पटना/नई दिल्ली : नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी उत्सव के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जरूर होना चाहिए। इसके लिए सरकार को कानून लाना चाहिए। विजयादशमी के इस कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत अगर पंचामृत के मंत्र पर आगे बढ़े तो एक बार फिर विश्वगुरू बन सकता है। मध्यकाल में भारत में एक भयानक आंधी बाबर के रूप में आई। उसने हमारे देश के हिंदू-मुसलमानों को रौंद दिया। संघ प्रमुख ने कहा कि राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं। उनका मंदिर भारत में नहीं तो फिर और कहां बनेगा। सरकार को इसके लिए कानून लाना चाहिए। इससे देश में सद्भावना का माहौल बनेगा। लोग कहते हैं कि इनकी सत्ता है फिर भी मंदिर क्यों नहीं बना?
सबरीमाला के मुद्दे पर मोहन भागवत ने कहा कि उद्देश्य तो स्त्री-पुरुष समानता का था, लेकिन क्या हुआ। इतने वर्षों से परंपरा चल रही है वह टूट गई, जिन्होंने याचिका डाली वो कभी मंदिर नहीं गए, जो महिलाएं आंदोलन कर रही हैं वो आस्था को मानती हैं। धर्म के मुद्दे पर धर्माचार्यों से बात होनी चाहिए, वो बदलाव की बात को समझते हैं।
संघ प्रमुख ने कहा कि ये परंपरा है और उसके पीछे कई कारण होते हैं। कोर्ट के फैसले से वहां पर असंतोष पैदा हो गया है। महिलाएं ही इस परंपरा को मानती हैं लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
हमारे देश में राजनीति को लेकर कई प्रयोग हुए। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के आधार पर राजनीति की कल्पना की। हम किसी की शत्रुता नहीं करते हैं, लेकिन दुनिया में हमारी शत्रुता करने वाले लोग हैं। इसलिए उनके लिए कुछ तो करना पड़ेगा।
मोहन भागवत ने कहा कि सत्ता बदलने के बावजूद पाकिस्तान की हरकतें नहीं बदली। हमें इतना बलवान होना पड़ेगा ताकि कोई हमारे ऊपर आक्रमण करने की हिम्मत ना कर पाए। हाल के वर्षों में दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। पश्चिम बंगाल से लेकर हिंद महासागर तक कई द्वीप ऐसे हैं, जो सामरिक दृष्टि से काफी अहम हैं। उन सभी की नाकाबंदी होनी चाहिए। दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो भारत को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते। चीन पर ईशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ शक्तियां मालदीव, श्रीलंका को अपनी तरफ करने की कोशिश कर रही हैं।
संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि अभी देश में कई तरह की चिंताएं हैं। कुछ शक्तियां देश को अंदर से ही खोखला करना चाहती हैं। अपने ही देश के लोग भी इन शक्तियों के साथ खड़े हो जाते हैं, इन कारणों को दूर करने की जरूरत है। देश में पुलिस की हालत जैसी होनी चाहिए वैसी नहीं है। पुलिस बल में सुधार के लिए प्रस्तावों की बातें अभी तक फाइलों में धूल खा रही हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में छोटी-छोटी बातों को लेकर आंदोलन हुए जिन्हें बड़ा बना दिया गया। लेकिन जो ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगाते हैं, जो आतंकवादियों से संबंध रखते हैं वो भी इस आंदोलन में दिखते हैं। इसका कंटेंट पाकिस्तान और इटली में बैठे लोगों की तरफ से आ रहा है। आजकल अर्बन माओवादी की बात सामने आई है, माओवाद हमेशा अर्बन ही रहा है। कुछ लोग बंदूक के दम पर सत्ता को हथियाना चाहते हैं।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, मशहूर गायक उस्ताद रशीद खान भी मौजूद थे। मालूम हो कि विजयादशमी के अवसर पर हर साल संघ मुख्यालय में पथ संचलन का आयोजन होता है। 1925 की विजयादशमी के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई थी. तभी से हर विजयादशमी के अवसर पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैनोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस कार्यक्रम में कहा कि इस कार्यक्रम में मुझे बुलाकर आज संघ ने छोटे बच्चों की तरफ हाथ बढ़ाया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से करीब 35 साल पहले जब वह एक मैगजीन में काम कर रहे थे, तब एक छोटी बच्ची को बेचा जा रहा था और उस घटना ने उनके विचारों को बदल दिया। हमारे देश में हमेशा बच्चों में भगवान के रूप में देखा जाता है। भारत में लगातार बच्चों के मुद्दों को लेकर तरक्की हुई है, हमारे यहां बाल मजदूरी की संख्या में कमी आ रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए जिस पंचामृत जरूरी है, वह है संवेदनशील, समावेशी, सुरक्षित, स्वावलंबी, स्वाभिमानी भारत।