विकास दुबे एनकाउंटर पर बाहुबली नेता पप्पू यादव दे रहे ज्ञान, कहा- खास जाति को टारगेट कर रहे हैं योगी
पटना: कानपुर शूटआउट में डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे बीते दिन एनकाउंटर में मारा गया। उत्तरप्रदेश पुलिस की मानें तो गाय-भैंस के सामने आ जाने के कारण विकास दुबे जिस गाड़ी में बैठा था वह गाड़ी पलट गई। इसके बाद विकास दुबे पुलिसकर्मियों का पिस्तौल छीनकर भागने लगा। जवाबी कार्रवाई में एनकाउंटर हुई और विकास दुबे गंभीर रूप से जख्मी हो गया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई है। हालांकि डॉक्टर ने कहा कि जिस समय विकास दुबे को अस्पताल लाया गया था उस समय उसकी मौत हो चुकी थी।
जब राजनीति का अपराधीकरण हो रहा था, तब राजनीति में प्रवेश कर बाहुबली नेता के रूप में अपने-आप को स्थापित करने वाले पप्पू यादव कुख्यात अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं।
विकास दुबे के एनकाउंटर पर पूर्व सांसद व जाप के सरंक्षक पप्पू यादव ने कहा कि योगी सरकार ने सफेदपोश को बचाने के लिए यह हत्या करवाई है। साथ ही जाप नेता ने कहा कि विकास दुबे की पत्नी को सरेंडर करते वक्त पुलिस द्वारा अमानवीय तरीका अपनाया गया। विकास दुबे के बेटे को शीशे पर घुटने के बल किया गया।
प्रेसवार्ता में पप्पू यादव ने योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी में सारे ब्राह्मणों की हत्याएं की जा रही है। इससे साफ प्रतीत होता है कि योगी सरकार ब्राह्मणों के पीछे पड़ी है।
यादव ने कहा कि सजा देने का काम न्यायपालिका का है। एनकाउंटर करके न्यायपालिका को खत्म किया गया। जो कि लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। विकास दुबे के टेलीफोन की जांच होनी चाहिए।
पप्पू यादव ने कहा कि सड़क पर एक्सीडेंट का कोई निशान नहीं है। और सीने में 4 गोली कैसे लगी। जब एक्सीडेंट का कोई निशान नहीं है यो अपराधी कैसे भागेगा। भागने के दरमियान सीने में गोली कोसे लग सकती है। इसकी जांच होनी चाहिए।
जाप नेता ने कहा कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मांग करूंगा कि जांच हो और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ की निगरानी में सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस काटजू, जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस लोकुड़ के द्वारा जांच होनी चाहिए। तथा CM योगी को बर्खास्त करें।
अपराध को राजनीति से जोड़ते हुए पप्पू यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरा ब्राह्मण समाज भाजपा को वोट दिया। लेकिन, आज इसे ही टारगेट किया जा रहा है। उत्तरप्रदेश में 600 से अधिक फर्जी मुठभेड़ हुई, जिसमें खास जाति को निशाना बनाया गया।