पटना : बिहार के पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने अपराधियों से गठजोड़ रखने वाले पुलिसकर्मियों पर हमलावर होते हुए कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर बड़े पैमाने पर सर्जिकल स्ट्राइक हो। उन्होंने कहा कि देश में पुलिसकर्मियों और अपराधियों की गठजोड़ भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही शुरू हो गई थी जो आज तक निरंतर जारी है। इसी गठजोड़ का नतीजा है कि आज अपराध तो तेजी से बढ़ ही रहा है। अदालतें भी मुकदमे की बोझ से बोझिल हो गया है।
केंद्र सरकार करे पहल ताकि भष्ट पुलिसकर्मियों में हो संविधान का भय
वर्मा ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस गठजोड़ पर एक सर्जिकल स्ट्राइक करे जिससे गठजोड़ करने वाले पुलिसकर्मियों में संविधान का भय कायम हो सके। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि इस देश में ईमानदार और सख्त पुलिसकर्मियों की कमी है,परंतु ईमानदार पुलिसकर्मी इस माहौल में अपने आप को लाचार समझ रहे हैं।
भ्रष्ट पुलिसकर्मी अपराधियों को बनाते है पहले अपना मुखबिर
वर्मा ने कहा कि भ्रष्ट पुलिसकर्मी अपने स्वार्थ हित में अपराध का रास्ता अख्तियार कर चुके अपराधियों को पहले अपना मुखबिर बनाते हैं और उसको प्रशासनिक संरक्षण देते हैं और बाद में जब उस अपराधी का अपराध की दुनिया में कद बढ़ जाता है तो पैसे के लालच में भ्रष्ट पुलिसकर्मी ही अपराधियों का विभागीय मुखबिर बन जाते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि जब अपराधी,अपराध का रास्ता छोड़ना चाहता है तो भ्रष्ट पुलिसकर्मी उस पर दवाब बनाकर उसी दलदल में रहने पर अपराधी को मजबूर कर देते हैं। ताकि पुलिसकर्मियों का आय का स्रोत बना रहे। पुलिस-आपराधिक गठजोड़ का ही नतीजा है कि शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से जमीन कब्जा का कारोबार शुरू है।
वर्मा ने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार अविलंब एक ऐसे विभाग को कायम करे जिसके जरिए पुलिस अपराधी-गठजोड़ की जांच किसी भी राज्य में उस विभाग के जरिए हो। तथा जांच के आदेश देने में राज्य सरकार की भूमिका ना हो। जांच में दोषी पाए गए पुलिस- अपराधी गठजोड़ के गैंग में शामिल भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को सस्पेंड ना करके सीधे बर्खास्त करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाए। जिससे देश में पुलिस-अपराधिक गठजोड़ का खात्मा हो सके।