जानिए, कहां मां गंगा खुद करती हैं भगवान भोले शंकर को जलाभिषेक

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झारखंड : भारत आस्था का देश है और आस्था का ये देश उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक पूरे भारत को एकता के सूत्र में बांधता है। भारतवर्ष में 33 कोटि देवी देवताओं की पूजा की जाती है। इस बीच इस सावन के महीने में बाबा भोले का एक ऐसी मंदिर के बारे में बताते हैं जहां मां गंगा खुद भोले शंकर को जलाभिषेक करती हैं।

झारखंड के रामगढ़ में एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं। मंदिर की खासियत यह है कि यहां जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीस घंटे होता है। यह पूजा सदियों से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस जगह का उल्‍लेख पुराणों में भी मिलता है। भक्तों की आस्‍था है कि यहां पर मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है l

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टूटी झरना के नाम से जानते है लोग

 

झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है। मंदिर का इतिहास 1925 से जुड़ा हुआ है और माना जाता है कि तब अंग्रेज इस इलाके से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे तभी पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ा। अंग्रेजों ने इस बात को जानने के लिए पूरी खुदाई करवाई और अंत में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया।

भगवान शिव की होती है पूजा

मंदिर के अन्दर भगवान भोले का शिवलिंग हैं और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा भी हैं। लेकिन विचित्र करने वाली बात यह हैं कि प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है। मंदिर के अन्दर गंगा की प्रतिमा से स्वंय पानी निकलना अपने आप में एक कौतुहल का विषय बना हैl

मां गंगा की जल धारा का रहस्‍य

सवाल यह है कि आखिर यह पानी अपने आप कहा से आ रहा है। ये बात अभी तक रहस्य बनी हुई है। कहा जाता है कि भगवान शंकर के शिव लिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं। यहां लगाए गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं। यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है। वहीं मंदिर के पास से ही एक नदी गुजरती है जो सूखी हुई है लेकिन भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता हैl

दर्शन के लिए बड़ी संख्‍या में आते हैं श्रद्धालु

लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं और साल भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। श्रद्धालुओं का मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है।भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं। इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है और दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है l

विकाश शर्मा की रिपोर्ट

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