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26 जून : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

ग्राम कचहरी नवानी में चोरों ने ताला तोड़, मचाया तांडव

मधुबनी : झंझारपुर प्रखंड के नवानी पंचायत ग्राम कचहरी में कल देर रात में चोरों ने जमकर तांडव मचाया, जमकर लूट-पाट किया। कचहरी के मैन गेट का ताला तोड़कर अंदर घुसा और फिर किवाड़ में लगे दोनों ताले को तोड़कर गौदरेज और दराज में रखे समान और नगदी पैसे लेकर भागने में कामयाब रहा।

नवानी पंचायत के सरपंच रामगोपाल मंडल जब सुबह दस बजे ग्राम कचहरी पर आया तो मैन गेट के ताले को लटका हुआ और झूलते हुए देखा। उन्हें चोरी की शंका हुई फिर जब वो अंदर गये, तो किवाड़ के दोनों ही ताला टूटा और लटका हुआ मिला।

उन्होंने देखा की कचहरी में सारे समान बिखरा पड़ा है, और दराज को तोड़कर दराज में रखें चाबी से गौदरेज खोलकर कम्प्यूटर के प्रिंटर मशीन, युपीएस, आर ओ मशीन, रिवालविंग चेयर, फीस मद की राशी ₹2700, माउस, कैंची, स्टेपलर जिसकी कीमत 29140 है। चोर अपने साथ ले गये थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर करने के लिए आवेदन दिया गया है।अररिया ओपी थानाध्यक्ष जितेन्द्र सहनी ने बताया की आवेदन मिला है, एफआइआर दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।

विरोध सप्ताह के अंतिम दिन को इमरजेंसी दिवस के रूप में याद कर रखी मांगे

26 जून : मधुबनी की मुख्य ख़बरेंमधुबनी : इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन की पहल पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्पलाईज यूनियन, समस्तीपुर डिवीजन के द्वारा विरोध-सप्ताह (19–26 जून-2020) कार्यक्रम के अंतिम यानी की 26 जून को इमरजेंसी दिवस के रूप में याद करते हुए विरोध दर्ज कर रेल कर्मचारियो मजदूरों के हित की मांग रखी गयी।

फेडरेशन ने केंद्र-सरकार से इन मांगो को प्रमुखता से रखा है :

  • कोरोना वाइरस, कोविड-19 महामारी में लगातार ड्यूटी कर रहे रेल कर्मचारियों को मेडिकल सेवा कर्मियों की भांति हीं पचास लाख के बीमा कवरेज में लिया जाए।
  • रेलकर्मियों के महंगाई-भत्ता एवम अन्य भत्तो पर लगाये गए रोक को वापस किया जाए।
  • श्रम कानूनों में किये गए श्रमिक विरोधी संशोधन को तुरन्त वापस लिया जाए।
  • लॉक-डाउन-1 से 5 तक लगातार कार्य कर रहे रेलवे कर्मचारियों का कोविड-19 कोरोना टेस्ट रेलवे अस्पतालों में कराया जाए।
  • लॉक-डाउन में कार्यरत सभी रेलकर्मियों को उचित सुरक्षा प्रदान किया जाए।
  • रेलवे के निजीकरण/ निगमीकरण नीति, ठेका-प्रथा, आउटसोर्सिंग को समाप्त किया जाए।
  • रेलवे के उत्पादन इकाइयों एवं अन्य सम्पति को बेचने, विनिवेशीकरण की नीति बन्द हो।

इंडियन रेलवे इम्प्लॉइज फेडरेशन के द्वारा घोषित विरोध-सप्ताह (19जून से 26 जून -2020) के समर्थन में ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाईज यूनियन, समस्तीपुर मण्डल के द्वारा आज 26 जून को देश मे इमरजेंसी की घोषणा 26 जून के 45 वर्ष पूरे होने की याद में रेलकर्मी के विभिन्न मांगों के समर्थन में इमरजेंसी दिवस यादगारी अभियान चलाया गया।

समस्तीपुर डिवीजन के डिविजनल सेक्रेट्री रत्नेश वर्मा के द्वारा बताया गया कि आज ही के दिन 1975 ई० में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा भारत देश मे इमरजेंसी की घोषणा की गई थी। जिसमे नागरिको के अधिकारों, प्रेस, मीडिया की स्वतंत्रता पर तमाम तरह की बंदिशे डाल दी गयी थी।आज रेल-कर्मचारियो की स्थिति ज्यादा खराब हो चुकी है। केंद्र-सरकार कोरोना महामारी के नाम पर रेलकर्मी का महंगाई-भत्ता एवं कुछ और भत्तो पर पहले हीं रोक लगा चुकी है।केन्द्र-सरकार द्वारा लाए गए नए श्रम कानून, निजीकरण/निगमीकरण नीति, ठेकेदारी प्रथा, आउटसोर्सिंग, 100% एफडीआई, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप, एनपीएस नीति वगैरह रेल कर्मचारियों के हित में नहीं है। इन्ही सब नीतियों के विरूद्घ ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है।

इंडियन रेलवे इम्प्लॉइज फेडरेशन द्वारा घोषित 19 जून से 26 जून-2020 तक विरोध दिवस में उठाए गए मांगो के बारे में सभी रेल कर्मचारियों के द्वारा नारा लगाकर विरोध प्रगट किया गया। श्रम कानून में किये गए संशोधन की समाप्ति, महंगाई भत्ता की वापसी, 50 लाख का बीमा कवरेज देने की मांग हेतु चलाये जा रहे आई०आर०ई०एफ०/ई०सी०आर०ई०यू० के अभियान का हिस्सा बनने की सभी से अपील भी की गई।समस्तीपुर डिवीजन के सभी स्टेशन के रेलवे के सिग्नल एवम टेलीकॉम विभाग, यातायात, इंजिनीयरिंग, कैरेज, बिजली, टी०आर०डी०, मेडिकल, लोको आदि विभाग के कर्मचारी लगातार अपना प्रतिदिन के आदेशित कार्य को कर रहे है, ताकि मालगाड़ियों, श्रमिक स्पेशल तथा अन्य विशेष ट्रेनों को सुरक्षित चलाया जा सके। ऐसे कर्मचारी जो लॉक डाउन-1 से अभी तक लगातार अपने कार्य पर डटे हुए है, उन सबका कोरोना जांच करवाना अति आवश्यक है।रेलवे के परिचालन बिभाग , सिग्नल विभाग, टेलीकॉम बिभाग, कैरेज बिभाग, इंजिनीयरिंग बिभाग, इलेक्ट्रिकल बिभाग, टी०आर०डी०, मेडिकल, लोको, आर.पी.एफ.थाना के स्टाफ लगातार कार्य मे जुटे रहकर कोरोना महामारी के खिलाफ युद्ध मे अपना योगदान कर रहे है।

ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्पलाईज यूनियन के समस्तीपुर डिवीजन के डिविजनल सेक्रेटरी रत्नेश वर्मा ने सरकार से मांग की है की अस्पताल कर्मियों की भांति लॉकडाउन में कार्यरत सभी रेलवे कर्मचारियों को भी 50 (पचास) लाख का बीमा-कवरेज दिया जाए। पूर्व में इस संबंध में माननीय रेलमंत्री के पास यूनियन के द्वारा पत्र भी भेजा गया है। र्केंद्र सरकार द्वारा सभी केंद्रीय कर्मियों के डी०ए० पर जुलाई-2021 तक रोक लगाने संबंधी फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्होंने कहा कि देश भर के कर्मचारी सरकार के इस फैसले से काफी उत्तेजित हैं, इसलिए इसे जल्द वापस लिया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि श्रम कानूनों में किये गए बदलाव श्रमिकों के हित मे नहीं है, इससे श्रमिक रोष में है। रेलवे में भी इस बदलाव का ब्यापक असर पड़ेगा। सरकार मल्टी-स्कीलिंग के नाम पर रेल कर्मचारियों में फूट डालकर छंटनी, ठेकेदारी-प्रथा, आउट सोर्सिंग को बढ़ावा देना चाहती है, जो स्थायी रेलकर्मी के हित में नहीं है। रेलवे के उत्पादन इकाइयों सहित देश के धरोहरों को बेचने, विनिवेशीकरण की निर्दयतापूर्ण सरकारी नीति का हम सब रेलकर्मी अपने संगठन ई०सी०आर०ई०यू० के साथ मिलकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि रेल-सेवक देश की रीढ़ हैं। देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करनेवाले रेलकर्मियों को सरकार नजर अंदाज नहीं करे।

मुख्यमंत्री के जाते ही विकास की खुली पोल, धसने लगी मोटरबुल सड़कें

मधुबनी : भारत-नेपाल सीमा पर अवस्तिथ मधुबनी जिले के जयनगर में अकोन्हा, बेतोन्हा बाँध एवं कमला पुल का दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निरीक्षण किया। उनके साथ जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मौजूद रहे।

उनके जाते ही कल हुई पहली बारिश में विकास के उन तमाम दावों की पोल खुल गयी। कहीं मेन रोड में ही बड़ी गाड़ियां सड़कों में बने गढों में फंसने लगी, सड़कें झील में तब्दील हो गयी, तो भारत-नेपाल सीमा पर रातों-रात बनाई गई मोटरबुल सड़कें धस गयी। बता दें कि मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सड़कों का मरमत्ती का कार्य जैसे-तैसे हालात में युद्ध स्तर पर रातों-रात किया गया, पर जैसे ही बारिश हुई, विकास की कलई खुल गयी।

आपको बता दें कि पिछले साल आये बाढ़ में यहां के बांधों के बह जाने के कारण इस बार इनका पुनिर्माण किया जा रहा है, जिसका निरीक्षण करने मुख्यमंत्री यहां आए थे।

हालांकि ये पहली बार नही है, जब नगर पंचायत के तमाम विकास के दावों के पोल खुलता हुआ नजर आ रहा है। फिर चाहे वो मेन रोड हो, या स्टेशन रोड, किराना गली, सब्जी मंडी हर जगह सड़क झील में तब्दील हो चुकी थी। आलम ये था कि हर जगह पैदल चलना तक दुश्वार हो गया था। फिलहाल जो भी हो पर अभी मानसून का आना बांकी है, ओर हर बार की तरह इस बार भी नारकीय हालात होने वाले हैं शहर के।

आपको ये भी बता दें कि लाखों रुपये रातों-रात खर्च करके हेलीपैड ओर अस्थायी सड़कें मोटरबुल करके निर्माण किया गया था, जो मुख्यमंत्री के जाते ही बारिश के करण धंसना शुरू हो चुकी है। ज्ञात हो कि भारत-नेपाल सीमा पर एक तटबंध के निर्माण में नेपाली नागरिकों द्वारा बाधा उत्पन्न की जा रही है, क्योंकि इस तटबंध का कुछ हिस्सा नो मेंस लैंड में पड़ रहा है। हालांकि जिलाधिकारी ओर पुलिस अधीक्षक ने निगरानी के दौरान तटबंध को थोड़ा घुमावदार बनाने की बात सहायत अभियंता से कही थी। ऐसे में अगर समय से ये बांध का निर्माण कार्य पूरा नही हुआ तो शायद इस बार बाढ़ का फिर से रौद्र रूप देखने को मिल सकता है।

जलजमाव से परेशान लोगों ने किया सड़क जाम

मधुबनी : लखनौर प्रखंड के बेहट दक्षिणी पंचायत के नवटोल गुमटी पर स्थानीय लोगों ने जलजमाव से तंग आकर सड़क पर उतरे। जलजमाव वाली सड़क पर ही बांस बल्ला लगाकर सड़क जाम कर दिया और पंचायत से लेकर प्रखंड प्रशासन तक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करीब दो घंटा तक जाम रहा। इस दौरान आम यात्रियों को दोहरी पीड़ा झेलनी पड़ी।

एक तो जलजमाव से लोग त्रस्त थे ही, दूसरी जलजमाव वाली सड़क पर जाम लगाए जाने के कारण लोग वापस जाने हेतु बाध्य हुए। करीब दो घंटा तक जाम रहने के बावजूद कोई भी जबावदेह अधिकारी जलजमाव से त्रस्त आम लोगों की सुधि लेने नही पहुंचा। कहीं से बात छनकर सामने आई कि प्रखंड प्रशासन पंचायत समिति मद से खराब हो गए पानी निकासी के लिए पाइप की व्यवस्था कर रही है।

इस सूचना के बाद लोगों ने आपस में ही बातचीत कर जाम हटा दिया। यहां यह बता दें कि यह क्षेत्र झंझारपुर रेलवे स्टेशन बाजार का ही क्षेत्र है, और गुरुवार दोपहर से हो रही भारी वर्षा ने जलजमाव वाले क्षेत्र की स्थिति भयावह कर दी। परिणामस्वरूप लोगों ने सड़क जाम कर दिया।

मधुबनी के युवक की सउदी में संदेहास्पद स्थिति में मौत

मधुबनी : जिले के हरलाखी थाना क्षेत्र के सोठगांव गांव निवासी मो० मुमताज (35 वर्ष) का सउदी में संदेहास्पद स्थित में मौत हो गया है। इधर मौत के दस दिन बाद भी मृतक का शब गांव नहीं आने से परिजनों में मातम छाया हुआ है।

इस घटना की जानकारी देते हुए मृतक का पिता मो० मंजूर ने बताया की मेरा पुत्र करीब तीन वर्ष पूर्व कमाने के लिए सउदी गया था, वहां किसी मालिक के पास ड्राइवर का काम कर रहे थे। विगत 15 जून को वहां से फोन आया की आपके पुत्र का मृत्यु हो गया है, तो हमने शव को भेज देने का मांग रखा लेकिन वहां से आज तक शब नहीं भेजा गया है। जिस मालिक में काम करता था वहां से कहा जा रहा है की शव को अंतिम संस्कार करवा देने के लिए भारतीय दूतावास को लिख कर दिए हुए है। उन्होंने बताया की मौत के सही कारणों का पता नहीं चल सका है। परिजनों ने बताया की मृतक की शादी करीब आठ वर्ष पूर्व हुई थी। मृतक के दो पुत्री है। इधर पति का मौत की खबर सुन मृतक के पत्नी जुलेखा का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है,और पति का एक झलक पाने के लिए बेकरार है। इस खबर से पुरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

हेलेन की जयंती पर होंगे कार्यक्रम

मधुबनी : राज्य आयुक्त, निःशक्तता, बिहार, पटना के निदेशानुसार 140वीं हेलेन केलर जयंती(27 जून 2020) के अवसर पर राज्य निवासी दिव्यांगजनों तथा मधुबनी जिला में इससे जुड़े व्यक्तियों, संस्थाओं, सरकारी अधिकारीगण व अन्य के साथ विविध ऑनलाईन मीडिया साधन यथा-विडियो काॅन्फ्रेंसिंग, यूट्यूब, फेसबुक,ट्विटर, व्हाट्सएप्प आदि के माध्यम से म्युचूअल ई0 जनजागरूकता-सह- ई-संवाद, कार्यक्रम का आयोजन कर दिव्यांगजनों को उनके अधिकारों के संरक्षण उनके कल्याणार्थ संचालित योजनाओं का अपने समस्याओं/शिकायतों को ऑनलाईन लोक अदालत के माध्यम से समाधान एवं आगामी बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में मतदान का अधिकार के संबंध में जागरूकता किये जाने के उदेश्य से राज्य आयुक्त, निःशक्तता, बिहार, पटना जिसमें मधुबनी जिला के कुल 33502 दिव्यांगजनों से 27 जून को 140 वीं हेलेन केलर जयंती के अवसर पर दिव्यांगजनों के साथ ई-संवाद के माध्यम से हेलेन केलर जयंती के थीम ‘‘शत-प्रतिशत दिव्यांगजन करें अपने मताधिकार का प्रयोग (सरल, सुगम, समावेषी एवं बाधा रहित मतदान) एवं दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में प्रदत्त अधिकार (सुरक्षा, संरक्षण, पूर्ण भागीदारी, हिस्सेदारी एवं प्रोडक्टिव सीटिजन) मिले बिहार के हर दिव्यांगजनों के द्वार-द्वार” के तहत संवाद कर जागरूक करेंगे।

विधायक की उपस्थिति मे लगा कोरोना कोविड-19 टेस्ट कैंप

मधुबनी : शहर के गिलेशन बाजार मे स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरोना कोबिड-19 टेस्ट कैंप का आयोजन किया गया, जिसमे मधुबनी विधानसभा के राजद विधायक समीर कुमार महासेठ की गरिमामयी उपस्थिति रही। टेस्ट कैंप मे रोटरी क्लब के द्वारा कोरोना टेस्ट कराने आये लोगो के बीच मास्क एवं सैनिटाईजर का वितरण किया गया, साथ ही कोरोना जाँच के लिये लोगो को जागरुक किया गया।

कोरोना टेस्ट कैंप में मौजूद विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा की हमने मधुबनी सिविल सर्जन से आग्रह किया था की स्थानीय गीलेसन बाजार में कोरोना टेस्ट कैंप की जरूरत है। उसी के तहत यहाँ कोरोना टेस्ट कैंप स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगाया गया है, जो निश्चित ही समय की जरूरत के हिसाब से अच्छी पहल है। लोग जागरुक होकर अपनी जाँच करवा रहे है।

वहीं स्वास्थ्यकर्मी आलोक चौधरी ने बताया की सरकार की योजना है, की पॉपुलेशन वाले यानि भीड़- भाड़ वाली जगह जो कोरोना काल मे भी अपनी सेवाएं दी है। उन लोगो की जाँच कर उनका सैंपल कलेक्ट करना है, और जाँच के लिये भेजना है। उसी के तहत आज स्थानीय गीलेसन बाजार में कोरोना टेस्ट कैंप का आयोजन किया गया, जहाँ लोगो का रजिस्ट्रेशन के उपरांत जाँच किया जा रहा है। इस काम मे हमें स्थानीय लोगो का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इस दौरान सामाजिक दूरी का ख्याल रखा जा रहा है।

विधायक के आश्वासन के बाद भी नहीं हुआ सड़क का निर्माण

मधुबनी : बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के अनेकों पंचायत के सड़कों की जर्जर स्थिति बानी हुई हैं। इस समय लगातार बारिश होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का आवागमन में काफी मुश्किल बढ़ गई हैं। क्षेत्र के बलहा पंचायत के मुख्य सड़क पर माठ टोला तक जाने वाली सड़क की बद से बदतर स्थिति बनी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक आजादी के बाद भी यह सड़क नहीं बन पाई है, जिससे आक्रोश लोगों ने स्थानीय विधायक, पदाधिकारी एवं सरकार के खिलाफ जर्जर सड़क पर जम कर प्रदर्शन करते हुए मुर्दावाद कर जोरदार नारेबाजी किया। वहीं एक तरफ स्थानीय विधायक सड़कों का जाल बिछा देने की बात बताते हैं, वहीं दूसरी तरफ सड़क बिजली के लिए जनता टक टक्की लगाएं बैठे रहते हैं और जैसे-तैसे अपने घरों तक आने जाने पर मजबूर हैं।

बलहा पंचायत के चंदेश्वर यादव अजय यादव सुभाष सहनी शंकर सहनी रंजीत सहनी, प्रमोद सहनी प्रदीप सहनी, सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद भी हम लोगों का यह सड़क डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक हैं, जबकि हम लोग लगभग पांच सौ के आबादी में बसे हुए हैं जहां हम लोगो को बाढ़ के समय में घर से निकलना मुश्किल तो हो ही जाती हैं तथा हल्की बारिश में भी आवागमन बिल्कुल ठप हो जाती है। जहां से गर्भवती महिलाओं एवं बीमार ब्यक्ति को हम लोग को खटिया या कांधे के सहारे मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता हैं। कई बार रास्ते में ही हादसा हो गई। जबकि इस बात की लिखित आवेदन और सुचना प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं स्थानीय विधायक डॉ फैयाज अहमद को वर्षो पहले दी गई थी।

विधायक के द्वारा वर्ष पहले बताया गया कि सड़क बन जाएगी लेकिन हमें दोबारा वोट देना पड़ेगा हम लोगों ने दूसरी पंच वर्षी में वोट देने के बाद भी हम लोगों का सड़क का निर्माण नहीं किया गया। विधायक के द्वारा हम लोगों के साथ धोखाधड़ी किया गया हैं। अब इस बाबत में विधायक से कहने पर अब फिर वोट देने की बात बताते हैं। हम लोगों को बार बार बेवकूफ बनाया जाता हैं, लेकिन अब हम लोग सज्जग हो गए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक जनता के हित में नहीं बल्कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए राजनीति करते हैं, ऐसे नेताओं से हम लोगों को कोई फायदा नहीं हैं आने वाले चुनाव में हम लोग ऐसे नेताओं को मुंह पर तमाचा मारने का काम करेंगे आक्रोशित लोगों ने कहा कि हम लोगों का सड़क का समस्या का निदान नहीं किया गया तो अभिलंब स्थानीय प्रशासन एवं विधायक के खिलाफ सड़क जाम कर प्रदर्शन करेंगे।

वहीं शुक्रवार को गांव में लड़की की बारात आने को थी, जहाँ गांव में बारात नहीं जा सकती थीं। जिसको लेकर गांव के लोग चावल गेंहू बेच कर सामाजिक कार्यकर्ता आदम वारसी बल्हावी के सहयोग से तत्काल ईंट गिरवाया गया।

भाकपा ने बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री का पुतला फूंका

मधुबनी : स्टेशन चौक, जयनगर, पर माकपा अंचल कमिटी जयनगर के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो राज्यव्यापी विरोध दिवस के रूप में मनाया गया। देश के अन्दर 19दिन में 19वार मूल्यवृध्दी किया गया है, और आज पेट्रोल से अधिक दाम में डिजल मिलता है। यह फैसला से देश के अन्दर महॅगाई कोई रोक नहीं सकता है। लाॅकडाउन के कारन आम जनता परेशान है, दूसरे तरफ बेरोजगारी बढ गया है। ऊपर से मॅहगाई माकपा मूल्यवृध्दी का विरोध करते हुए सरकार से मांग करते हैं कि पेट्रोल, डिजल मूल्यवृध्दी वापस लो, नहीं तो यह आन्दोलन चलता रहेगा।

भारत सरकार के खिलाफ में नारा लगाते हुए स्टेशन चौक पर सभा हुआ जिसका अध्यक्षता काॅ० श्याम सुन्दर पासवान ने किया। इस मौके पर शशिभूषण प्रसाद, राज्य कमिटी सदस्य माकपा बिहार, ईन्दकला देवी, दिनेश कुमार पासवान, सोगारथ पासवान, मंजू देवी, उर्मिला देवी, सुरेश यादव, सुकेन्र्द कुमार यादव, के अलावा दर्जनो साथियों भाग लिया।

5 माह से घर से दूर रहकर कोरोना को हराने में डटे अनिल चक्रवर्ती

  • पांच हजार से अधिक संदिग्ध का सेंपलिंग भेज चुके हैं पटना

मधुबनी : वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल में अनिल चक्रवर्ती के लिए अस्पताल ही घर बना हुआ है और मरीज परिवार के सदस्य। अनिल चक्रवर्ती मधुबनी सदर अस्पताल में वर्ष 2009 से एपिडेमियोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। वह महामारी के इस संकट काल में प्रतिदिन जिले में मास्क तथा किट की उपलब्धता, सैंपल कलेक्शन, अतिरिक्त टेकनीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कार्य कर रहे हैं। विभिन्न प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों को जिले में लाये जाने के दौरान इन्होंने लैब टैक्नीशियन के मॉनिटरिंग का कार्य 24 घंटे किया तथा स्टेशन पर प्रवासियों का स्क्रीनिंग कर क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजने का कार्य सुनिश्चित किया। साथ ही जो संक्रमित पाए गए उन्हें आइसोलेशन सेंटर में भेजने का कार्य भी किया। उनके द्वारा अब तक जिले से 05 हजार से अधिक कोरोना संदिग्धों के स्वाव का जांच के लिए पटना भेज चुके हैं।

5 महीने से परिवार से दूर रह कर पॉजिटिव आए मरीजों के कांटेक्ट रेसिंग करने का कर रहे कार्य:

अनिल बताते है कि वह 5 महीने से वह अपने परिवार से नहीं मिले हैं। जनवरी में जब कोरोना संक्रमण की बात सामने आई, तब से सब कुछ भूलकर कोरोना संक्रमित के बचाव कार्य में लगे हुए हैं। उन्होने बताया जो मरीज पॉजिटिव के पिछले 14 दिनों में संपर्क में आए लोगों का सेंपलिंग सुनिश्चित करवाना, प्रतिदिन डाटा विश्लेषण कर जिला पदाधिकारी एवं स्टेट को सुपुर्द करना, सैंपल का डिकोडिंग करना आदि कार्य करते हैं। पॉजिटिव आए मरीजों को एंबुलेंस उपलब्ध करवाना तथा उसे भर्ती करना, आइसोलेशन वार्ड में भी पॉजिटिव मरीजों का समय समय पर सैंपलिंग सुनिश्चित करवाना, सैंपल रिजल्ट नेगेटिव आने पर डिस्चार्ज करवाना, आदि एपिडेमियोलॉजिस्ट अनिल चक्रवर्ती की दिनचर्या है। घर की याद नहीं आती है पूछने पर चक्रवर्ती बताते हैं याद तो आती है पर हम ही छुट्टी पर चले जाएंगे तो फिर मरीज का क्या होगा पहले मरीज हमारी प्राथमिकता है उसके बाद घर।

5000 हजार से अधिक अब तक हुए हैं जांच

अनिल बताते हैं कि जिले में आईडीएसपी टीम के द्वारा अब तक 5145 लोगों की जांच की गई है जिसमें 4238 का रिपोर्ट प्राप्त हुई है जिसमें 383 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं, 3788 मरीज नेगेटिव पाए गए तथा 907 मरीजों के रिजल्ट अभी तक पेंडिंग है यह सभी सैंपलिंग आईडीएसपी के द्वारा ही किया गया है।

एपिडेमियोलॉजिस्ट अनिल चक्रवर्ती एवं टीम को मिल रहा बेहतर सहयोग :

सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार झा ने कहा कि कोरोना से निपटने में जिला स्वास्थ्य विभाग को एपिडेमियोलॉजिस्ट अनिल चक्रवर्ती एवं उनके टीम का बेहतर सहयोग मिल रहा है. उनका कार्य सराहनीय है।विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग एवं टीम द्वारा संक्रमित को आइसोलेशन में भर्ती करवाना व फील्ड स्तर पर सैंपलिंग करवाने का कार्य किया जा रहा है. जिला स्वास्थ्य विभाग की सभी टीम तथा सहयोगी संस्था काफी सक्रिय हैं जिले की स्वास्थ टीम कोरोना को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है।

सुमित राउत