22 जुलाई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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महज़ एक साल में बहा पुरानी कमला नदी पर बना पुल

मधुबनी : जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से कई नदियां उफ़ान पर है, भारी बारिश से पूरानी कमला नदी भी उफ़ान पर है। पुरानी कमला नदी पर 2019 में बनाया गया पुल इस बारिश में ध्वस्त हो गया।

पुलिया का निर्माण वर्ष 2019 किया गया था। सड़क पुल का निर्माण 34,76,935 लाख रुपए की लगत से हुई थी। जिसकी निर्माण कार्यकारी एजेंसी का कार्य अभिकर्ता ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल मधुबनी के द्वारा किया गया था।

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बिहार राज्य ग्रामीण पथ विकास एजेंसी बिहार सरकार मुख्यमंत्री ग्राम टोला सम्पर्क निश्चय से निर्माण कराया गया था। पुल टूटने से लगभग 250 लोग उस गाँव फंसे है। कई प्रसव महिलाए उस गाँव है। बताया जा रहा है की कोई प्रसासनिक देख-रेख या सुविधा सुधि लेने अभी तक नही पहुचे है।

मधुबनी जिले के राजनगर क्षेत्र के रही पूर्वी वार्ड न-04 में मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना अन्तर्गत बने पुलिया सड़क के टूटने से गाँव के लोगो आवागमन ठप है, गाँव से शहर का सम्पर्क टूट चुका है। एक-एक अनाज को तरस रहे लोग, गाँव मे फॅसे लोग। खास कर बच्चे, बुजुर्ग, वृद्ध व्यक्तियों, बीमार व्यक्ति, माल-मवेशियों को काफी दिक्कत का सामना करना पर रहा है।

यदि कोई इमरजेंसी हो जाय, तो लाख कोशिशों के वावजूद उस गाँव से किसी मरीज या बीमार व्यक्ति हॉस्पिटल नही जा सकते। बताया जा रहा है कि गाँव चारो भाग से तेज मुसलाधार वर्षा के कारण पानी से घिरा है। गाँव में कोई एम्बुलेंस या वाहन या साईकिल से आना मुश्किल है। यह पुल ही एक मात्र सहारा है। इस गाँव लोगो के लिए दूसरा रेलवे ट्रेक पर हो कर उस ट्रेक कर भी चलना जान हथेली पर रखने के बराबर है।

स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मी दूसरे दिन भी रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

मधुबनी : बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर जिले में कार्यरत संविदा कर्मी दूसरे दिन भी अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे संविदा कर्मियों के साथ-साथ आज आईडीएसपी के कर्मी भी हड़ताल पर चले गए जिससे पूरी तरह से कोविड-19 की जांच सेंपलिंग से संबंधित कार्य ठप हो गया । खासकर कोरोना संक्रमण से संबंधित डाटा व सैंपल कलेक्शन कार्य, रिपोर्टिंग प्रभावित हुआ है। हड़ताल के कारण जिला स्वास्थ समिति तथा आईडीएसपी कार्यालय में ताला लटका रहा जिसके कारण जिले में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित किसी भी प्रकार का डाटा को अपडेट नहीं किया गया पूर्व से ही जिले में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से संकट विकराल रूप धारण कर सकता है।

संघ के द्वारा बताया गया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों की कई वर्षों से अपनी लंबित मांगों के लिए सरकार को लिखित, मौखिक व अन्य माध्यम से अवगत कराते रहा है परंतु अभी तक इसका निराकरण नहीं किया गया है जिसमें एनएचएम के तहत कार्यरत सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों पर हो रहे शोषण के खिलाफ पूर्व में कई प्रमुख मांगों का अब तक निराकरण नहीं होने के कारण संघ के द्वारा कई बार विरोध प्रदर्शन की गई थी।

संविदा कर्मी 13 जुलाई से कर रहे विरोध प्रदर्शन:

विदित हो कि विगत 13 जुलाई से 19 जुलाई तक अपनी मांगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर कर्मी द्वारा कार्य संपादित किया गया काला बिल्ला लगाकर विरोध करने के उपरांत भी सरकार के द्वारा मांगों को पूरा नहीं करने के कारण पूर्व से निर्धारित बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ बिहार जिला शाखा मधुबनी द्वारा दिनांक 20 जुलाई को सांकेतिक हड़ताल तथा 21 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए जिसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को पूर्व में दे दी गई है।

सभी संविदा कर्मी हड़ताल पर:

बिहार राज्य संविदा संघ जिला शाखा मधुबनी ने बताया कि सरकार एवं विभाग से 17 सूत्री मांगों को लेकर जिला अंतर्गत संविदा पर कार्यरत जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी,जिला डेटा सहायक, जिला कार्यालय सहायक, जिला लेखा सहायक, अस्पताल प्रबंधक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एफ.आर. यू. लेखापाल, प्रखंड लेखापाल प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक प्रखंड अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सहायक पर्यवेक्षक कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक, वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक, प्रयोगशाला पर्यवेक्षक, प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी यक्ष्मा पारा मेडिकल फार्मासिस्ट,एएनएम, एएनएम आरबीएसके एवं अन्य कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

नगर परिषद की नाकामियों से मंदिर परिसर डूबा

मधुबनी : नगर परिषद के कारण यूं तो हर साल ही शहर के कई कॉलोनियों के लोग विस्थापित होने और मजबूर होते हैं। नालों एवं कैनलों की उड़ाही नही होने के कारण शहर में जलजमाव ओर जलमग्न की समस्या तो हर साल की बानगी है। लाखों-करोड़ों रोये इस मद में फण्ड बना कर कहाँ गायब हो जाते हैं ये जवाब किसी के पास नही है। इस बार तो मधुबनी जिलाधिकारी का घर और समाहरणालय परिसर भी पानी से डूबा ओर भरा पड़ा है।

पर पहली बार मधुबनी स्टेशन के पास बने प्रेम हनुमान मंदिर के परिसर में भी पानी आ गया हुआ है। मधुबनी स्थानीय स्टेशन चौक स्थित हनुमान प्रेम मंदिर में दो दिनों से हो रही बारिश के कारण मंदिर में वर्षा का पानी प्रवेश कर गया, जिस कारण पुजारी सहित अन्य श्रद्धालुओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

मधुबनी नगर परिषद प्रशासन की लापरवाही के कारण शहर के विभिन्न नालों की सफाई नहीं होने के कारण शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई मुहल्ला में तो घरों में पानी का प्रवेश हो गया है, जिस कारण लोग ऊंचे स्थान पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।

मंगलवार के दिन हनुमान प्रेम में अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। मंदिर के मुख्य पुजारी किशोरी शरण ने बताया कि हनुमान प्रेम मंदिर में वर्षा का पानी घुसने से पूजा पाठ में कठिनाई होती है। पहली बार ऐसा हुआ है कि मंदिर परिसर में वर्षा का पानी घुसा है। मंदिर में पानी घुसना नगर परिषद की लापरवाही को दर्शाता है।

चार दिनों की बारिश में रेफरल अस्पताल डूबा

मधुबनी : जिले में चार दिनों से हो रही बारिश की वजह से क्या आम क्या खास, सभी लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बारिश का आलम यह रहा कि गांवों में खेत और सड़कें समान रूप से जलमग्न हो चुकी है।

प्रखंड कार्यालय परिसर, बीडीओ व सीओ आवास, पंडौल रेफरल अस्पताल, बीआरसी भवन, सकरी बाजार, पंडौल औद्योगिक क्षेत्र पानी में डूब चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में जलमग्न सड़कें व घरों में घुसा पानी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पोल खोल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर सड़कें तो बनी हैं, लेकिन जलनिकासी की व्यवस्था नहीं रहने व पानी बहाव के रास्ते में अतिक्रमण के कारण अवरूद्ध हो जाने की वजह से सड़कों पर बाढ़ सा नजारा देखने को मिल रहा है।

सरिसबपाही, भौर, संकोर्थू , मेघौल, गंगौली, बटुरी, यमसम, शाहपुर, बिठुआर, नरपतिनगर समेत दर्जनों गांवों में लोगों के घरों में पानी ने जमघट लगा ली है। लगातार हो रही बारिश की वजह से चौक-चौराहे व बाजार पैदल चलने की स्थिति में नहीं हैं। पंडौल रेफरल अस्पताल की हालत ऐसी है की वह स्वयं पानी में तैर रहा है। स्थिति ऐसी है की वहां पहुंचने वाले बिमार उस गंदे पानी में और बिमार हो जाएं।

सड़क दुर्घटना में दो की मौत

मधुबनी : कलुआही प्रखंड के मुख्य सड़क के किनारे कलुआही थाना क्षेत्र के हरिपुर गौरीदास टोल गांव में मुर्गी फार्म के समीप कार दुर्घटना में दो व्यकि के मौत होने की जानकारी मिली है।

हादसे में मारे गए दोनों लोगों की पहचान जयनगर शहर के राजपूतानी मोहल्ला के प्रज्ज्वलित कुमार सिंह एवं प्रदीप कुमार सिंह के रूप में की गयी है, जिसमें एक इलाहाबाद बैंक के कर्मी एवं एक शिक्षक बताये जा रहे है। घटना करीब साढ़े आठ बजे रात की बतायी जा रही है।

दोनों व्यक्ति कार से मधुबनी से कलुआही की ओर जा रहे थे। मधुबनी-कलुआही मार्ग वाया नजीरपुर के बेलाही ईंट भट्ठा और मुर्गी फार्म के बीच मुख्य सड़क पर जगह-जगह गड्ढा है, जिसमें बर्षा का पानी रहने से सड़क की स्थित का अंदाज नही रहता है। रफ्तार से जा रही कार संभवतः नियंत्रण खो कर सड़क किनारे पानी से भरे गड्ढा में जा गिरी। गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने की आवाज सुनकर मुर्गी फार्म में कार्य करने वाले एवं राह चलते लोग दौड़कर कार को निकालने का प्रयास किये।

वहीं, इस घटना की जानकारी मिलते ही बेलाही के मुखिया अजय कुमार झा ने तत्काल पीएचसी कलुआही के प्रभारी चिकित्सक को सूचना देकर एम्बुलेंस मंगाया।कार से दो व्यक्ति को निकालकर पीएचसी कलुआही ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया है। सूचना मिलते ही कलुआही थानाध्यक्ष राज कुमार मंडल अस्पताल पहुचें।

घटिया निर्माण की भेंट चढ़ा बाबा पोखर की चारदीवारी

मधुबनी : जयनगर ग्राम बस्ती क्षेत्र स्थित बाबा पोखर परिसर क्षेत्र मिथिला वन प्रमंडल दरभंगा बैनर तले बने दीवाल गिर जाने को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए दिए है। हालांकि मुखिया पति का कहना है कि भारी बारिश के कारण गिरा है।

मौके पर खड़े लोगो से मिली जानकारी के अनुसार बनाये गए उक्त दीवाल में बिम्ब और छड़ लगाने के बाद दीवाल जोड़ा गया था। मिट्टी के बह जाने के कारण दीवाल खड़ा रहना था, ना कि दीवाल को ही गिर जाना। इस बाबत जयनगर बस्ती पंचायत के मुखिया पति अनिल कुमार ने बतलाया कि तेज वर्षा होने के कारण नीचे की मिट्टी बह जाने के कारण दीवाल गिर गया है।

मनोवैज्ञानिक की स्थितियों को जन्म देगी, कोविड-19 से संबंधित चिंता

मधुबनी : कोरोना वायरस के बिहार में बढ़ते संक्रमण के कारण पूरे सूबे में राज्यव्यापी लॉक डाउन पुनः 15 दिनों के लिए 16 से 31 जुलाई तक किया गया है। लोग घरों में बंद हैं, जिससे दैनिक दिनचर्या काफी प्रभावित हुआ है. अचानक हुए इस परिवर्तन ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालना शुरू कर दिया है. इसके कारण लोगों के बीच चिंता, डर, अकेलापन और अनिश्चितता का माहौल बन गया है.कई लोग मौजूदा स्थिति में डरा हुआ या अकेला महसूस कर रहे हैं. रोज बढ़ते संक्रमण के मामले एवं सटीक उपचार की अनुपलब्धता ने लोगों के मन में कोरोना के प्रति डर में वृद्धि की है.

बदलकर अपना व्यवहार करें, कोरोना पर वार:

कोरोना के कारण बच्चों के व्यवहार में भी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. लंबे समय से स्कूल बंद होने के कारण बच्चे अपने दोस्तों के साथ मिलकर समय व्यतीत करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं, जिससे उनमें व्यवहार परिवर्तन भी देखने को मिल रहे हैं. कोविड-19 महामारी से संबंधित चिंता बच्चों में मनोवैज्ञानिक स्थितियों को जन्म दे सकती है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार पूर्व से ही विभिन्न दिशा-निर्देश के जरिए कोरोना काल में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की अपील कर रही है. इसी क्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पोस्टर के जरिए भी बच्चों में होने वाले व्यवहार परिवर्तन को समझ कर, उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाने की बात कही है.

इन लक्षणों के दिखने पर बच्चे को ले जायें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र:

• पढाई में मन नहीं लगना या रिजल्ट में गिरावट आना
• शारीरिक या मानसिक विकास में देरी
• एकाग्रता में कमी/ अति-सक्रियता
• मनोदशा में लगातार बदलाव होना
• बार-बार गुस्सा आना या आक्रामक होना
• नींद ठीक से नहीं आना

यदि आप ऐसा महसूस कर रहे हैं:

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया लगातार लंबे समय तक उदासी,सोने खाने की आदतों में बदलाव आना,नकारात्मक विचारों का आना,आत्महत्या का विचार आना,बार-बार गुस्सा आना,नींद ठीक से लाना,थकान महसूस होना यदि आपमें ऐसे लक्षण विकसित होते हैं तो आप अवसाद से ग्रसित हो सकते हैं अगर आप 2 हफ्ते से ज्यादा समय से लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से सलाह लें या हेल्पलाइन नंबर 080-46110007 पर कॉल कर परामर्श ले सकते हैं।

कोरोना, तनाव कैसे दूर होगा :

• नियमित दिनचर्या का पालन करें
• समय समय पर ब्रेक लें और नींद पूरी करने की कोशिश करें
• परिवारजनों, रिश्त्तेदारों और दोस्तों के संपर्क में रहें
• काम के अलावा कुछ शौकिया गतिविधियों से जुड़ें
• नियमित रूप से व्यायाम करें और संतुलित आहार ग्रहण करें
• तनाव मुक्ति के लिए योगाभ्यास करें
• यदि किसी धर्म में आस्था है तो धार्मिक गतिविधियों से जुड़ें
• अपने और अपने परिवार के लिए समय निकालें.

ग्रामीण चिकित्सक संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के निधन पर शोकसभा का आयोजन

मधुबनी : जिला के बासोपट्टी के जन-जीवक कल्याण संघम के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ० शिवशंकर प्रसाद के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया। यह शोकसभा गिरिजा कल्यानेश्वर महाविद्यालय बासोपट्टी के प्रांगण में जन जीवक कल्याण संघ (आरएमपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ० रविन्द्र ठाकुर की अध्यक्षता में की गई।

घर में खुदाई के दौरान निकले 17 कोबरा, लोगों में हड़कंप

इस दौरान संघ के ग्रामीण चिकित्सकों ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए डाॅ० शिवशंकर प्रसाद के दिवंगत आत्मा की शांति हेतु भगवान से प्रार्थना करते हुए दो मिनट का मौन रख श्रंद्धांजलि दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ठाकुर ने कहा कि वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिससे उनकी मृत्यु नालंदा जिला अंतर्गत पैतृक गांव रामचंद्रपुर में मंगलवार की सुबह करीब चार बजे में हो गई। ग्रामीण चिकित्सक को एकजुट करने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। हमलोगों ने उनके मार्गदर्शन पर चलने का काम किए हैं। उनके मृत्यु से हम सब आहत है। इसकी क्षतिपूर्ति तो नहीं हो सकता लेकिन इस दुखद घड़ी में इश्वर उनके परिवार को हिम्मत दें, यही कामना करता हूँ।

इस मौके पर प्रदेश महासचिव डाॅ० राम प्रबोध, प्रदेश युवाध्यक्ष डाॅ० गुड्डू सिंह, डाॅ० अरशद कमाल, डाॅ० अविनाश ठाकुर, डाॅ० रामविनय मिश्रा, डाॅ० दिनेश कुमार महतो, डाॅ० नियाज अहमद, डाॅ० अमर राम, डाॅ० श्याम कुमार ठाकुर, डाॅ० दुर्गानंद लाल कर्ण, डाॅ० अरुण कुमार सिंह, डाॅ० राधिका रमण चौधरी, डाॅ० राम सोगारथ, डाॅ० विनोद साह, डाॅ० रकिब अंसारी व डाॅ० राजू विश्वास ने शोकसभा में भाग लिया।

विकास के दावे की खुली पोल, करहारा गांव के लोगों का आज भी चचरी व नाव सहारा

मधुबनी : बेनीपट्टी के करहारा गांव आज भी अपनी बदनसीबी पर रो रहा है। गांव धौंस नदी से चारो ओर से घिरा हुआ है। ऐसे में आपातकालीन स्थिति में भी लोगों को नाव के सहारे की अपना काम करना पड़ रहा है। गांव के लोगों की विवशता कहीं न कहीं नीतीश सरकार के विकास के दावे की पोल खोलने के लिए काफी है।

दरअसल सोमवार की रात मेघवन पंचायत के मलिकाना गांव निवासी रजी अहमद 45 वर्ष को करहारा गांव स्थित अपने ससुराल में हाॅर्टअटैक का झटका लगा। किसी तरह मरीज को चारपाई पर रख नदी के निकट लाकर नाव पर रख धौंस नदी को पार कराया गया। फिर चारपाई के सहारे ही पैदल बसैठ तक ले जाया गया। तब तक मरीज की स्थिति काफी विकराल हो गई थी। ग्रामीण इरफान ने बताया कि नीतीश सरकार के मंत्री द्वारा सूबे में चचरी पुल का जमाना नही रहने के दावे किए जा रहे है। मगर करहारा गांव आज भी चचरी और नाव के सहारे है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री डा० शकील अहमद, विधायक भावना झा, पूर्व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव, वर्तमान सांसद अशोक यादव, हरलाखी के विधायक सुधांशु शेखर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा सिर्फ गांव के लोगों को झूठा आश्वासन ही दिया गया। मगर आज तक वायदे को पुरा नही किया गया। आज अगर धौंस नदी पर पुल रहता और करहारा गांव मुख्य सड़क से जुड़ा रहता तो मरीज को हाॅस्पीटल पहुंचाने में इतना समय नही लगता।

सैकड़ों घरों मे घुसा वर्षा का पानी, जन-जीवन अस्त व्यस्त

मधुबनी : जिले के बसैठ पंचायत में जलनिकाशी की समस्या के कारण वार्ड न-11, 12 और 13 के सैकड़ों घरों में वर्षा का पानी घुस गया है, जिसके कारण लोगों को घर छोड़कर सड़क पर शरण लेना पड़ा है। तीनों वार्डो में सड़कों पर तीन से चार फीट जमा है। लोगों के दैनिक कार्यों के साथ अन्य जरुरत पूरी करना असंभव हो गया है।

दरअसल, बसैठ के तीनों वार्डो में जलनिकासी की कोई समुचित व्यवस्था नही है, जिसके कारण पानी का बहाव अवरुद्ध हो गया है। बताया जा रहा है कि बसैठ के वार्ड न-14 के कुमरखत में बिना किसी तकनीक के मनरेगा से मिट्टीकरण व खरंजाकरण योजना कर दिया गया। जबकि, उक्त मिट्टीकरण के साथ अगर दो तीन जगहों पर जलनिकासी के लिए पाईप डाल दिये गये होते तो संभवतः जलजमाव की समस्या से लोगों को निजात मिल जाती। घर में वर्षा का पानी घुसने और जनप्रतिनिधियों द्वारा सुधि नही लिये जाने के कारण ग्रामीण खासे नराज दिख रहें हैं।

इधर, मुखिया सुनीता चौधरी ने बताया कि जब तक जलनिकासी संभव था, तब तक हर वर्ष जलनिकासी कराई। वार्डो से जलनिकासी कर लेंगे भी तो पानी कहां छोड़ेंगे। समस्या के संबंध में अधिकारियों को जानकारी दी जा चुकी है।

खतरे के निशान से उपर बढ़ा कमला नदी का जलस्तर, 8 फाटक खोले गए

मधुबनी : नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार तेज बारिश होने से नदियों की जल स्तर बढ़ने लगी है। कमला नदी का जल स्तर में तड़के सुबह से ही बढ़ने लगा। दोपहर बाद करीब 03 बजे कमला की जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं है। कमला प्रमंडल के अधिकारियों ने बताया कि जिस प्रकार से नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में तेज बारिश हो रही है, उस हिसाब से कमला की जल स्तर में और वृद्धि होने की संभावना है। कमला की आठों फाटक काे खोल दिया गया है।

नेपाल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रो में विगत कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश जारी है, जिसके वजह से कमला समेत अन्य नदियों की जल स्तर बढ़ रहा है। नदी का कटाव होने से कई घर कमला में समा जाते हैं।

कमला की कोख में बसी उक्त गांव में एक दर्जन से अधिक घर कमला की मुहाने पर है। जल स्तर और बढ़ने एवं कटाव होने की स्थिति में कई घर कमला में समा सकती है। नदी किनारे बसे लोग बाढ़ को लेकर डरे एवं सहमे हुए हैं। आज भी लोगो की आंखों से पिछले साल की प्रलयकारी बाढ़ का तबाही का मंजल ओझल नहीं हुआ है।

बता दें कि पिछले साल 13 जुलाई 2019 को आयी भयानक बाढ़ ने अपनी पिछली सारी रेकॉर्ड को तोड़ दिया है। इस बार भी वही खौफनाक मंजर लोगों को डरा रहा है, की कहीं पुनः वही बाढ़ नही आये।

सुमित राउत

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