दारोगा ने ही 8 पुलिस वालों को मरवाया, गैंगस्टर से की थी मुखबीरी!

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नयी दिल्ली : कानपुर शूटआउट में 8 पुलिस वालों की जान का सौदा करने वाला कोई और नहीं, बल्कि पुलिस के अपने घर के ही किसी भेदी ने गैंगस्टर विकास दुबे को टीम के मूवमेंट की मुखबीरी की थी। यह तथ्य शुरुआती जांच में प्रमुखता से उभरा है और इसकी कड़ियां भी मिलने लगी हैं। इस सिलसिले में जब पुलिस ने गैंगस्टर के मोबाइल नंबरों की जब कॉल डिटेल निकाली तो उसमें कुछ पुलिसवालों के भी नंबर मिले। इन्हीं में से एक नंबर चौबेपुर थानाध्यक्ष दारोगा विनय तिवारी का मिला जिसने पुलिस के रेड पर निकलने से ठीक पहले गैंगस्टर से बात की थी।

कॉल डिटेल से सामने आया दारोगा-गैंगस्टर का लिंक

आशंका जाताई जा रही है कि उसी दारोगा ने गैंगस्टर के लिए पुलिस टीम के मूवमेंट की मुखबीरी की जिसके नतीजे में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। फिलहाल चौबेपुर के इस दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है और उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने इस मामले मे 12 और लोगों को हिरासत में लिया है जिनसे अलग पूछताछ चल रही है। पुलिस ने इन सभी लोगों को मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर उठाया है।

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पुलिस रेड की दी पूर्वसूचना, चौबेपुर थानाध्यक्ष सस्पेंड

सूत्रों के अनुसार इन लोगों से विकास दुबे की घटना से पहले पिछले चौबीस घंटों में बातचीत हुई थी। जांच कर रही टीम इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या रेड की सूचना विकास को किसी पुलिसवालों ने ही दी थी? जानकारी के मुताबिक पुलिस के शक के घेरे में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड है। तीनों की कॉल डिटेल के आधार पर उनसे पूछताछ की जा रही है।

पुलिस ने गिराया विकास दुबे का घर, दारोगा से पूछताछ

इधर पुलिस ने कानपुर मुठभेड़ केस के मुख्य आरोपी विकास दुबे का घर गिरा दिया है। पुलिस बल ने शनिवार को यह कार्रवाई की। इसीबीच, अपराधियों को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस ने 100 टीमें बनाई गई हैं। 10 हजार जवानों को विकास दुबे की तलाश में तैनात किया गया है। हालांकि, विकास दुबे का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।

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