13 जुलाई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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मधुबनी के जेलों में बनेंगे कोरोना टेस्टिंग सेंटर

  • संक्रमण के बढ़ते मामले को देख लिया गया निर्णय

मधुबनी : आइजी जेल मिथिलेश मिश्र ने मधुबनी कारागार में एक दर्जन से अधिक जेल अधिकारी-कर्मचारी के कोविड-19 से संक्रमित पाये जाने पर सेंट्रल और मंडल कारागारों में टेस्टिंग सेंटर स्थापित करने के आदेश दिये है़ं। विशेष सतर्कता बरतने और कोरोना से बचाव को पूर्व में जारी एसओपी का कड़ाई से पालन न करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है़। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये जेल अधिकारियों से वहां की स्थिति आदि का जायजा लिया जा रहा है़, स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गयी है़।

बता दें कि मधुबनी कारा में एक साथ जेल अधीक्षक सहित 14 कारागार कर्मचारी के कोविड-19 से संक्रमित होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है़।स्थानीय चिकित्साधिकारियों की निगरानी में टेस्टिंग कार्य कराया जा रहा है़। संक्रमितों के संपर्क में आये लोगों की पूरी चेन का भी पता लगाया जा रहा है़।

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जेल आइजी मिथिलेश मिश्र ने बताया कि कोरोना से बचाव को विस्तृत दिशा निर्देश दिये जा चुके है़। कई बार रिमाइंड भी कराया गया है़। अब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं, कि महामारी से बचाव का जो प्रोटेाकाल है उसमें कहीं कोई चूक तो नहीं हो रही है़।

साथ ही कैदियों के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखी जा रही है़। बहुत कम स्टॉफ है जो जेल परिसर से बाहर से ड्यूटी आता जाता है़, उसे स्क्रीनिंग के बाद ही एंट्री दी जा रही है़। कोशिश है कि सभी कर्मचारी भी परिसर से बाहर नहीं रहे़ं वर्तमान व्यवस्था थी कि सेंपल कलेक्ट सेंटर थे, जांच बाहर से हो रही थी़। इस व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है़। अब सभी केंद्रीय कारागार, मंडल और जिला कारागारों में जरूरत के अनुसार कोरोना की जांच की व्यवस्था होगी़ इसके लिए जांच सेंटर स्थापित किये जा रहे है़ं।

रिंग बांध में भारी अनियमितता का हुआ खुलासा

मधुबनी : जयनगर में बेतोन्हा के पास जयनगर को मारर जाने वाले सड़क पर रिंग बांध का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ स्थानीय ग्रामीणों द्वारा ठेकेदार, अधिकारी एवं तथाकथित पत्रकार की मिलीभगत की बात बताई जा रही है। जहाँ एक तरफ स्थानीय लोगों के द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद ठेकेदार कुछ तथाकथित पत्रकारों के साथ मिलीभगत कर रिंग बांध के निर्माण कार्य मे कटौती ओर अनियमितता बरत कर हजारों लोगों की जान सांसत में डाली जा रही है। अगर बाढ़ आया तो इन सैकड़ों परिवारों के हजारों लोगों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ सकता है।

विदित हो कि कुछ दिन पहले ही सूबे के मुखिया नीतीश कुमार एवं जल संसाधन मंत्री संजय झा के साथ इस क्षेत्र का दौरा किया गया है, बावजूद इसके इन अधिकारियों को ठेकेदारों एवं फर्जी पत्रकारों के साथ इस तरह का कार्य कर बांध को कमजोर बनाया जा रहा है।

मौके पर जानकारी देते हुए ग्रामीण ने बताया कि जितना मजबूती से इसका निर्माण होना तय है, वो ठेकेदार नही कर रहे हैं। ठेकेदार रात के अंधेरे में कार्य करते है, ताकि इनकी गलती उजागर न हो सके।

इस बाबत ग्रामीणों ने गुहार लगाते हुए उच्च अधिकारियों से कहा है कि कृपया इसकी जांच कराई जाए और दोषी ठेकेदारों ओर इस गक्त कार्य मे शामिल तथाकथित पत्रकारों को दंडित किया जाए।

रेलवे स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया से आग्नेयास्त्र के साथ एक गिरफ्तार

मधुबनी : जयनगर रेलवे स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया से कल देर रात यात्रियों को लूटने की योजना से आये कोरहिया निवासी नौजवान दिलीप यादव को एक देसी पिस्तौल ओर दो कारतूस के साथ पकड़ा गया, जिसे आज सुबह प्रेसवार्ता के बाद जेल भेज दिया गया है।

जानकारी देते हुए जयनगर जीआरपी के थानाध्यक्ष विनोद राम ने बताया कि अभी एक मात्र ट्रैन शहीद/सरयू-यमुना एक्सप्रेस चल रही है, जिससे यात्री देर रात आते हैं बाहर से। जिनको लूटने की योजना उक्त अपराधी की थी, जिसको रेल पुलिस ने नाकाम कर दिया है। उक्त अपराधी को केस फर्ज कर रेल थाने भेज दिया गया है।

बिहार ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र के द्वारा चलाया गया करोना जागरूकता अभियान

मधुबनी : हरलाखी थानाक्षेत्र में बिहार ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र दास के नेतृत्व में कोरोना वायरस कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हरलाखी और नाहर्निया पंचायत में डोर-टू-डोर जागरूकता अभियान चलाया गया।

मधुबनी जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र दास ने लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि आज जिस प्रकार कोरोना वायरस अपनी भयावह रूप धारण कर ली हुई है, इसका एक मात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है। इसके अलावा एहतियात के तौर पर घर से बाहर निकलने पर हमेशा मास्क का प्रयोग करें, और सैनिटाइजर या साबुन से बार-बार हाथ को धोए हैं। अगर आप घर से बाहर निकलते हैं, तो बिना सेनीटाइजर और हाथ धोये हुए मुंह नाक कान छूने से बचें। घर में ही रहे, अधिक जरूरी पड़ने पर ही घर से बाहर जाए और सुरक्षित रहें।

ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र पहले भी बाढ़ राहत का कार्य किये और अब भी समाज और देश हित को लेकर हर क्षण तैयार है, चाहे सरकार जितना अनदेखी करें। चुनाव समय पर सरकार नही सम्भली तो हम सब भी सरकार को अनदेखी करेंगे।

उक्त अभियान में सहभागी सदस्य संतोष राय, पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, पंचायत अध्यक्ष मो० उस्मान, किशुन महतो, विनोद महतो, रामकृपाल महतो, मो० इफ्तेखार, विजय कुमार महतो एवं अन्य साथी मौजूद रहे।

कोशी, भुतही, कमला व अन्य छोटी नदियों में उफान, मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

मधुबनी : नेपाल से लेकर बिहार तक हो रही लगातार बारिश से प्रखंड क्षेत्र की सभी नदियां उफान पर है। कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। कमला नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

मधेपुर प्रखंड के कोसी प्रभावित गांवों गढ़गांव, भवानीपुर, मेनाही, पिरियाही, बक्सा टोल, गोबरगढ़, बसीपट्टी, नोनयारी, राधिकापुर, महपतिया, बकुआ, भरगामा, द्वालख, ललवारही, कोरियाघात, मेहसा, भगता, लिलजा, लाहवन, करहारा सहित अन्य जगहों पर त्राहिमाम की स्थिति है।

वीरपुर बैराज से सर्वाधिक डिस्चार्ज 2 लाख 74 हजार 365 क्यूसेक रहा लेकिन इसके बाद से धीरे-धीरे कम रहा है। यह पानी आने से यहां की स्थिति और दयनीय हो सकती है। गढ़गांव पंचायत के मेनाही गांव में सौ से ज्यादा घर कटने की सूचना मुखिया ने सीओ कार्यालय को दी है।

जबकि वहां बने सोलर पावर सब स्टेशन का भविष्य भी खतरे में है। पानी से समूचा निचला ईलाका लबालब हो गया है। अब जैसे-जैसे जलस्तर में वृद्धि होगी लोगों के घरों में पानी घुसना शुरू हो जाएगा।

भरगामा से मनोज निराला का कहना है वार्ड ग्यारह सहित अन्य जगहों पर पानी भर गया है। लोग अपने-अपने घरों में ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं। जनजीवन ठहर सा गया है। कई जगहों पर नदी की तेज धारा कटनियां कर रहा है। मवेशी चारा के अभाव में भूखे रहने को विवश है।

इधर बकुआ एवं राधिकापुर में लगे कटनियां के बाबत विधायक गुलजार देवी ने डीएम को पत्र लिखकर अविलंब कटावरोधी कार्य शुरु करने की मांग की है। जबकि जल संसाधन मंत्री से बकुआ, भरगामा, जानकीनगर, नहरी- जगन्नाथपुर, लाहवन आदि गांवों में कोसी एवं तिलयुगा नदी का कटनियां लगने से गांव के अस्तित्व पर खतरा बढ़ गया है। इसलिए अविलंब कटावरोधी कार्य शुरू करने की मांग की है।

बताते चलें कि इस बाबत विधानसभा में अपने तारांकित प्रश्न के माध्यम से भी विधायक इस मुद्दे को उठा चुके हैं। इधर प्रभारी सीओ कन्हैया लाल ने बताया कि गढ़गांव से स्थिति विकराल होने की जानकारी मिला है। अन्य जगहों से जानकारी ली जा रही है, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार कई गांवों की ग्रामीण सड़कें डूब चुकी है। लोगों का घर से पैदल निकलना मुश्किल हो गया है। नाव के सहारे अपने दैनिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन इसमें भी नाव की कमी आड़े आ रही है।

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक के एसडीओ का लोगों ने किया घेराव

मधुबनी : नेपाल एवं बिहार में लगातार हो रही बारिश ने कमला बलान नदी खतरा के निशान को पार कर गई है। मधुबनी जिले के झंझारपुर में यह पुराना रेल सह सड़क पुल के गार्टर को छू रही है। कमला बलान के बाएं एवं दाएं तटबंध में कई जगह रेनकट के कारण दरार है। रेलवे स्टेशन बाजार के नवटोल, पुरानी पोखर, शिवपुरी मोहल्ला, पथराही, बलभद्रपुर के गांव के लोगों को जब कमला बलान के खतरा के निशान पार करने की जानकारी मिली तो लोग जिज्ञाशावश नदी की ओर देखने पहुंचे।

झंझारपुर रेलवे स्टेशन बाजार स्थित नया बस स्टैण्ड के नजदीक 51वें किलोमीटर पर रेलवे लाइन से दक्षिण तथा नवटोल गांव से ठीक पश्चिम कमला बलान के बाएं तटबंध में रेनकट के कारण बड़ी बड़ी दरारें देख लोग सन्न रह गए।

संयोगवश उसी समय बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक के एसडीओ प्रभात कुमार एवं जेई अजीत कुमार बांध का निरीक्षण करने पहुंच गए। लोगों ने जब यह जाना कि यही दोनों जवाबदेह अधिकारी हैं, तो लोग तैश में आ गए और एसडीओ और जेई को भला बुरा कहने लगे।

किसी ने एसडीओ का हाथ पकड़ा और खींचते हुए रेनकट दिखाने लगे। भीड़ ने विभाग की इस उदासीनता के कारण एसडीओ व जेई को खूब भला बुरा भी कहा। लोगों ने कहा कि देखिए- बांध पर जंगल तक की सफाई नहीं हुई है। लोगों ने अधिकारी द्वय को बताया कि यह संवेदनशील पाइंण्ट है।

नदी में उछाल आने पर कमला बलान नदी की एक धारा अपने मुख्य धारा के साथ साथ इस बांध तक आती है, और बांध से टकराकर दक्षिण की ओर जाती है। अगर यह पाइंट मजबूत न हुआ तो अनर्थ हो सकता है। आनन फानन में एसडीओ ने बाढ़ निरोधक कार्य करने वाले ठेकेदार को तलब किया और देखते ही देखते रेनकट को ठीक किया जाने लगा। पूछने पर एसडीओ ने कहा कि कोई बेअदबी नहीं हुई। लोगों ने आक्रोश में कुछ कह दिया।

यहां यह बता दें कि रेलवे लाइन से दक्षिण भीठ भगवानपुर अवर प्रमंडल में पड़ता है। भीठ भगवानपुर अवर प्रमंडल के अधीन नवटोल से लेकर सहरसा जिला के इतरघाट तक का बांध है, जिसकी कुल लंबाई करीब 52.12 किलोमीटर है।

राष्ट्रीय राजमार्ग-104 को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग-527बी जर्जर

मधुबनी : जयनगर अनुमंडल मुख्यालय के बायपास सड़क के एक दशक से अधिक समय से जर्जर रहने के कारण लोगों के लिए आवागमन दुरूह बना हुआ है। यह सड़क एन०एच०-104 एवं एन०एच०-527बी को जोड़ती है, इसलिए इस सड़क का खासा महत्व है। बावजूद, यह सड़क उपेक्षा का दंश झेल रहा है।

बरसात में इस सड़क पर घुटनों भर पानी बहता है। निबंधन कार्यालय से आनंदपुर, यूनियन टोल होते हुए यह सड़क नेपाली रेलवे गुमटी के समीप एन०एच०-104 से जुड़ती है। सड़क के जर्जर अवस्था में रहने के कारण बरसात के मौसम में सड़क पर घुटने भर पानी बहता है, जिस कारण आवागमन दुरूह बना हुआ है। अब जबकि चुनावी मौसम दस्तक दे रहा है, लोगों की जुबान पर सड़क की बदहाली की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।

सड़क की दुर्दशा के कारण लोगों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति भी काफी आक्रोश है। लोगों की मांग है कि यह सड़क जल्द से जल्द बने, ताकि क्षेत्र के लोगों को आवागमन की समस्या से निजात मिल सके।

वहीं, जयनगर नगर पंचायत के लिए कामधेनु बनी यह सड़क है। नगर पंचायत प्रशासन के लिए यह बायपास सड़क विगत कई वर्षों से कामधेनु बनी हुई है। प्रतिवर्ष सड़क को आवागमन लायक बनाने के नाम पर नगर पंचायत प्रशासन लाखों रुपये खर्च कर वारा-न्यारा करती आ रही है, बावजूद, सड़क चलने लायक नहीं रह पाती है। एक दशक पहले सीमा विकास योजना से सड़क का निर्माण प्रारंभ कराया गया, लेकिन संवेदक द्वारा अनियमितता बरते जाने का कारण आधे सड़क के निर्माण का जो मामला अटका, सो अटका ही रह गया। हालांकि, अनियमितता मामले में कइयों को जेल की हवा भी खानी पड़ी। इस बाबत नगर पंचायत के ईओ अमित कुमार ने बताया कि सीमा विकास योजना बंद हो जाने के कारण सड़क का निर्माण नहीं हो सका है, जल्द ही किसी अन्य योजना से सड़क का निर्माण कराया जाएगा।

हथियार के बल पर अपराधियों ने वाहन लूटा, हुए फरार

मधुबनी : वर्तमान हालात में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के कारण अपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होने लगी है। सड़कों पर जा रहे राहगीरों का मोबाइल छीनना, बाइक लूटना आम बात हो गई है। अब तीन पहिया व चार पहिया वाहन भी हथियार के बल पर लूट जा रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑनलाइन सामान पहुंचाने वाली अमेजॉन कि बंद बॉडी डाक पार्सल पीकप जिसका नंबर-बीआर01एएम-0280 है, उक्त गाड़ी लेकर अररिया जिला के नरपतगंज थाना क्षेत्र के रेवाड़ी निवासी मो० हारुन का बेटा मो० रब्बान अपने एक साथी मुजफ्फरपुर के बाजितपुर निवासी दीपनारायण सिंह के बेटे वीरेंद्र कुमार सिंह के साथ पटना से सहरसा के लिए निकला। सकरी चौक ओवरब्रिज के नीचे से होते हुए नेहरा सड़क से सहरसा जाने वाली सड़क की ओर आगे बढ़ा।

सकरी स्टेशन से लगभग तीन किलोमीटर आगे बढ़ने पर मनिगाछी थाना क्षेत्र के नारायणपुर स्थित स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर द्वार के पास सफेद रंग की स्कार्पियो में सवार छह-सात लोग गाड़ी के सामने आ गए। डाक पार्सल के चालक ने गाड़ी रोक दी। स्कॉर्पियो से निकल वे लोग चालक व उसके साथी के साथ मारपीट करने लगे और हथियार का भय दिखा उक्त गाड़ी से उतार दोनों को स्कॉर्पियो में बैठा लिया।

दोनों की आंखों में पट्टी बांध दी। उसमें से दो लोग डाक पार्सल पिकअप लेकर नेहरा की ओर फरार हो गए। जबकि, चालक व उसके साथी को स्कॉर्पियो में बैठा पंडौल थाना क्षेत्र के कमलपुर में सड़क पर छोड़ भाग निकले। बाद में चालक अपने साथी के साथ थाना पहुंच मामला दर्ज कराया। जबकि, उक्त डाक पार्सल गाड़ी में लगभग 20 लाख रुपये के सामान व अन्य जरूरी कागजात थे। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। सकरी व मनिगाछी थाना क्षेत्र की ओर इस तरह की घटनाएं अक्सर होने लगी है।

लगातार हो रही बारिश से बढ़ा धौंस नदी का जलस्तर

मधुबनी : पिछले पांच दिनों से एवं नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के कारण प्रखंड होकर बहने वाली अधवारा समूह की धौंस नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों के लोग प्रलयंकारी बाढ़ की डर से सहमे हुए हैं। हलांकि अभी नदी लबालब भर चुका है।

वहीं साहरघाट के पास कोसी नहर के सामने पहले से टूटे सुरक्षा तटबंध से नदी का पानी फैलना शुरू हो चुका है। बसवरिया चौड़ के खेतों में पानी फैल जाने से लोग भयभीत है। अगर बाढ़ आई तो नदी किनारे बसे साहरघाट, बसवरिया, पिहवारा, उतरा, बैंगरा, सलेमपुर, बोकहा, पहिपुरा, लोमा, विशनपुर, त्रिमुहान, करहूंआ, अंदौली, पिरौखर सहित करीब दर्जनों गांव में भयंकर तबाही मचाएगी।

जान मल की काफ़ी क्षति होना तय है। इन गांवों के लोग अभी से ही बाढ़ की विभिषिका से निपटने की तैयारी में जुट चुके हैं। बता दूं कि धौंस नदी का जलस्तर मधवापुर, यमुनी नदी का जलस्तर ब्रह्मपुरी, रातों नदी का पिरौखर में काफी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले वर्ष आई प्रलयंकारी बाढ़ के दौरान साहरघाट, पिहवारा, विशनपुर, पिरौखर सहित करीब पांच जगहों पर धौंस नदी का सुरक्षा तटबंध टूट जाने से चार दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी ने काफी तबाही मचाई थी।

एक वर्ष बीत जाने के बाद भी टूटे तटबंध का मरम्मत नहीं कराने से लोग नदियों के जलस्तर में वृद्धि से सहमे हुए हैं। कई बार अंचलाधिकारी से टूटे बांध का मरम्मत कराने की गुहार लगाई थी। सुरक्षा तटबंध टूटे रहने के कारण लोग बाढ़ की आशंका से भयभीत है। इस बाबत सीओ सुधीर कुमार ने बताया कि नदियों के जलस्तर पर प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रखंड प्रशासन अलर्ट मोड में है।

सीओ ने किया पूर्वी तटबंध का निरीक्षण, दिए जरूरी निर्देश

मधुबनी : रुद्रपुर सीओ विष्णुदेव सिंह ने रविवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान रुद्रपुर थानाध्यक्ष गया सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे। अधिकारियों ने नदी में पानी के बढ़ते स्तर का निरीक्षण किया और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन किया। इन पदाधिकारियों ने पिछले साल भदुआर स्थित टूटे तटबंध की ओर भी जांच की और बाढ़ प्रभावित आम लोगों से बात कर उनकी मुश्किलों और समस्याओं की जानकारी ली।

सीओ विष्णुदेव सिंह ने कहा कि उन्होंने कमला नदी और पूर्वी तटबंध का जायजा लिया है। पानी की स्थिति सामान्य है और फिलहाल खतरे की कोई बात नही है। कहा कि अब तक किसी भी तरह का जान-माल का खतरा नहीं हुआ है। सीओ ने कहा कि हालात पर प्रशासन नजर बनाए हुए हैं। तटबंध के रेन कट वाले जगहों पर जल संसाधन विभाग लगातार काम कर रहा है।

सीओ ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ से निपटने की तैयारी कर ली गई है। प्रखंड में 11 शरण स्थल चिन्हित की गई है। जिसमें बाढ़ के दौरान परिचालन के लिए छह नाव उपलब्ध किए गए है। इसमें तीन सरकारी नाव के अतिरिक्त तीन निजी नाव की व्यवस्था की गई है। आवश्यकता पड़ने पर संख्या में इजाफा किया जाएगा। बाढ़ से प्रभावित होने वाली संभावित आबादी के लिए अस्थायी शरण स्थल चिन्हित कर स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ के दौरान सभी जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

भारी बारिश के कारण कटाव से मचा तबाही, टूटा डायवर्सन

मधुबनी : नेपाल के साथ-साथ उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश से ऊफनाई नदियां तबाही मचाने लगी हैं। रविवार को अधिकांश नदियां लाल निशान से ऊपर रहीं। बाढ़-कटाव के बीचे कई जिलों के निचले इलाकों से विस्थापन तेज हो गया है।

मधुबनी के लदिनयां में एन०एच०-104 पर लक्ष्मीनियां व झलोन गांव के बीच कटैया नदी पर बना डायवर्सन पानी के अधिक दबाव के कारण टूट गया है। अब इस रास्ते से आवागमन ठप हो गया है। बिहुल नदी के पूर्वी तटबंध पर पानी का अत्यधिक दबाव है। कभी भी तटबंध टूट सकता है। इससे भूतहा, पीपराही, झिटकी सहित कई गांवों की हजारों आबादी प्रभावित हो जाएगी।

वहीं लौकही में घोरदह नदी का पानी नरेन्द्रपुर डायवर्सन पर चढ़ जाने के कारण आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। इस नदी पर पुल निर्माण का कार्य चल रहा है। वही जिले के कई निचले इलाकें में नदी का पानी फैलने लगा है।

झंझारपुर में कमला नदी उफान पर, बाढ़ पीड़ितों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर ली शरण

मधुबनी : झंझारपुर में कमला बलान पूरे उफान पर है, ओर नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। इस कारण से जलमग्न होने के कारण स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-57 पर अपने बचे हुए सामानों ओर मवेशियों के साथ डेरा जमा लिया है।

बता दें कि नेपाल के साथ-साथ मधुबनी जिले में हो रही भारी बारिश से झंझारपुर में कमला नदी उफान पर है। बाढ़ का पानी दोनों बांध के बीच के इलाके के गांवों में प्रवेश कर गया है। कमला नदी का रौद्र रूप देख पिछले साल बाढ़ की विभीषिका झेल चुके लोग पहले ही बाल-बच्चों और मवेशियों संग एन०एच०- 57 पर शरण लेना शुरू कर दिया है। एनएच किनारे आशियाना बना लोगों के परिवार संग डेरा डाल देने से झंझारपुर में दरभंगा-पूर्णिया एन०एच०-57 के एक लेन पर आवागमन ठप हो गया है। हालांकि यहां भी उनकी परेशानी कम नहीं हो रही है।

इस बाबत नवटोलिया के अमलेश मुखिया की पत्नी शीला देवी ने बताया कि नदी में पानी ज्यादा होने के कारण पूरे परिवार के साथ सड़क पर आ गयी हूं। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए फोरलेन के एक लेन पर आवागमन रोक दिया है। फिर भी दूसरी लेन पर पूरी रात तेज वाहन की आवाज और कमला नदी के शोर के दहशत में रात का खाना नहीं बना सकी।

स्थिति यह हो गई कि अगल-बगल के लोगों ने खाना पहुंचाया, तब पेट की आग शांत हुई। शीलला ने बताया कि सबसे ज्यादा दिक्कत मवेशियों को है। शीला के बगल में खड़ी जीवाछि देवी, शांति देवी, सिया देवी, सती देवी, मंजू देवी, गीता देवी, जानकी देवी की अपनी-अपनी कहानी है।

एन०एच०-57 के डिवाइडर पर मवेशियों के लिए तंबू लगा रहे अमरीश मुखिया ने कहा कि जिंदगी के तीन माह एनएच पर ही गुजरेंगे। एन०एच० बनने के बाद बाढ़ में जिंदगी बहने का डर समाप्त हो गया। जागे मुखिया, मोहन मुखिया, लोटन मुखिया, जागेश्वर मुखिया, जोगेंद्र मुखिया, रामस्वरूप मुखिया, अजय मुखिया, श्याम मुखिया, संजय मुखिया, अनूप मुखिया, राजा मुखिया ने कहा जान बच गई। मवेशी बच गए। अब सरकार कुछ मदद करें, तो आगे का समय कट जाए।

वहीं, झंझारपुर एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से एन०एच०-57 के एक लेन बंद कर दिया गया है। सड़क पर रह रहे लोगों को किसी प्रकार की विशेष दिक्कत नहीं हो इसकी व्यवस्था प्रशासन कर रहा है। शनिवार को ही प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग, अंचल और अन्य विभागों के साथ बैठक कर बाढ़ प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य सुविधा, कम्युनिटी भोजन एवं आवश्यक सामान आपूर्ति करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

सुमित राउत

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