पटना: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और शिक्षकों को मजाक बना कर रख दिया है। शिक्षकों के साथ किए जा रहे नफरत और उपेक्षा का दुष्प्रभाव राज्य के शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है।
राजद नेता ने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षकों के लिए ‘सेवा शर्त’ कमिटी के पुनर्गठन संबंधी निर्णय को शिक्षकों के साथ एक भद्दा मजाक करार देते हुए कहा कि जो सरकार पिछले पाँच साल मे सेवा शर्त नहीं बना सकी वह पुनः शिक्षकों के आँखों में धूल झोंकने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि राजद के दबाव पर 11 अगस्त 2015 को नीतीश कुमार की सरकार ने नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवा शर्तों में सुधार की सिफारिश के लिए कमिटी का गठन किया गया था। जिसे अनुशंसा प्रस्ताव देने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। शिक्षकों की ओर से लगातार माँग के बावजूद सरकार सोयी रही और शिक्षकों को हड़ताल पर जाना पड़ा। अब फिर से कमिटी पुनर्गठित करने का निर्णय कर शिक्षकों के आँखों में धूल झोंकने का प्रयास हो रहा है।
राजद नेता ने कहा कि सरकार अपने गलत मंसूबों के कारण शिक्षक समुदाय को इतने वर्गों में बांट चुकी है कि वे संगठित नहीं हो पायें। और वे आपस में हीं उलझे रहें। राष्ट्रीय जनता दल का स्पष्ट मानना है कि समान काम के लिए समान वेतन और समान सेवा शर्त होनी चाहिए।
शिक्षकों के वेतन और सेवा शर्तों में भारी असमानता का दुष्प्रभाव उनके कार्य और बौद्धिक क्षमता के साथ हीं बच्चों की पढाई पर पड़ता है। शिक्षकों द्वारा कल 4 जुलाई को ‘सेवा शर्त’ गठन संबंधी कैबिनेट के निर्णय की प्रति जलाने की घोषणा की गई है। राजद इसका समर्थन करती हैं।