विधानसभा चुनाव : दागियों को टिकट पाने में छूटेंगे पसीने, टेंशन में राजनीतिक पार्टियां
पटना : कोरोनाकाल में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव का स्वरूप क्या होगा? विशेष करके तब, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार की जनता को संबोधित किया, तब से ही लगने लगा कि आने वाले चुनाव का स्वरूप कुछ अलग होगा। लेकिन, राजनीतिक दलों की तैयारी से अलग निर्वाचन आयोग भी एक अलग प्रकार की तैयारी कर रहा है। सूत्रों की मानें, तो इस बार अपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले दागी प्रत्याशियों को किसी राजनीतिक दल का टिकट पाने में पसीने छूट सकते हैं।
बिहार निर्वाचन विभाग से ऐसे संकेत मिले हैं कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अगर कोई राजनीतिक दल किसी दागी व्यक्ति को टिकट दे रहा है, तो उसे स्पष्टीकरण देना होगा कि किस मजबूरी में दागी अथवा आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले व्यक्ति को टिकट दिया गया। इतना ही नहीं टिकट देने के 48 घंटे पूर्व अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से स्पष्टीकरण सार्वजनिक करना होगा।
निर्वाचन विभाग द्वारा इस प्रकार के कदम उठाए जाने की भनक लगते ही राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव लड़ने की मंशा पाल रखे नेताओं को अभी से ही चिंता सताने लगी है।