नालंदा : पूरी दुनिया ने अभी कल 1 जून सोमवार को ही विश्व दुग्ध दिवस मनाया। लेकिन इसके अगले ही दिन यानी आज मंगलवार को बिहार के नालंदा में सड़क पर दूध की नदी बह निकली। बिहारी भी अपने फन के माहिर। उन्होंने आव देखा न ताव और सरेआम गजब अंदाज में दूध की लूट करने लगे। इस आपाधापी में उन्होंने कोरोना के सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सभी पाबंदियों की मां—बहन एक कर दी। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो इस दूध की अनोखी लूट में एक दूसरे से छीना—झपटी करते हुए जख्मी भी हो गए।
घटना आज मंगलवार की सुबह नालंदा के भागन बिगहा की है जहां बाजार में स्टेट हाईवे पर एक दूध लदा टैंकर बीच सड़क पलट गया। पलटे हुए टैंकर से दूध रिसकर सड़क पर फैल गया। इस हादसे के घायलों की सूचना तो प्रशासन तक नहीं पहुंची, लेकिन आसपास के गांवों में दूध टैंकर के पलटने और उससे दूध सड़क पर निकलने की जानकारी जंगल के आग की तरह फैली। फिर क्या था आसपास के दो—तीन गांवों के लोग बर्तन—बाल्टी लेकर दुर्घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। घायलों को बचाने नहीं, बल्कि दूध लूटने।
सबसे चौंकाने वाली बात यह दिखी की दूध की लूट में ग्रामीणों ने कोरोना की भी कोई परवाह नहीं की। फ्री का दूध पाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग तार—तार हो गया। जिसको जितना मिला दूध लूट ले गया। जानकारी मिली की दूध से भरा टैंकर पटना से बिहारशरीफ की तरफ आ रहा था। भागन बिगहा बाजार में वह अचानक अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया। काफी देर तक टैंकर पलटने की सूचना मिलने के बाद भी पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची। इस दौरान बिहारशरीफ-पटना मुख्य मार्ग भी जाम हो गया। कहने को तो यह घटना महज एक हादसा प्रतीत होती है लेकिन यह अकेली घटना हम बिहारियों को अपने आचरण पर अंतर्दृष्टि डालने को जरूर मजबूर कर रही है। खासकर कोरोना जैसी इस आपदा के माहौल में क्योंकि अब ऐसा करना हमारे लिए बेहद जरूरी है।