बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित हुआ मधुबनी : विनोद नारायण झा
मधुबनी : जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिले को बाढ़गस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। सरकार के स्तर पर विमर्श के बाद जिले को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में शामिल कर लिया गया है। अब इस जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों के पीड़ितों को सभी सरकारी सहायता मुहैया हो पाएगी।
उक्त बातें सूबे के पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कही। हमारे संवाददाता से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिले के कई क्षेत्र पूरी तरह बाढ़ के चपेट में हैं। विशेष रूप से बेनीपट्टी अनुमंडल के बेनीपट्टी, मधवापुर व बिस्फी प्रखंड में बाढ़ ने बड़ी तबाही मचाई है। इसके अलावा मधेपुर प्रखंड भी कोसी के तांडव को झेल रहा है। कमला-बलान भी उफान पर है। इन परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने मधुबनी जिला को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में शामिल कर लिया है।
अब यहां के बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से सभी प्रकार की बाढ़ सहायता राहत उपलब्ध कराई जाएगी।
एनएच जाम कर हंगामा करने के आरोप में 14 गिरफ्तार, 384 पर प्राथमिकी
मधुबनी : एनएच-57 जाम कर हंगामा करने व पुलिस पर हमला करने के आरोप में 34 नामजद व 350 अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपित भैरवस्थान थाना क्षेत्र के लोहना पाठशाला गांव के हैं।
बता दें की सोमवार को सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद लोगों ने लोहना पाठशाला गांव के पास एन०एच०-57 जाम कर हंगामा किया था। मौके पर पहुंची पुलिस पर भी लोगों ने हमला किया था। सुबह आठ से तीन बजे तक एन०एच० को जाम रखा गया था।
बता दें कि एन०एच०-57 पर जाम हटाने गई पुलिस पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था, भारी रोड़ेबाजी हुई थी। पुलिस को मौके से खदेड़ा गया था। इस हमले में दो पुलिस अधिकारी समेत चार जवान घायल हुए हैं।
घायल अधिकारी में रुद्रपुर थानाध्यक्ष गया प्रसाद सिंह व भैरवस्थान थाना के एसआई विनय कुमार झा है। दोनों के सिर में पत्थर लगा है। घटना भैरवस्थान थाना क्षेत्र के एन०एच०-57 पर घटित हुई थी। जवाब में पुलिस ने भी कई राउंड हवा में गोलियां चलाई थी। भीड़ इतनी बढ़ गयी थी मनमानी पर उसीको हटाने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। हवाई फायरिंग होते ही हमलावर भीड़ सुरक्षात्मक हो गई थी। उस वक़्त घटनास्थल पर एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी, इंस्पेक्टर सह प्रभारी डीएसपी ब्रह्मदेव सिंह, झंझारपुर, भैरवस्थान,अररिया संग्राम समेत कई थाना के थानाध्यक्ष व पुलिस बल मौजूद थे।
बता दें कि ग्रामीणों को समझाने में सात से दो बज गए थे, उसके बाद स्थानीय पुलिस के लोगों ने समझाने में कुछ सख्ती बरती और एक लेन को चालू करने का प्रयास किया था। एक लेन के 15-20 गाड़ी के जाने के बाद ही लोग उग्र हो गए थे, और यातायात चालू करवा रहे पुलिस बल पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। एसडीओ ने तत्काल गोली चलने की पुष्टि नहीं की है। वहीं, एसडीओ और प्रभारी डीएसपी को एनएच किनारे एक दुकान में शरण लेनी पड़ी थी।
बाढ़ से विस्थापित लोगों को नहीं मिल रही सरकारी मदद
मधुबनी : इस बार नदियों ने भारी तबाही मचाई है। जिले के तीन प्रखंडो बेनीपट्टी, मधवापुर और बिस्फी की दो लाख से अधिक की आबादी बाढ़ का कहर झेल रही। धौंस नदी के उफनाने के बाद बाढ़ से विस्थापित परिवार को सरकारी स्तर पर किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है। घर में पानी घुसने के कारण विस्थापित होकर वे सड़क, बांध व अन्य जगहों पर शरण लेने को विवश हैं। बाढ़ आए 10 दिन हो गए। इन तीन प्रखंडों के पांच सौ से अधिक परिवार ऊंचे स्थलों पर शरण लेकर सरकारी सहायता की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।
इधर, प्रशासन मधुबनी जिले को बाढ़ प्रभावित नहीं मान रहा है। बढ़ी विस्थापितों की चिंता। बाढ़ पीड़ित घर से जो कुछ बचाकर लाए थे, उसमे अनाज व अन्य खाद्य सामग्री खत्म होने को है।
मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी मुश्किल हो रहा है। इधर, बांध और अन्य जगहों पर शरण लिए विस्थापित सरकारी सहायता नहीं मिलने से नाराज हैं। कहते हैं कि हमलोग अपने बूते जैसे-तैसे व्यवस्था कर रहे हैं। घर से लाया गया सामान खत्म।
मधवापुर में एनएच-104 पर विस्थापित होकर जीवन जी रहे भोलू यादव बताते हैं कि प्रशासन के लोग देखने तक नहीं आए हैं। पहले का सारा सामान खत्म हो गया, अब पेट कैसे भरेगा इसकी चिंता है।
बेनीपट्टी नवगाछी गांव के बाढ़ विस्थापित रामवृक्ष सहनी की पीड़ा है कि बाढ़ के पानी में उनका घर डूब गया है। थोड़ा-बहुत सामान बचा पाए, शेष नष्ट हो गया। सुनीता देवी कहती हैं कि सरकार हमलोग की सुध नहीं ले रही है।
कमला बलान के कटाव से बढ़ा लोगों में बाढ़ का डर
मधुबनी : कमला-बलान नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी में उफान से जिले के बाबूबरही, जयनगर और झंझारपुर प्रखंड में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाबूबरही में जलस्तर बढ़ने से लोग दहशत में हैं। बाबूबरही के बक्साही गांव में एक करोड़ से भी अधिक की लागत से कटाव निरोधी कार्य किया गया था। वहां पाइलिंग के साथ 25 फीसद बैग नदी के पानी में बह गए हैं। गांव पर कटाव का खतरा मंडराना लगा है।
सतघारा मुसहरी के निकट बिंदु संख्या 26 से 27 के बीच पानी का दबाव बढ़ गया है। जयनगर में भी नदी का पानी वार्निंग लेवल तक पहुंच गया। झंझारपुर में भी कमला का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कमला नदी एक बार फिर रौद्र रूप में है। बक्साही गांव के उमदा देवी के चेहरे पर स्पष्ट चिंता की लकीरें दिख रही थी।
बता दें गत वर्ष 13-14 जून की काली रात को याद कर इनके रोम-रोम खडे हो जाते। मुरझाए चेहरे लिए कहती हैं रात के बारह बजे ये गहरी नींद में थी। बेटी पिंकी उठी तथा बरामदे में बाढ का पानी चढ जाने की बात कही उमदा अचानक बाहर आई तो ये गिर गई, हाथ टूटा। चीख सुनने पर दूसरे मुहल्ले के लोग इनके परिवार के सदस्यों को केला के थंब के सहारे बाहर निकाल ले गए। अन्न, वस्त्र, जेबरात समेत सारे सामान बह गए।
गत वर्ष इनकी एक कट्ठा घरारी समेत एक बीघा खेतिहर जमीन को नदी लील गई। इनके परिवारों की गिनती गांव के रसूखदारों में से एक था। किन्तु आज अन्न अन्न को मोहताज हैं। माल मवेशी बेच दिए। हाल यह है कि बंसबिट्टी में एक झोपडी खडा कर ये लोग रह रहे हैं। यही कहानी इस मुहल्ले के रामगुलाम, रामकुमार समेत एक दर्जन परिवारों की है। गत दो दशक में तकरीबन डेढ सौ परिवार विस्थापित हो चुके हैं।
कोरोना संक्रमण ने पकड़ी रफ्तार, संख्या 1000 पहुंचा के करीब
मधुबनी : कोरोना वायरस से संक्रमित 55 नए मामले के साथ कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या अब नौ सौ के पार हो गई है। सूबे के स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में मधुबनी जिले में 55 नए लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात कही गई है। इसके साथ ही मधुबनी जिले में अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 935 हो गई है।
हालांकि, कोरोना वायरस से संक्रमित जिले के 702 मरीज कोरोना वायरस को हराकर पूरी तरह स्वस्थ भी हो चुके हैं। अब तक जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।
फिलहाल, जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित एक्टिव केस की संख्या भी बढ़कर 231 हो गई है। अच्छी बात यह है कि जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की रिकवरी रेट संतोषजनक है। जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की रिकवरी रेट लगभग 75 फीसद है।
गौरतलब है कि जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से कोई भी वर्ग अछूता नहीं रहा है। वरीय प्रशासनिक अधिकारी, जेल अधिकारी, जेल सिपाही, सरकारी कर्मी, बैंक कर्मी, चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस अधिकारी, पुलिस के जवान, सांसद, विधान पार्षद, होमगार्ड के जवान, डाटा इंट्री ऑपरेटर, व्यवसायी से लेकर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, समाजसेवी एवं आमलोग तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके है।
हालांकि इनमें से कई स्वस्थ भी हो चुके हैं।
शनिवार को भी जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित 54 मामले सामने आए थे। रविवार को भी कोरोना वायरस से संक्रमित 48 नए मामले सामने आए थे। सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 57 नए मामले सामने आए थे, और अब मंगलवार को भी कोरोना वायरस से संक्रमित 55 मामले सामने आए हैं।
इस प्रकार जिले में चार दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित कुल 214 नए मामले सामने आ चुके हैं। अब औसतन प्रतिदिन 50 से भी अधिक नए मामले सामने आने लगे है। जांच की संख्या बढ़ने के कारण नए मामले की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। कोरोना वायरस संक्रमण की तेज रफ्तार से जिलेवासी समेत जिला प्रशासन, स्वास्थ्य महकमा की चिता बढ़ी हुई है। हालांकि, जिले में रिकवरी रेट बेहतर रहने से जिलेवासी, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य महकमा राहत की थोड़ी सांस भी ले रहे हैं।
कोरोना संकट : पिछले वर्ष की भांति मनाई जाएगी जन्माष्टमी ?
मधुबनी : जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे है, तजा रिपोर्ट देखे तो स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती ही जा रही है। जिले में कोरोना संक्रमण के कुल 935 मामले सामने आ चुके है, ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी मनाने का निर्णय सवाल उठता है।
जिले के खजौली, इनरवा ब्रह्मस्थान में अरूण कुमार यादव की अध्यक्षता में प्रगति समाज सेवी युवा समिति की बैठक में पिछले 11 साल की तरह इस साल भी कृष्णा जन्मोत्सव मानने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद कई सवाल उठाने लगे है।
कोरोना संक्रमण के कारण सभी शिक्षण संस्थानों को बंद किया गया है, सार्वजनिक सभी उत्सवों पर रोक है, ऐसे में कृष्ण जन्मोत्सव मनाने का निर्णय लेना कई सवाल खड़े कर रहा है ।
इस बैठक में पुराने कमिटी को भंग कर नए कमिटी का गठन किया गया। शुरू के पांच साल कोषाध्यक्ष कि दायित्व निभाने के बाद लगातार सातवीं वर्ष सर्वसम्मति से अरूण कुमार यादव को अध्यक्ष चुना गया। वही नीतीश कुमार को उपाध्यक्ष, मनोज कुमार को सचिव, मिथिलेश कुमार यादव को उपसचिव, राहुल कुमार को कोषाध्यक्ष एवं पप्पू कुमार को उपकोषाध्यक्ष मनोनित किया गया। साथ ही संजीव कुमार, रामभरोस यादव, कृष्ण कुमार, नरेंद्र कुमार, राहुल कुमार, अनिल भास्कर, आनंद कुमार को मेला प्रभारी और श्याम किशोर, संजीत यादव, दुर्गेश कुमार, धर्मपाल कुमार, दीपक यादव को व्यवस्थापक नियुक्त किया गया।
इस कमिटी के अध्यक्ष अरूण कुमार यादव ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस वर्ष मेला का आयोजन नहीं किया जाएगा, केवल पूजा अर्चना किया जाएगा।
इस बार पूजा की 12 वीं साल है। जिस तरह पिछले 11 वर्ष बड़े ही धूमधाम से मनाया गया वैसा इस वर्ष नहीं मनाया जाएगा। सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए पूजा अर्चना किया जाएगा। इस अवसर पर मुकेश कुमार, गुड्डू कुमार, रोहित कुमार, ललन कुमार, धरवेंद्र कुमार, गंगा यादव, सहित दर्जनों युवा उपस्थित थे।
लक्ष्मण रेखा रसोई केन्द्र चालू कर विस्थापितों को करा रहे भोजन
मधुबनी : जिले के लगभग सभी प्रखंड यूं तो इनदिनों बाढ़ और बारिश एवं कोरोना की मार झेल रहे हैं।बाढ़ के कारण विस्थापित हो चुके कई परिवारों को आश्रय ओर भोजन के लाले पड़ रहे हैं।
ऐसे में मधुबनी जिले के लक्ष्मण प्रसाद यादव(राष्ट्रीय अध्यक्ष,दलित मजदूर किसान मोर्चा सह पूर्व सांसद प्रत्याशी रिपब्लिकन पार्टी औफ इंडिया,झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र) ने अपने निजी स्तर से व्यवस्था करके पिछले चार दिनों से कम्युनिटी किचेन चला कर सैकड़ों विस्थापित ओर गरीब लोगों का पेट भर रहे हैं। जिले के झंझारपुर के अदलपुर गाँव में लोगों को लक्षमण-रेखा रसोई के नाम से सामुदायिक किचन चालू कर खाना खिला रहे हैं।
संवाददाता से बातचीत में श्री यादव ने बताया कि सरकार इन विस्थापित हो चुके गरीब लोगों को इग्नोर कर रही है, जिस कारण इनके सामने भुखमरी की इस्तिथि उत्पन्न हो गयी थी, जिसको देखते हुए मैंने निजी स्तर से ये सामुदायिक किचन चालू कर रोज इनलोगों का पेट भर रहा हूँ। हालांकि वो ये भी कह रहे हैं कि सरकार की मदद जब तक नही पहुंच पा रही तब तक हमने इनकी मदद करने की ठानी हैं, जब तक सकेंगें तब तक करेंगें। इस मौके पर इनके साथ कई लोग वॉलंटियर बन कर इनकी सहायता भी कर रहे हैं।
भाकपा माले ने मनाया चारु मजूदर की 48वां शहादत दिवस
- चारुमजूदर के क्रांतिकारी विरासत पर प्रकाश डाला और लिया संकल्प
मधुबनी : जयनगर भाकपा (माले) के द्वारा जयनगर बस्ती पंचायत में भाकपा (माले) प्रथम राष्ट्रीय महासचिव व नक्सवाड़ी आंदोलन योद्धा कॉ० चारुमजूदर का 48वां शहादत दिवस मनाया गया।
कार्यक्रम स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) प्रखंड सचिव भूषण सिंह ने कहा कि 28 जुलाई 2020 को भाकपा(माले) के संस्थापक महासचिव कॉमरेड चारु मजूमदार की शहादत के 48 साल हो रहे हैं। 1970 के दशक के शुरुआती वर्षों में हमारे आंदोलन और पार्टी को लगे धक्के के बाद पार्टी के पुनर्गठन की भी यह 46वीं वर्षगांठ है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर हम कॉमरेड चारु मजूमदार अपने पार्टी और कम्युनिस्ट आंदोलन के सभी शहीदों व दिवंगत नेताओं को क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम उनके अधूरे मिशन और वास्तविक आजादी और सच्चे लोकतांत्रिक भारत के निर्माण के सपने को पूरा करने की प्रतिज्ञा करते हैं।
पार्टी को अपने आखिरी संदेश में कॉमरेड चारु मजूमदार ने अपने कॉमरेडों से पार्टी को जीवित रखने और जनता के हित को ही पार्टी का हित मानते हुए, जनता की सेवा करने का आह्वान किया था। जनता के हितों की सेवा का आह्वान आज की कठिन परिस्थितियों में और भी प्रासंगिक हो जाता है।
जब जनता कोरोना महामारी और मोदी सरकार द्वारा जबरन थोपे गए विनाशकारी लॉकडाउन की दोहरी मार से जूझ रही है। हम शपथ लेते हैं कि इन चुनौतियों का साहस पूर्वक सामना करेंगे, तथा पूरी ताकत और क्षमता के साथ जनता की सेवा करेंगे।
लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए मोदी सरकार ने भारत की जनता, संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ एक तरह से युद्ध छेड़ दिया है। कॉर्पोरेटों को सभी संसाधनों को हड़पने की खुली छूट दे दी गयी है, तथा एक के बाद एक लगातार हमारे अधिकार छीने जा रहे हैं। इस तरह हर मुमकिन तरीके से हमारे देश को कमजोर किया जा रहा है। ये कि सरकार हर ज़िम्मेदारी से यहाँ तक कि लोगों को आवश्यक वस्तु और सेवायें मुहैया कराने तक से पल्ला झाड़ रही है, और फिर अपनी इस गैरज़िम्मेदारी को आत्मनिर्भरता का नाम देने का पाखंड रच रही है। जनता के बीच घृणा और विभाजन के बीज बोने, देश को कमजोर करने तथा संविधान व लोकतंत्र को नष्ट करने के फासीवादी मंसूबे से लड़ने और उसे परास्त करने की हम शपथ लेते हैं।
भारत के कामगार लोग, खास तौर पर जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और आवश्यक सेवाओं के मोर्चे पर कार्यरत हैं, वे कोरोना के जानलेवा खतरे का सामना करते हुए भी निरंतर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। हम उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण को सलाम करते हैं। देश के बहुत सारे बुद्धिजीवी और एक्टिविस्ट इस समय फर्जी मुकदमों और दमनकारी क़ानूनों के तहत जेलों में डाल दिये गए हैं। हम इन सभी राजनीतिक बंदियों की तत्काल, बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।
मोदी सरकार के तानाशाही रवैये को धता बताते हुए भारत की जनता के अलग-अलग हिस्सों के लोग, मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने और जनवादी अधिकारों के संघर्ष में निरंतर लामबंद हो रहे हैं। हम इन सभी संघर्षों का समर्थन करते हैं, और जनता की एकता और जनवादी चेतना व हस्तक्षेप के स्तर को ऊपर उठाने के लिए इन संघर्षों के इर्दगिर्द व्यापक एकजुटता के निर्माण की शपथ लेते हैं। एकजुट और जागरूक लोग कभी हराए नहीं जा सकते। फासीवादी खतरे को ध्वस्त करने और अपने सभी अधिकारों को हासिल करने के लिए जनता की एकता और पहलकदमी के साथ, हम आगे बढ़ने का संकल्प लेते हैं।
एक ऐसे समय में जब भारत में बहुतेरी विपक्षी पार्टियां फासीवादी ताकतों के विरुद्ध डगमगा रही हैं, उनके सामने समर्पण कर रही हैं या उनसे हाथ मिला रही हैं। भाकपा(माले) उसी साहस और निरंतरता के साथ जनवादी प्रतिरोध के मोर्चे की अग्रिम पंक्ति में डटी हुई है, जो हमारी क्रांतिकारी विरासत और पहचान की विशेषता रही है। हमें इस क्रांतिकारी कम्युनिस्ट विरासत पर गर्व है, और हम पूरी ऊर्जा और कठोर प्रयास से अपने संगठन की जीवंतता और शक्ति से इसे और मजबूत करने की शपथ लेते हैं।
इस आयोजित सभा को चलित्तर पासवान, मो० मुस्तुफा, श्रवन पासवान, केवल मंडल, ललीत राय, महेंद्र पासवान, रघुनंदन पासवान, देवेंद्र यादव सहित कई साथियों ने संबोधित किये, और श्रध्दांजलि अर्पित कर संकल्प लिये।
एसडीएम ने पदाधिकारियों संग की बैठक, कई बिंदुओं पर हुई चर्चा
मधुबनी : जिले के बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय स्थित बीडीओ कार्यालय प्रकोष्ट में अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश रंजन की अध्यक्षता में पदाधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें रैपिड एंटिजन किट से कोरोना जांच, बाढ़ प्रभावित गांवों में क्षति का सर्वे, नाव की व्यवस्था, फसल व गृह क्षति का सर्वे सहित कई विन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस दौरान एसडीएम श्री रंजन ने कहा कि रैपिड एंटिजन किट से कोरोना की जांच अब तेजी से होगी, जिसको लेकर 5 सौ किट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उपलब्ध करा दिया गया है।
इससे महज आधे घंटे में कोरोना जांच की रिपोर्ट आ जाएगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ से पुर्णतः प्रभावित पंचायत, गांव, टोला में क्षति की सर्वे कराई जाएगी। जिसके लिए सर्वे टीम का गठन किया जाएगा। टीम फसल, गृह सहित अन्य क्षति का सर्वे करेगी। उसके बाद रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौपेगी, ताकि पीड़ितों को आपदा विभाग के निर्देशानुसार सहायता प्रदान की जा सके।
सुमित राउत