नवोदय और केंद्रीय विद्यालय के लिए जल्द जमीन हस्तांतरित करे राज्य सरकार, मिड डे मील योजना के लिए अब 8,100 करोड़ रुपये: निशंक

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दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे के साथ आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा सचिवों के साथ बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास यह होना चाहिए कि हमारे 33 करोड़ छात्र किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करें और अपनी शिक्षा को जारी रख सकें। इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्मों जैसे दीक्षा, स्वयं, स्वयंप्रभा, विद्यादान 2.0, ई-पाठशाला, दूरदर्शन के शैक्षणिक टीवी चैनल, डिश टीवी, टाटा स्काई, जियो, एयरटेल डीटीएच आदि को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि इसके अलावा एनसीईआरटी द्वारा वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर भी जारी किया गया है जिसे राज्य सरकारें अपनी स्थानीय स्थिति के अनुसार अपना सकती हैं। साथ ही स्कूल को खोलने की स्थिति में हमें सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों को तैयार करना पड़ेगा।

मिड डे मील योजना के लिए 2,500 करोड़ रुपये का अनुदान जारी

छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति में बच्चों को पर्याप्त और पौष्टिक भोजन की प्राप्ति के लिए ‘मिड डे मील’ योजना के अंतर्गत राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसमें स्कूलों में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए मंजूरी प्रदान किया गया जिस पर लगभग 1600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया जाएगा। इसके अलावा ‘मिड डे मील’ योजना के अंतर्गत पहली तिमाही के लिए 2,500 करोड़ रुपये का तदर्थ अनुदान जारी किया गया।

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मिड डे मील योजना के लिए अब 8,100 करोड़ रुपये

मिड-डे मील कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए, मंत्री ने घोषणा की कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मिड डे मील योजना के अंतर्गत खाना पकाने की लागत (दाल, सब्जी, तेल, मसाला और ईंधन की खरीद के लिए) में वार्षिक केंद्रीय आवंटन को 7,300 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8100 करोड़ रुपये (10.99 प्रतिशत की वृद्धि) कर दिया गया है। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत, मानकों में ढील देते हुए, भारत सरकार ने राज्यों को पिछले वर्ष की शेष राशि को खर्च करने की अनुमति प्रदान की है जो लगभग 6,200 करोड़ रुपये है।

पोखरियाल ने कहा कि जिन राज्यों में केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के लिए मंजूरी प्रदान कर दी गई है लेकिन जमीन की उपलब्धता में कमी या क्षमता में कमी के के कारण इसकी शुरूआत नहीं की जा सकी उनसे आग्रह किया जाता है कि वे जल्द ही जमीन हस्तांतरित करें जिससे राज्य के बच्चों को इसका लाभ प्राप्त हो सके।

मंत्री ने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू करें और सीबीएसई को अपने-अपने राज्यों में छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करें।

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