29 जून : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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मखाना प्रोसेसिंग यूनिट बंद, बढ़ी किसानों की परेशानी

मधुबनी : जिले के कई प्रखंड क्षेत्रों के दर्जनों पोखरों से दो माह बाद मखाना का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसकी चिता उत्पादकों को अभी से होने लगी है। क्योंकि मखाना को तैयार करने के लिए इन्हें दूसरे जिले की राह पकड़नी होगी। कारण, जिले की एकमात्र मखाना प्रोसेसिग यूनिट शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही बंद हो गई। अब मखाना उत्पादक पूर्णिया, कटिहार, अररिया या दरभंगा पर आश्रित हो गए हैं।

वहीं मछुआ सोसाइटी की आपसी कलह से प्रखंड में मछुआरों की हालत भी दयनीय है। गरीब मछुआरों की सुध लेने वाला कोई नहीं दिख रहा। वर्तमान में प्रखंड क्षेत्र के 165 पोखर में मछली पालन का काम हो रहा है। पूंजी व सिचाई के अभाव में मछुआरों की आजीविका पर प्रभाव पड़ रहा है।

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परंपरागत मछुआरे सबसे ज्यादा प्रभावित

ज्ञात हो कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रैली के दौरान मिथिलांचल के विकास के लिए मखाना, मछली व मधुबनी पेंटिग को आधार बताया था। मगर, जिन हालातों से मछुआरे गुजर रहे हैं, मखाना व मछली के उत्पादन में वृद्धि मुश्किल होगी। जबकि सरकार की ओर से बहुत सारी योजनाएं मछुआ सोसाइटी या मछुआ किसान को दिया जा रहा है। मछुआरों को जीरा पालन पर 50 प्रतिशत और वाहन योजना के तहत दो, तीन व चार पहिया वाहन पर 90 प्रतिशत अनुदान मिलता है।

इन योजनाओं में भी प्रखंड क्षेत्र के मछुआरे काफी पीछे हैं। मछुआरों के लिए सरकार की ओर से बीमा योजना भी है। इसमें मृत्यु होने पर परिवार के आश्रितों को दो लाख रूपये की सहायता राशि देने का प्रावधान है। वहीं घायल होने पर 20 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इसके साथ ही कई अन्य योजनाएं आवास और तालाब निर्माण शामिल हैं।

इन सभी योजनाओं के लिए किसानों को निबंधन कराना अनिवार्य होता है। लेकिन, जानकारी का अभाव होने से मछुआरे निबंधन नहीं करा पाते हैं। वर्तमान में प्रखंड कार्यालय में मछुआरों के पंजीकरण का काम जारी है। प्रखंड क्षेत्र के मछुआरे अपना पंजीकरण कराने के बाद सभी सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। पूंजी के अभाव में गैर मछुआरों के हाथ में व्यवसाय चला जाता है। इसका लाभ भी गैर मछुआरे ही उठाते हैं। इस कारण मछुआरे आपस में ही उलझकर रह जाते हैं।

लगातार हो रही बारिश ने बिगाड़ी सड़क की हालत, बाढ़ का खतरा बढ़ा

मधुबनी : पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी इलाके में पिछले कई दिनों से लगातार भारी वर्षा होने से मधुबनी जिले के सीमावर्ती हरलाखी प्रखंड में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

रविवार की सुबह से ही इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बहने वाली जमुनी व बेलन्योति नदी में जलस्तर बढ़ने लगा। वैसे देर शाम तक नदी में पानी खतरे निशान से नीचे था। बाढ़ के संभावना के कारण सीमावर्ती इलाके के लोगों में चिता बढ़ा दी है। खासकर किसानों को दोहरी मार हर बार झेलना पड़ता है। हजारों एकड़ में हर साल धान की फसल बर्बाद हो जाती है। इस बार भी अधिकांश खेतों में किसान धान की रोपनी कर ली है, लेकिन बाढ़ की संभावना से चिता बढ़ा दिया है। हरिणे गांव के पिकू झा, संजय साह, सुरेंद्र साह सहित अन्य किसानों ने बताया कि हरलाखी क्षेत्र नेपाल से सटे होने के कारण सबसे पहले हर साल प्रभावित होता है।

कमलावरपट्टी, इटहरवा, रानीपट्टी, हरिणे, नहरनियां, कसेरा, दुर्गापट्टी, पिपरौन सहित अन्य गांव के हजारों एकड़ में लगे धान की फसल बर्बाद हो जाती है। बाढ़ पूर्व नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है। जिस कारण लोगों में आक्रोश है।

शहर से लेकर गांव तक विगत कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण शहरी एवं ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर जलजमाव हो गया है। इससे लोगों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जयनगर नगर पंचायत के विभिन्न वार्डो में जलजमाव के कारण शहर के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में भी एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ने वाली सड़क के जर्जर हाल में रहने से लोग परेशान है।

कई पंचायतों में एक गांव का दूसरे गांव से सड़क संपर्क भंग हो गया है। एनएच-104 पर छतौनी से देवधा तक सड़क पर कीचड़ के फैल जाने से हरलाखी एवं बासोपट्टी का अनुमंडल मुख्यालय जयनगर से सड़क संपर्क भंग है। बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन लापरवाह है। ऐसी स्थिति लगभग दो माह से अधिक समय से बना हुआ है। स्थानीय पदाधिकारी भी कोई पहल नहीं कर रहे हैं।

एमएसयू कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धान रोप कर जताया रोष

मधुबनी : जयनगर-बासोपट्टी एनएच-104 पर सिमराढी और गाढा गाँव के बीच में मिथिला सटुडेंट युनियन के जयनगर प्रखंड के रजौली पंचायत अध्यक्ष नितीश मिश्रा एवं एमएसयू के तमाम सेनानियों के द्वारा एनएच-104 पर धान का बिज रोपण कर यहाँ के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को उनके निक्कम्मेपन का संदेश देने का काम किया हैं।

जिससे रजौली पंचायत के आम जनता को जयनगर अनुमंडल से संपर्क टुट गया है। वह पुनः स्थापित हो यह संदेश देने का काम एमएसयू के सदस्यों द्वारा किया गया है। इस मौके पर अध्यक्ष नितेश मिश्र ने कहा कि आज हमलोगों ने एनएच पर धान रोपा है, लेकिन यह सड़क का निर्माण जब तक नही हो जाता तक हमलोग चुप नही बैठेंगे। इस मौके पर मौजूद पंचायत अध्यक्ष नितेश मिश्र, सचिव अंकित कुमार, उपाध्यक्ष अविनाश कुमार के साथ सैकड़ों की संख्या में एमएसयू सेनानी और ग्रामीण थे।

बालू से लदे ट्रैक्टर ने साईकल सवार को मारी टक्कर

मधुबनी : जिले के जयनगर के कमला पुल के पश्चिमी भाग पर बालू लदे ट्रैक्टर ने साईकल सवार को मारी जोरदार टक्कर, घटना में साईकल के परखच्चे उड़ गए। हालाँकि इस दुर्घटना में साईकल सवार सुरक्षित है। ट्रैक्टर के भी आगे के दोनों पहिये क्षतिग्रस्त। साईकल सवार बेलही गाँव का अशेश्वर यादव बताया गया है जो साईकल पर दूध बेचने का काम करते हैं। साईकल पूरी तरह टूट जाने से उनके आजीविका के साधन पर संकट उत्पन्न हो गया है।

टूल्स एण्ड टेक्नीक्स विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आनलाईन आयोजन

मधुबनी : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की आनुषंगिक इकाई डी.बी. कालेज, जयनगर के वाणिज्य विभाग व इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय के मार्गदर्शन में फाउंडेशन्स ऑफ रिसर्च मेथाॅडोलाजी : टूल्स एण्ड टेक्नीक्स विषयक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला / डिजिटल वर्कशाप का आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि व उच्च्तर शिक्षा सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश के सदस्य प्रोफेसर हरिबंष दीक्षित, विशिष्ट अतिथि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर एच०के० सिंह, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के वरिष्ठ शिक्षाविद डा. प्रेमचन्द्र पटेल, प्रधानाचार्य प्रोफेसर नंद कुमार व डा शैलेश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से माॅ सरस्वती की अर्चना व दीप प्रज्वलन कर किया।

इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के प्रतिनिधि व आयोजक डा शैलेश कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि व उच्च्तर शिक्षा सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश के सदस्य प्रोफेसर हरिबंष दीक्षित, विशिष्ट अतिथि व विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, मुख्य वक्ता महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर एच०के० सिंह व सभी अतिथियों का आनलाईन स्वागत किया।

शोधार्थियों को चाहिए कि वे सांख्यिकीय विधियों का अनुप्रयोग करने से पूर्व उन विधियों का आरम्भिक ज्ञान प्राप्त कर लेना चाहिए, साथ ही परिकल्पना सृजन और उनके परिक्षण पर विशेष बल देकर निष्कर्ष को जन उपयोगी बनाना चाहिए। उन्होंने वैधानिक निर्णयों के आलोक में शोध के शीर्षमान की प्राप्ति हेतू परिश्रम, धैर्य और निष्ठा को अपरिहार्य बताया।

उक्त उदगार मुख्य अतिथि व उच्च्तर शिक्षा सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश के सदस्य प्रोफेसर हरिबंष दीक्षित के है। वह रविवार को डी.बी. कालेज जयनगर द्वारा फाउंडेशन्स ऑफ रिसर्च मेथाॅडोलाजी : टूल्स एण्ड टेक्नीक्स पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के उदघाटन सत्र में छात्र छात्राओं व शिक्षको से रुबरू थे।

विशिष्ट अतिथि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने कहा कि भारतवर्ष में यूजीसी द्वारा शोधछात्रों के लिए कोर्सवर्क को अनिवार्य बनाना एक अनूठी पहल है, परन्तु कुछ विश्वविद्यालयों में इसकी कक्षाए नहीं चलने से शोध की गुणवत्ता कुप्रभावित हो रही हैं

विशिष्ट अतिथि त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के वरिष्ठ शिक्षाविद डा. प्रेमचन्द्र पटेल ने कहा कि कोरोना वायरस ने हमारे सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक पक्षों में बहुत बड़ा परिवर्तन किया है। इससे वैश्विकस्तर पर शोध को दशा व दिशा मिलेगी।

प्रथम तकनीकी सत्र को सम्बोधित करते हुए उदघाटन सत्र के मुख्य वक्ता महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के वरिष्ठ शिक्षाविद प्रो. एच०के० सिंह ने कहा कि शोध की गुणवत्ता उन्नयन के लिए सामाजिक समस्याओं के समाधान का वास्तविक हल अवश्य होना चाहिए, सामाजिक विज्ञान में शोध को जन अधिमुखी बनाने के लिए सामाजिक समस्याओं की पहचान और विकल्पों का प्रस्तुतीकरण अपरिहार्य है।

द्वितीय तकनीकी सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय, अमरकंटक के वरिष्ठ शिक्षाविद डा. ज्ञयानेश जौहरी ने कहा कि, प्राथमिक आंकड़ों की सुलभता शोध की गुणवत्ता को निश्चित करेगी।

वहीं, प्रधानाचार्य-सह-संरक्षक प्रोफेसर नंद कुमार ने कहा कि, जब बिहार का आम जनमानस पत्थर की चहारदीवारी और भय की धारणा में कैद होने को मजबूर है। उस संकट की घड़ी में बिहार में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम कार्यशाला का आयोजन कर डी.बी. कालेज परिवार को गौरव की अनुभूति हो रहा है।

इस मौके पर आयोजक डा शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के प्रथम व द्वितीय तकनीकी सत्र में नेपाल, कोलम्बो, इरान सहित भारत के विभिन्न राज्यों के सौ से अधिक शिक्षाविद व शोधार्थीयों ने प्रतिभाग किया।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आयोजन सचिव डा आनंद कुँवर ने बताया कि कल उपरोक्त कार्यशाला के तृतीय सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के शिक्षाविद प्रोफेसर धीरेन्द्र पाण्डेय व चतुर्थ तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर के प्रख्यात शिक्षाविद डा शैलेश कुमार द्विवेदी उपस्थित रहेंगे।

इस दौरान मुख्य रूप से वाणिज्य व व्यवसाय प्रशासन विभाग के निदेशक प्रोफेसर एच०के० सिंह, महाराजा सियाजी राव विश्वविद्यालय के डा० शान्तनू सौरभ, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से डा० विनीता सिंह, प्रधानाचार्य डा नंद कुमार, डा० उमेश कुमार सिंह, डा० शैलेश कुमार सिंह, डा० जमील हसन अंसारी, डा० अभिषेक झा, डा० मनोज कुमार सिंह, डा० प्रियंका सिंह, डा अरविन्द तिवारी, डा० संजय कुमार पासवान, डा० संजय कुमार, डा० आनंद कुँवर, डा० रंजना, डा० मो. मिनहाजुद्दीन सहित समस्त शिक्षक उपस्थित रहें।

पेट्रोल, डीजल के मूल्यवृद्धि के खिलाफ जन अधिकार पार्टी ने किया चक्का जाम

मधुबनी : जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के आवाहन पर बिहार बंद के तहत जन अधिकार पार्टी के मधुबनी जिला अध्यक्ष बृज किशोर यादव के नेतृत्व में आज मधुबनी जिला शांति पूर्ण रोड चक्का जाम कर बंद किया गया।

बंद को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष बृज किशोर यादव ने बताया केंद्र सरकार द्वारा लगातार पेट्रोल डीजल में बढ़ोतरी से हर तबका परेशान है, एवं किसानों की खेती का समय है। उस पर डीजल के दामों में बढ़ोतरी से अधिक मार पड़ रही है। छात्रों के साथ छल किया गया जो दरोगा बहाली एवं एस०टी०ई०टी० के अभ्यार्थी को परेशान कर रही है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों आम गरीब छात्र नौजवान किसानों पर अत्याचार करना बंद करें केंद्र और राज्य सरकार हर परिस्थिति में डीजल, पेट्रोल में हुई बढ़ोतरी को सरकार वापस ले और एक सम्मानजनक रूप से दर रखे, जिससे आम जनता सहित किसानों को राहत मिल सके। इस मौके पर कई लोगो ने पार्टी की सदस्यता ली, जिसे माला पहनाकर स्वागत किया गया।

पेट्रोल व डीज़ल की कीमतों में वृद्धि पर कांग्रेस ने दिया शांतिपूर्ण धरना

मधुबनी : बढ़ते हुए पेट्रोल, डीजल के दामो को लेकर पहले से आज का प्रस्तवित धरना-पप्रदर्शन आज मधुबनी जिला कांग्रेस मुख्यालय पर मधुबनी जिलाध्यक्ष प्रो० शितलाम्बर झा की अध्यक्षता में हुआ।

इस दौरान जिलाध्यक्ष श्री झा ने बताया कि महामहिम राष्ट्रपति महोदय राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली द्वारा जिला पदाधिकारी मधुबनी विषय जो डीजल के मूल्यों अभूतपूर्व बढ़ोतरी के माध्यम से मोदी सरकार द्वारा जबरन अश्वनी को रोकने के संबंध में आदरणीय राष्ट्रपति लॉकडाउन के पिछले 3 माह के दौरान पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क और किंतु में बार-बार की गई अनुचित भदोत्री और आर्थिक महामारी से गुजर रहा है।

वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार पेट्रोल डीजल की चिंटू और उस पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को बार-बार बढ़ाकर इस मुश्किल वक्त में मुनाफाखोरी कर रही है। मोदी सरकार द्वारा भारत के नागरिकों से की जा रही जबरन वसूली एकदम स्पष्ट दिखाई दे रही है। हम आपके ध्यान में निम्नलिखित अकाटय व अखंड नीय तथ्य ला रहे हैं :-

1). 1 मई 2014 में जब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रूपया प्रति लीटर एवं डीजल पर 3.46 पैसा प्रति लीटर था। पिछले 6 सालों में केंद्र की भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 23.78 रुपैया प्रति लीटर एवं डीजल पर 28.37 रुपैया प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोतरी कर दी है। छुपाने वाली बात है कि पिछले 6 सालों में भाजपा सरकार द्वारा डीजल के उत्पाद शुल्क में 820% तथा पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 258% की वृद्धि की गई है।
2). केवल पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में बार बार वृद्धि करके मोदी सरकार ने पिछले 6 सालों में 18 करोड़ रुपैया कमा लिए।
3). 3 माह पहले लॉकडाउन लगाए जाने के बाद पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क को बार-बार बढ़ा कर तो मुनाफाखोरी और जबरन की सभी अध्ययन पार कर दी गई हैं।
4). 5 मार्च 2020 को पेट्रोल और डीजल के मूल्य में ₹3 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई 5 मई 2020 को मोदी सरकार ने डीजल पर लगने वाली उत्पाद शुल्क में ₹13 प्रति लीटर और पेट्रोल पर लगने वाली पाद के में ₹10 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की 7 जून 2020 से लेकर 24 जून 2020 तक निष्ठु मतर मोदी सरकार ने 18 दिनों तक पेट्रोल वो डीजल के मूल्य लगातार बढ़ाएं, जिससे डीजल का मूल 1048 रुपया प्रति लीटर एवं पेट्रोल का मूल्य 8,50 रुपया प्रति लीटर बढ़ गया।
पिछले साढ़े तीन महीनों में भाजपा सरकार ने डीजल पर मूल्य और उत्पाद शुल्क 26.48 रुपैया प्रति लीटर व पेट्रोल पर 21.50 रुपया प्रति लीटर बढ़ा दिया। एक सरकार द्वारा देश के नागरिकों का इससे ज्यादा शोषण और क्या हो सकता है?
5). देश के नागरिकों से छल करने और उनकी गाढी कमाई जबरन वसूली का अंदाजा इस बात से लग सकता है, की पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल के भाव बहुत कम हुए हैं। 14 जून 2020 को कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय भाव 43.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जो डॉलर रुपया भाव के अनुसार 3288.71 रुपया प्रती बैरल बनता है। एक बैरल में 159 लीटर होते हैं। इसलिए 24 जून 2020 को कच्चे तेल का प्रति लीटर भाव 20.68 रुपया बनता है। इसके विपरीत पेट्रोल व डीजल के मूल्य आसमान छू कर ₹80 प्रति लीटर पहुंच गए हैं, जिससे साबित होता है कि मोदी सरकार भारत के भोले भाले नागरिकों की जेब पर डाका डालकर उन्हें खासोट रही है।

इस बात पर भी ध्यान देगी जब कांग्रेस की यूपीए सरकार केंद्र में सत्ताधारी थी, तो कच्चे तेल का दाम 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जो 24 जून 2020 को गिरकर 43.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गया, या नहीं इसके मूल में लगभग 60% की गिरावट हुई। इसके बावजूद भाजपा सरकार ने पेट्रोल व डीजल के दाम आसमान पर पहुंचा दिए है। इसलिए हम आपसे आगरा करते हैं, कि आप 5 मार्च 2020 के बाद पेट्रोल व डीजल के दामो एवं उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी को तत्काल वापस लिए जाने का निर्देश दें, और इस मूर्ति कल समाज में इसका फायदा देश के नागरिकों तक पहुंचाएं। ‌

इस धरना में मधुबनी जिलाध्यक्ष प्रोफेसर शीतलामबर झा, एवं सदस्यों में नरेंद्र झा, मीना देवी कुशवाहा, प्रफुल्ल चंद्र झा, मनोज कुमार मिश्र, संजय कुमार मिश्र, विजय कुमार झा, भोला, मनोरंजन सिंह, आलोक कुमार झा, जय कुमार झा, अजय झा, विनय कुमार झा, धनेश्वर ठाकुर, एककुमार झा, प्रमोद कुमार मंडल, अशोक कुमार, मुकेश कुमार सिंह, नित्यानंद झा, बबलू चौधरी, संतोष राम, कृष्ण झा, विवेक कुमार झा, नेहाल शेख, मोहम्मद अकील अंजूम, एमडी हसन, रविंद्र कुमार, अमर ठाकुर एवं अन्य कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

हेलेन जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

मधुबनी : निःशक्तता राज्य आयुक्त पटना के निदेशानुसार 140वीं हेलेन केलर जयंती के अवसर पर 27 जून को जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

जिसमें दिव्यांगजनों तथा मधुबनी जिला में इससे जुड़े व्यक्तियों, संस्थाओं, सरकारी अधिकारीगण व अन्य के साथ विविध ऑनलाईन मीडिया साधन यथा-विडियो काॅन्फ्रेंसिंग, यूट्यूब, फेसबुक,ट्विटर, व्हाट्सएप्प आदि के माध्यम से म्युचूअल ई0 जनजागरूकता-सह- ई-संवाद, कार्यक्रम का आयोजन कर दिव्यांगजनों को उनके अधिकारों के संरक्षण उनके कल्याणार्थ संचालित योजनाओं का अपने समस्याओं/शिकायतों को ऑनलाईन लोक अदालत के माध्यम से समाधान एवं आगामी बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में मतदान का अधिकार के संबंध में जागरूकता किये जाने के उदेश्य से अवगत कराया गया।

इस अवसर पर मधुबनी जिला के कुल 33502 दिव्यांगजनों से दिनांक 27.06.2020 को 140 वीं हेलेन केलर जयंती के अवसर पर दिव्यांगजनों के साथ ई-संवाद के माध्यम से हेलेन केलर जयंती के थीम ‘‘शत-प्रतिशत दिव्यांगजन करें अपने मताधिकार का प्रयोग (सरल, सुगम, समावेषी एवं बाधा रहित मतदान) एवं दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में प्रदत्त अधिकार (सुरक्षा, संरक्षण, पूर्ण भागीदारी, हिस्सेदारी एवं प्रोडक्टिव सीटिजन) मिले बिहार के हर दिव्यांगजनों के द्वार-द्वार” के तहत संवाद कर जागरूक किया गया।

140 वीं हेलेन केलर जयंती के अवसर पर दिव्यांगजनों के साथ ई-संवाद के माध्यम से हेलेन केलर जयंती के थीम ‘‘शत-प्रतिशत दिव्यांगजन करें अपने मताधिकार का प्रयोग (सरल, सुगम, समावेशी एवं बाधा रहित मतदान) एवं दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में प्रदत्त अधिकार (सुरक्षा, संरक्षण, पूर्ण भागीदारी, हिस्सेदारी एवं प्रोडक्टिव सीटिजन) मिले बिहार के हर दिव्यांगजनों के द्वार-द्वार” के आलोक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के द्वारा पंचायत स्तर पर गठित दिव्यांगजन समूह, कार्यपालक सहायक, पंचायत सचिव, राजस्व कर्मचारी, विकास मित्र, ग्रामीण आवास सहायक के माध्यम से प्रखंड स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक जागरूक कराया गया।

जिलाधिकारी ने नए कंटेनमेंट जोन की कि घोषणा

मधुबनी : पीएमसीएच एवं सदर अस्पताल मधुबनी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार अंधराठाढ़ी प्रखंड के तीन पुरूष 01 महिला, राजनगर प्रखंड का 01 पुरूष, रहिका प्रखंड का 01 पुरूष, पंडौल प्रखंड का 02 पुरूष, बेनीपट्टी प्रखंड का 03 पुरूष, बिस्फी प्रखंड का 02 पुरूष एवं मधेपुर प्रखंड का 01 पुरूष को कोरोना से संक्रमित प्रतिवेदित किया गया है। उक्त प्रखंड के संबंधित गांव/पंचायत से कोविड-19 का मामला संपुष्ट पाए जाने के कारण, इसके अन्यत्र प्रादुर्भाव को रोकने हेतु संबंधित प्रखंड के उक्त क्षेत्र को कंटेनमेंट जाने के रूप में जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा घोषित किया गया है।

अंधराठाढ़ी प्रखंड का ग्राम-चपाही, राजनगर प्रखंड का ग्राम- राघोपुर बलाट,, रहिका प्रखंड का मुहल्ला-महाराजगंज, पंडौल प्रखंड का ग्राम-भगवतीपुर एवं बथने, बेनीपट्टी प्रखंड का ग्राम-अरेर, बिस्फी प्रखंड का ग्राम-जफरा एवं बेलौंचा, मधेपुर प्रखंड का ग्राम-पौनी में कोविड-19 के संक्रमित पाये गये है। उक्त क्षेत्र को एपिसेेंटर घोषित करते हुए इसके 03 कि0मी0 के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।

डॉ० नीलेश रामचंद्र देवरे, जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी/ थानाध्यक्ष/प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों को कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत की जाने वाली सभी गतिविधियों के लिए विभाग द्वारा दिये गये निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं कृत कार्रवाई का दैनिक प्रतिवेदन ससमय भेजने का निदेश
दिया गया है।

टिड्डी दलों के हामले को ले जिला प्रशासन अलर्ट

मधुबनी : रेगिस्तानी टिड्डी दल राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं उतर प्रदेश में फसलों पर आक्रमण करने के पश्चात बिहार राज्य के सीमावर्ती जिलों यथा-रोहतास, बक्सर, सिवान, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण जिलों में इनके प्रकोप देखने को मिल रहा है। सम्भावना है कि रेगिस्तानी टिड्डी दल का आक्रमण उतरी बिहार के जिलों के साथ-साथ मधुबनी जिला में भी हो सकता है।

रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप को रोकने हेतु मधुबनी जिला में जिला स्तरीय टिड्डी दल की बैठक जिला पदाधिकारी, मधुबनी के अध्यक्षता की गई, जिसमें सभी संबंधित पदाधिकारियों एवं पंचायत स्तर के कर्मियों को आवश्यक तैयारी करने हेतु निदेश दिया गया है। साथ ही जिला, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तर पर कन्ट्रोल रूम गठन किया गया है तथा ग्राम स्तर पर टिड्डी ग्राम रक्षादल का भी गठन किया गया है।

रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप के रोक-थाम हेतु प्रखण्ड स्तर पर भी सभी सदस्यों के साथ बैठक की गई है। जिला कृषि पदाधिकारी, मधुबनी एवं सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, मधुबनी के द्वारा लगातार रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप के रोक-थाम की समीक्षा जा रही है, तथा प्रखण्ड/पंचायत स्तर गठित कन्ट्रोल रूम एवं ग्राम स्तर पर टिड्डी ग्राम रक्षादल के माध्यम से इस प्रकोप को रोकने हेतु प्रचार-प्रसार एवं आवश्यक सभी तैयारी करने का निदेश दिया गया है।

जिला कृषि पदाधिकारी, मधुबनी एवं सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, मधुबनी के द्वारा सभी किसान भाईयो से अनुरोध है कि जहाँ भी रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप देखा जाय तो अविलंव जिला/प्रखण्ड/पंचायत स्तर पर गठित कन्ट्रोल रूम को सूचना देंगे ताकि प्रकोप रोकने का अथक प्रयास किया जा सके। जिला स्तर पर गठित कन्ट्रोल रूम का सम्पर्क सूत्र-8825236867,9471229027, 9430515128 है।

रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप के रोकथाम हेतु

1. सभी संबंधित को सूचित किया जाता है कि रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप के बचाव हेतु टीन का डब्बा, ढोल, नगारा, डी0जे0, थाली बजाने से भी उनके प्रकोप को कम किया जात सकता है।
2. निम्मनिखित अनुशंसित कीटनाशियों का छिड़काव रात्रि के 11ः00 बजे से सुबह सूर्योदय तक किया जा सकता है।
क) लैम्बडासायहेलोथ्रीन 5ः ई0सी0 की 1.0 मि0ली0 मात्रा प्रति लीटर पानी में या
ख) क्लोरपाययरीफाॅस 20ः ई0सी0 की 2.5 से 3.0 मि0ली0 मात्रा प्रति लीटर पानी में या
ग) फिपरोनिल 5ः ई0सी0 की 1.0 मि0ली0 मात्रा प्रति लीटर पानी में या
. घ) डेल्टामेंथ्रीन 2.8ः ई0सी0 की 1.0 से 1.5 मि0ली0 मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है।

उपरोक्त कीटनाशी के छिड़काव हेतु जिला अग्निशामन, मधुबनी की गाड़ियों के माध्यम छिड़काव किया जाना है, जिसके लिए गाड़ियाॅ तैयार किया गया है।

सहायक मतदान केंद्र बनाए जाने को ले हुई बैठक

मधुबनी : अपर समाहर्ता अवधेश राम की अध्यक्षता में सोमवार को डीआरडीए स्थित विकास भवन, मधुबनी में आगामी विधानसभा निर्वाचन-2020 में मूल मतदान केंद्रों का संशोधन एवं अधिकतम 1000 निर्वाचकों के संख्या के मानक के आधार पर सहायक मतदान केंद्र स्थापित करने के संबंध में विचार-विमर्श हेतु बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में श्री अजय कुमार सिंह, उप-विकास आयुक्त, मधुबनी, श्री समीर महासेठ, माननीय विधायक, मधुबनी, श्री सीताराम यादव, माननीय विधायक, खजौली समेत सभी पार्टियों के जिलाध्यक्षों समेत अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बैठक में आगामी विधानसभा निर्वाचन-2020 में मूल मतदान केंद्रों का संशोधन एवं अधिकतम 1000 निर्वाचकों के संख्या के मानक के आधार पर सहायक मतदान केंद्र को स्थापित करने हेतु निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों से प्रस्ताव की मांग की गयी थी। उनके द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया।

सुमित राउत

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