बैरिकेडिंग के कारण श्मशान जाने में शव यात्रियों को हो रही परेशानी

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बाढ़ : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है, पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल ‘हॉट स्पॉट’ होने के कारण एसडीओ सुमित कुमार के निर्देशानुसार शहर के स्टेशन बाजार,वाजिदपुर,सदर बाजार सहित कई भीड़-भाड़ बाले इलाकों को सील किया गया है।

लोगों को आवश्यक समान की खरीदारी करने ही बाज़ार जाने दिया जा रहा है, वहीं शव के साथ शव यात्रियों को भी अंत्येष्टि के लिए शमशान जाने के क्रम में सील को पार करने में मशक्कत करनी पड़ रही है। चोंकिये मत, क्योंकि ‘राम का नाम जितना सत्य’है। उतना ही सत्य है पटना जिला के ‘बाढ़’ नगर परिषद के सदर बाजार में आये दिन देखने को मिल रहा है, उत्तरवाहिनी गंगा नदी के किनारे स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने के लिये उन्हें प्रशासन द्वारा लगाये गये सील को पार करना पड़ रहा है।

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सर्वविदित है कि आनुमण्डल में बढ़ते कोरोना संक्रमण महामारी को लेकर बाढ़ शहर की प्रायः सभी सड़कों को प्रशासन द्वारा पूरी तरह सील कर दिया गया है। क्योंकि प्रशासन की नजर में कोरोना संक्रमण जैसी जानलेवा बीमारी का एकमात्र इलाज सोशल डिस्टेंसिंग एवं पूर्ण लॉकडाउन ही है। कड़वा सच तो है कि समय-समय से नगर परिषद क्षेत्र के सड़कों एवं गली-मोहल्लों में साफ-सफाई,सभी वार्डों में सैनिटाइजर का छिड़काव,कीटनाशक दवाओं या ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नही होने से जगह-जगह संक्रमण फैलाने बाला गंदगियों का अंबार लगा हुआ है।

नगर के प्रायः सभी वार्डों में साफ-सफाई और कीटनाशक दवाओं की छिड़काव किये जाने का पर्याप्त व्यवस्था नही होने सेऔर बर्षों से गली- मुहल्लों के दुर्गंध भरी कचरों तथा कचरा युक्त जल जमाव रहने से लोगों में संक्रामक रोग फैलने का भय बना हुआ है।सरकार द्वारा नगर परिषद क्षेत्र के करदाताओं की होल्डिंग टैक्स में काफी इजाफा तो किया गया,पर नगर परिषद प्रशासक द्वारा करदाताओं को कोई सुविधा नही दिया जाता है। बैसे तो बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन द्वारा चाक-चौबंद व्यवस्था के साथ पूरे शहर को सील कर दिया गया है और इसका खामियाजा जीवित लोगों के साथ मृत व्यक्तियों को भी भुगतना पड़ रहा है।

इसे आप जब चाहें खुद देख सकते हैं कि किस तरह सदर बाजार के गोपीनाथ मन्दिर के पास मुख्यमार्ग के बींच लगे बांस के बैरिकेटिंग को शव को अंत्येष्टि के लिये शमशान घाट ले जाने के क्रम में शव यात्री अपने कंधें परअर्थी को लेकर पार करना पड़ रहा है और यहां मृतक के परिजनों द्वारा पूरी तरह सावधानी नहीं बरती गयी तो अर्थी जमीन पर भी गिर सकता है।

बहरहाल,ऐसी कठिनाई सिर्फ एक शव यात्रा के साथ नही बल्कि यहां सुविख्यात उमानाथ मन्दिर-घाट के पास उत्तरायण गंगा नदी के तट पर मोक्ष प्राप्ति के लिये सती स्थान श्मशान घाट पर राज्य के दूर-दराज के इलाके से प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में शव के अंतिम संस्कार करने के लिये लोग आया करते हैं और इन दिनों शहर की ऐसी हालात है कि बगैर प्रशासन द्वारा लगाये गये सील को पर किये कोई श्मशान घाट नहीं पहुंच सकता है। आखिर इस मुसीबत से लोगों को छुटकारा कब मिलेगा यह तो कहना मुश्किल है और प्रशासन तो बढ़ते घातक कोरोना संक्रमण जैसे मुसीबत से लोगों को बचाव के लिये यह कदम तो उठाया,पर लोगों को आपात स्थिति में आवाजाही में हो रही कठिनाई के बारे में कोई ठोस निर्णय नही लिया है।

बाढ़ से सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट

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