डोरीगंज : सदर प्रखंड के कई पंचायतों में नालों पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। इस अतिक्रमण पर निजात पाने के लिए विष्णुपुरा पंचायत की मुखिया ने सदर अंचल अधिकारी कार्यालय को 15 दिन पूर्व ही पत्र लिखा है।लेकिन संदर अंचलाधिकारी और उनका कार्यालय स्थानीय समस्याओं को लेकर इस कदर बेपरवाह है कि एक पखवारे बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
विष्णुपुरा पंचायत में लोगों की शिकायत पर मुखिया सरिता सिंह ने क्षेत्र का निरीक्षण किया और नाले पर अतिक्रमण वाले स्थानों को चिन्हित किया। इस संबंध में उन्होंने 8 जुलाई को ही एक पत्र अंचलाधिकारी को लिखा, जिसमें सभी उन स्थानों का जिक्र किया है, जहां पर नाले पर अतिक्रमण किया गया है। जिसके कारण की जलनिकासी रुकी हुई है।
मिलीभगत से अतिक्रमण
मुखिया की शिकायत के बाद भी अंचल कार्यालय से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर लोगों ने आरोप लगाया है कि नाले पर अतिक्रमण अधिकारी की शह पर किया जा रहा है। लोगों ने सवाल उठाए हैं कि आखिर क्या कारण है कि मुखिया के पत्र के बाद भी अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है? क्या अतिक्रमणकारियों की पहुंच इतनी अधिक है? अंचलाधिकारी द्वारा इस मामले में कार्रवाई न करना बताता है कि नाले पर अतिक्रमण को उनकी मौन स्वीकृति है।
वर्षों से नाले पर अवैध कब्जा
जानकारी हो कि यहां कई वर्षों से नाले पर अतिक्रमण है। यहां के अतिक्रमणकारियों द्वारा नाले की जमीन पर अतिक्रमणकारी कर धीरे धीरे कब्जा जमाया जा रहा हैं। विष्णुपुरा पंचायत के नौवाडी जलालपुर, विष्णुपुरा में नाला के लगभग 60 फीसदी हिस्से पर अतिक्रमणकारी काबिज हैं प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियां भी इधर से गुजरती रहती हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। यही नहीं, अब तो मुखिया द्वारा बकायदा अतिक्रमण वाले स्थानों को चिन्हित कर अंचलाधिकारी को जानकारी भी दी गई है। इसके बाद भी कार्रवाई न होना अतिक्रमण में अंचल कार्यालय की मिलीभगत की तरफ इशारा करता है।
मुखिया बोलीं, सड़क पर उतरूंगी
स्थानीय मुखिया सरिता सिंह ने बताया कि 8 जुलाई को लिखित आवेदन दिया गया परंतु आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल नहीं हो सका। अतिक्रमणकारी दबंग हैं, इसलिए अकेले किसी में हिम्मत नहीं है कि विरोध जता सके। ग्रामीण हमसे शिकायत करते हैं। हमने अंचलाधिकारी को कार्रवाई के लिए आवेदन दिया लेकिन न जाने किस दबाव या लालच में कार्रवाई नहीं की जा रही है। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो मैं खुद स्थानीय लोगों के साथ इसके खिलाफ सड़क पर उतरूंगी। स्थानीय समस्याओं को लेकर अंचलाधिकारी की बेपरवाही के खिलाफ अंचल कार्यालय पर प्रदर्शन को विवश होना पड़ा तो वह भी करेंगे।