्वों से निपटने और 15 अगस्त को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है।

मधुबनी जिले के देवधा थाना बॉर्डर इलाके के देवधा एसएसबी कंपनी इंचार्ज व देवधा थाना एवं दर्जनों सुरक्षा बलों एवं महिला पुलिस कर्मियों के साथ भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर साझा गश्ती की जा रही है।

इस बाबत देवधा एसएसबी कंपनी इंचार्ज ने बताया कि एसएसबी जवानों ने सीमा पर दोनों देशों के बीच सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस कर्मी व नेपाली फोर्स के साथ साझा गश्ती भी की जाती रहती है।

इसका मुख्य उद्देश्य सीमा स्तंभों की स्थिति की जांच करना, तस्करी पर रोकथाम, नशीली पदार्थो के आयात निर्यात पर प्रतिबंध, अवैध कारोबार में संलिप्त अपराधियों की धड़पकड़ व संदिग्ध आवागमन के लिए प्रयोग हो रहे रास्तों की पहचान करना है।

दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग व समन्वय कायम रखना और सीमावर्ती इलाके के लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय समय पर साझा गश्ती की जाती है। उन्होंने बताया कि अभी लॉक डाउन का माहौल है, ओर बॉर्डर भी सील है। ऐसे में हमलोग पूरी तरह मुस्तैद हैं, ओर चाक-चौबंद व्यवस्था बनाये हुए हैं।

बासोपट्टी प्रखंड के बजरंग दल समिति का पुनर्गठन

मधुबनी : बासोपट्टी प्रखंड के पूर्व बजरंग दल कमिटी को जिला के आदेश के बाद भंग कर दिया गया है। फिर से नए बजरंग दल टीम का गठन किया है। बजरंग दल के जिला अध्यक्ष महेश प्रसाद, जिला मंत्री पंकज मेहता, उपाध्यक्ष आदित्य सिंह, जिला बजरंग दल संयोजक श्री आदित्य कुमार ने संयुक्त रूप से एक बैठक का आयोजन किया।

बैठक में निर्णय लिया कि बासोपट्टी प्रखंड समिति एवं हरलाखी प्रखंड समिति के द्वारा संगठन के विपरीत कार्य एवं निष्क्रियता के वजह से दोनों समितियों भंग करते हुए नए बासोपट्टी बजरंग दल का पुर्नगठन किया गया, जिसमे बजरंग दल संयोजक वीरेंद्र पासवान, सह संयोजक अभिषेक महतो, गौ रक्षा प्रमुख रामकुमार साह, विश्व हिन्दू परिषद अध्यक्ष सत्यनारायण पासवान, मंत्री प्रहलाद राणा एवं अन्य कार्यकर्ता को टीम का सदस्य बनाया गया।

बासोपट्टी बजरंग दल के संयोजक वीरेंद्र पासवान ने बताया कि हमलोगों ने बजरंग दल के टीम में अपनी सहभागिता लिया हुँ।हिन्दुओ और गौ रक्षा के सेवा के प्रति सदा तत्पर रहूंगा। सरकार से ये भी गुहार लगाया, कि बाढ़ में गरीब लोगो के सहयोग के लिए आगे बढ़े।

आगरा में अनुसूचित जाति की महिला के शव को चिता से हटाने की घटना के विरोध में यूपी सीएम का पुतला फूंका

मधुबनी : उत्तरप्रदेश के आगरा से तीस किलोमीटर दूर एक गाँव में अनुसूचित जाति की महिला का जलती चिता से शव खींचकर उतार दिया। गाँव के सब्रणो को एतराज था, की उनके श्मशानघाट मे अनुसूचित जाति की महिला का अंतिम संस्कार कैसे होगा। इस शव को चार किलोमीटर दूर ले जाना पड़ा।

भारतीय मित्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनेश्वर महतो ने इस घटना की तीव्र निंदा करते हुये मधुबनी जिला के सतघरा स्थित दुर्गा मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की एवं माँ दुर्गा से अनुसूचित जाति की इस महिला के न्याय के लिये मन्नत माँगी। उसके बाद वहीं दुर्गा मंदिर के हीं सामने हीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन किया एवं योगी आदित्यनाथ पर जमकर भड़ास निकाली। उक्त पुतला दहन कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ों कार्यकर्ताओ के द्वारा उत्तरप्रदेश के भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारा लगाया गया।

सुमित राउत

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