कोरोना से लड़ने के लिए भारत का देशव्यापी लॉकडाउन का फैसला सही : आईएमएफ
पटना : कोरोना संकट से निपटने को लेकर देशभर में लॉक डाउन जारी है। बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में अभी तक इस वायरस से 12,456 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 1513 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। वहीं 423 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसको लेकर जगह-जगह जांच की जा रही है। भारत सरकार ने 25 मार्च को तीन सप्ताह का लॉकडाउन घोषित किया था, जो 14 अप्रैल को खत्म होना था, लेकिन उसे बढ़ाकर तीन मई तक कर दिया गया है।
भारत सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम की सराहना करते हुए एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए आईएमएफ के निदेशक चांग योंग री ने कहा कि भारत सरकार ने आर्थिक मंदी के बावजूद देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया और उनका संगठन अतिसक्रिय होकर लिए गए इस निर्णय का समर्थन करता है।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक विकास पर कोरोना वायरस के प्रभाव पर चर्चा करते हुए चांग योंग री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम की नीतियां सफल होती हैं तो 2021 में आर्थिक वृद्धि का सिलसिला फिर शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह सामान्य समय नहीं है और एशियाई देशों को परिस्थितियों के अनुसार सभी नीतिगत विकल्प खुले रखने होंगे।
एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के लिए अनेक सिफारिशों को उजागर करते हुए चांग योंग री ने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस को रोकने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को सुरक्षा देना है। उन्होंने कहा कि यह महामारी वित्तीय बाजारों को भी प्रभावित कर रही है और देशों को उद्योगों और छोटे तथा मझोले उद्यमों पर वित्तीय दबाव कम करने के लिए मौद्रिक नीतियों को लचीला बनाना पड़ेगा।