स्वास्थ्य मंत्री का निर्देश, कोेरोना जांच के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्रतिदिन पूरा किया जाय
लैब टेक्निसियनों की संवदिा पर बहाली एवं आइसोलेशन केंद्रों को करें और सुदृढ़
वीसी के माध्यम से सभी जिले के सिविल सर्जन को स्वास्थ्य मंत्री ने दिया निर्देश
पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को सभी जिले के सिविल सर्जनों को दिए गए जांच के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्रतिदिन पूरा करने का निर्देश दिया है। विभाग के प्रधान सचिव, सचिव, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक, अपर कार्यपालक निदेशक, वरिष्ठ अधिकारियों एवं सिविल सर्जनों के साथ वीसी कर स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों को आवश्यकतानुसार लैब टेक्निसियनों की संविदा पर बहाली एवं होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का दूरभाष पर हालचाल लेने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने जिले में हो रही जांच एवं आइसोलेशन व्यवस्था की अद्यतन जानकारी भी ली।
पांडेय ने बताया कि सभी जिलों को आइसोलेशन केंद्रों पर ऑक्सीजन सिलेंडर, पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रा रेड थर्मामीटर तथा आवश्यक दवाइयां उपलब्ध रखने के साथ-साथ मरीजों के लिए पेयजल, सफाई एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना जांच का दायरा न सिर्फ प्रतिदिन बढ़ रहा है, बल्कि दस हजार का लक्ष्य पार कर चुका है।
रैपिड एन्टीजेन टेस्ट किट से अब कोरोना का परिणाम आधा घंटे में आ रहा है, जिससे काफी संख्या में संक्रमितों की पहचान हो रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना को काबू में लाने का हरसभंव प्रयास और कोरोना से पीड़ित लोगों का समुचित उपचार किया जा रहा है। मुख्यालय से इसकी लगातार माॅनिटरिंग भी की जा रही है, ताकि कोरोना से पीड़ित मरीजों को बेवजह परेशानी न हो।
पांडेय ने बताया कि सूबे के सभी आइसोलेशन केद्रों पर पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ एवं नर्सेस की प्रतिनियुक्ति कर दी की गयी है। उन्होंने माना कि हाल के दिनों कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है, लेकिन काफी संख्या में लोग कोरोना पर विजय भी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोनाकाल में लोग संयम बरतें, शारीरिक दूरी बनाये रखें, मास्क लगायें और अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकले।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों समेत सभी जिले के सिविल सर्जनों को कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की बढ़ रही संख्या को ध्यान में रखते हुए आइसोलशेन केंद्रों पर व्यवस्था और सुदृढ़ करने का निर्देश दिया है, ताकि मरीजों को उपचार एवं आइसोलेशन केंद्रों पर किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो।