पटना : 2019 लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है और सारी पार्टियां अपने वोट बैंक को सशक्त करने में लग गईं हैं। बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह की जयंती पर भी राजनीतिक घमासान शुरू हुआ और कांग्रेस के तत्वाधान में मनाई गई जयंती के जवाब में भाजपा ने आज पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में “जयंती समारोह व कृषक सम्मान” समारोह का भव्य आयोजन किया।
इस मौके पर भाजपा सांसदों, विधायकों समेत अनेक वरीष्ठ नेताओं का जमावड़ा हुआ। सबने अपने विचार व्यक्त किये तथा सवर्ण समाज के भाजपा से मोहभंग होने की अटकलों पर अपने—अपने तरीके से विराम लगाने की कोशिश की।
राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने श्री बाबू के शासन में हुए विकास से अवगत कराया और कहा कि बिहार की तत्कालीन स्थिति आज की तुलना में अच्छी थी। इसका समेकित विकास तब के परिवेश जैसा ही अब तक है। जयंती समारोह के संयोजक विवेक ठाकुर ने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए 90 के दशक के बिहार के जंगलराज शासन का हवाला दिया। उन्होंने सरकार से अपील की कि बिहार के परियोजनाओं का नाम बिहार के विभूतियों के नाम पर रखा जाये ताकि ये सिर्फ किसी खास दिन याद किये जाने वाले न रहकर बिहार की क्षेत्रीय अस्मिता के सूचक के रूप में विद्यमान रहें।
इसके अलावा कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मुख्य अतिथि की भूमिका में सभा को बड़े मजाकिया और शायराना अंदाज़ में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कभी ब्राह्मणों के विरोध की बात नहीं की। बल्कि वे ब्राह्मणवाद के विरोधी रहे। साथ ही साथ सवर्ण समाज को भाजपा की ओर आकर्षित करने के लिए उन्होंने सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलने की वकालत की। कार्यक्रम में विवेक ठाकुर द्वारा लिखित छोटी पुस्तक “श्री कृष्ण बाबू आज भी प्रासंगिक” का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, रामकृपाल यादव, उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, राज्यसभा सांसद सीपी ठाकुर, मंत्री प्रेम कुमार, अरुण कुमार सिन्हा, सूरजभान सिंह, अजय निषाद और नेता, किसान मोर्चा, महिला मोर्चा, सवर्ण समाज संघ के सदस्य मौजूद रहे।
सत्यम कुमार दुबे