करोड़ों के घपले में मुजफ्फरपुर मेयर व नगर आयुक्त पर प्राथमिकी, चार्जशीट की तैयारी
मुजफ्फरपुर : निगरानी विभाग ने घरों से कचरा उठाने के लिए ऑटो ट्रिपर वाहनों की खरीद में भारी गड़बड़ी पकड़ी है। इस संबंध में निगरानी ब्यूरो ने मुजफ्फरपुर के मेयर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश रंजन समेत कुल 10 अफसरों और कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की है। वाहनों की खरीद में करीब 4 कोरोड़ रुपये से अधिक का घपला किया गया है। निगरानी की शुरूआती जांच में इस घोटाले में जनप्रतिनिधि, अभियंता और अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है।
इन सभी के खिलाफ धारा 409, 467,468,471 और 120 बी के तहत पटना निगरानी थाना में मामला दर्ज किया गया है। अब मामले में निगरानी को मेयर समेत 3 लोगों के खिलाफ चार्जशीट की अनुमति मिली है। जानकारी के अनुसार साल 2017 में खरीदी गई ट्रिपर वाहन की खरीद में नियमों को ताक पर रख सरकारी पैसे की बंदरबांट की गई। यही नहीं, खरीदे गए वाहन पिछले ढाई सालों से जंग खाकर कबाड़ में बदल रहे हैं।
जिन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें मुजफ्फरपुर के मेयर सुरेश कुमार, तब के नगर आयुक्त रमेश रंजन जो फिलहाल कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर हैं, तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त रंगनाथ चौधरी, कार्यपालक अभियंता बिन्दा सिंह, सहायक अभियंता महेन्द्र सिंह, नन्द किशोर ओझा, कनीय अभियंता मोहम्म्द क्यामुद्दीन अंसारी, प्रमोद कुमार, भरत राज चौधरी और मौर्या मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड पटना के प्रोपराईटर शामिल हैं।