पटना : लॉकडाउन में राज्य से बाहर फंसे मजदूरों के बड़ी संख्या में लुक—छिपकर बिहार पहुंचने का खुफिया इनपुट मिला है। इसने राज्य के गांवों पर बड़ा खतरा उत्पन्न कर दिया है। बिहार में पिछले तीन—चार दिनों के कोरोना ट्रेंड में भी यह सामने आया है कि संक्रमण के जो ताजा मामले आ रहे हैं, वे ज्यादातर गांवों के ही हैं। ऐसे में वायरस के फैलाव का ताजा दौर बहुत खतरनाक और संवेदनशील हो गया है। उसपर ये प्रवासी न सिर्फ अपनी पहचान छिपा रहे हैं, बल्कि क्वारंटाइन की शर्तों की अवहेलना कर गांव—घर में घूम भी रहे हैं। इनके परिवार वाले भी कोई सहयोग नहीं कर रहे।
ट्रकों, मालवाहक वाहनों में छिपकर पहुंचे बिहार
मिल रही खबरों के मुताबिक दूसरे प्रदेशों में आर्थिक तंगी और अन्य परेशानियां बढ़ले के साथ प्रवासी बिहारी अनेक माध्यमों का सहारा लेकर लौटने लगे हैं। इसमें मालवाहक ट्रकों से लेकर प्राइवेट गाड़ियां महंगी दरों पर बुक कराकर भी लोग आ रहे हैं। प्रवासी मजदूरों को राज्य में वापस लाने के संबंध में जहां पक्ष—विपक्ष राजनीति में फंसा हुआ है, वहीं सैकड़ों—हजारों मजदूर रोज पैदल, साइकिल या किसी और वाहन से आ रहे हैं। इन मजदूरों में से कुछ अपने साथ कोरोना का संक्रमण भी ला रहे हैं। मंगलवार को 20 नए मरीज मिले, जिनमें अधिकतर प्रवासी मजदूर हैं। इनमें सर्वाधिक पांच-पांच मामले पटना, मधुबनी और औरंगाबाद जिले के हैं। बाहर से आने वाले लोगों में 36 पॉजिटिव मिले हैं।
प्रवासियों के प्रवेश का सामने आने लगा नतीजा
बिहार में इसका नतीजा भी सामने आने लगा है। बीते तीन चार दिनों में आधा दर्जन से अधिक नए जिलों में संक्रमित मरीज मिले हैं। इस तरह मंगलवार तक राज्य के 28 जिले कोरोना की जद में आ गए। शुरुआती दिनों में धीमी संक्रमण की रफ्तार अब अचानक तेज हो गई है। राज्य सरकार ने ताजा एडवाइजरी में कहा है कि अब ज्यादा सावधानी और मुस्तैदी की जरूरत है। अब तक संक्रमण का दायरा ज्यादातर शहरों में सीमित था। लेकिन प्रवासियों के इस आचरण के चलते अब पंचायतीराज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों और समाजसेवी संस्थाओं की जवाबदेही ज्यादा बढ़ गई है।
नहीं मान रहे बंदिशें, खुलेआम घूम रहे गांव में
इन सबसे बड़ी चिंता का विषय है, ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण का फैलाव। औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, कैमूर, मुंगेर, रोहतास, नवादा, बांका, गोपालगंज समेत कई जिलों में ग्रामीण इलाकों में नए मरीज मिले हैं। मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया ऐसे बड़े जिले हैं, जहां रविवार तक एक भी संक्रमण का मामला नहीं था। लेकिन अब इन जिलों में कई पॉजिटिव मरीज पाए गए।
पहचान छिपा रहे प्रवासी, सरकार की टेंशन बढ़ी
बाहर से आए ये संक्रमित बगैर इजाजत आने के साथ ही घोर लापरवाही भी बरत रहे हैं। खबरें आ रही हैं कि मुंबई, दिल्ली और देश के अन्य शहरों से जो लोग छिप-छिपाकर गांव पहुंचे वे क्वारंटाइन की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इनमें अनेक ऐसे हैं जो क्वारंटाइन सेंटरों से बाहर निकल कर न केवल अपने गांव और चौक-चौराहों पर लोगों से मिलते-जुलते रहे, बल्कि सगे-संबंधियों से मिलने दूसरे गांवों में भी गए। अब इनके गांव और आस-पड़ोस के गांवों में भय पैदा होना लाजिमी है।