रांची : बाबूलाल मरांडी के भाजपा में अपनी पार्टी के विलय के बाद उनसे बगावत करने वाले झाविमो के दोनों विधायक, बंधु तिर्की और प्रदीप यादव अब कहीं के नहीं रहे। चुनाव आयोग ने उन्हें कांग्रेस विधायक के तौर पर मान्यता देने से इनकार कर दिया है। झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर वोटिंग के लिहाज से यह बड़ा डेवलपमेंट है।
रास चुनाव की वोटिंग में सत्ता पक्ष को झटका
दरअसल, जब बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी झाविमो का भाजपा में विलय किया तब उनके ये दोनों बिधायक उनसे सहमत नहीं थे। नतीजा उन्होंने अलग राह पकड़ ली। बंधु तिर्की और प्रदीप यादव अपने को कांग्रेस विधायक के तौर पर मान्यता दिये जाने की मांग कर रहे थे। लेकिन अब चुनाव आयोग ने उनकी इस डिमांड को नकार दिया है। चुनाव आयोग ने दोनों विधायकों को वोटर लिस्ट में निर्दलीय विधायक के रूप में लिस्टेड करने का निर्देश दिया है।
झारखंड में होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को फिर से तैयार करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में रिटर्निंग ऑफ़िसर को निर्देश दिया गया है। चुनाव आयोग ने बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को बतौर निर्दलीय विधायक वोटर लिस्ट में जोड़ने का आदेश जारी किया है। मालूम हो कि बाबूलाल मरांडी का नाम वोटर लिस्ट में बतौर जेवीएम विधायक दर्ज था। बाबूलाल मरांडी ने वोटर लिस्ट में सुधार को लेकर चुनाव आयोग से संपर्क किया जिसमें केंद्रीय चुनाव आयोग में बीजेपी-जेवीएम विलय को तो मान लिया पर तिर्की और प्रदीप को निर्दलीय करार दिया।
विकास कुमार