Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

chhapra news
बिहार अपडेट सारण

9 अप्रैल : सारण की मुख्य ख़बरें

अख़बार हॉकरों को उपलब्ध कराई सेनिटाइजर

सारण : रोटरी क्लब छपरा द्वारा करोना योद्धा बने अखबार हॉकरों के बीच राहत और सैनिटाइजर का वितरण किया गया जिसमें रोटरी क्लब छपरा के सचिव अमरेंद्र कुमार सिंह के साथ रोटेरियन सुनील राय भी शामिल हुए। इस मौके पर 50 से अधिक हाकरो को राहत सामग्री देकर उन्हें उत्साहित किया गया। रोटरी सदस्य सुनील राय ने बताया कि ये सभी हाकर इस विपरीत परिस्थितियों में भी अखबार बांटकर समाज की मदद कर रहे हैं लिहाजा रोटरी क्लब ने निर्णय लिया था कि इन हॉकरों को मदद किया जाए जिससे उनकी समस्याएं कुछ कम हो।

सचिव रोटेरियन अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अखबार बांटते समय ये पूरी तरह सेनीटाइज रहे इसके लिए इन्हें सेनीटाइजर भी दिया जा रहा है ताकि इन्हें अखबार बांटने में कोई दिक्कत ना हों हो। सैनिटाइजर रोटेरियन नवनीत कुमार के सौजन्य से दिया गया। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता माही सिंह कन्हैया कुमार उपेंद्र राय सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

मास्क व सेनिटाइजर का किया गया वितरण

सारण : सदर मंडल अध्यक्ष विश्वास गौतम के नेतृत्व में छपरा सदर प्रखंड के फकुली गांव में सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी के मार्गदर्शन और भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेंद्र सेंगर के सौजन्य से मास्क और सेनीटाइजर के तौर पर साबुन वितरित किया गया।

इस वैश्विक आपदा की घड़ी में शैलेंद्र सेंगर जी गरीबों के लिए मददगार बने हैं, इन्होंने लगातार एक मुहिम के तौर पर इस संकट की घड़ी में कोई भूखा ना रहे, जिसके लिए भोजन व राहत सामग्री मुहैया करा रहे हैं ! कोरोनावायरस को हराने के लिए छपरा के भाजपा कार्यकर्ता से लगातार सहयोग व संपर्क बनाए हुए हैं एवं जनता से अपील कर रहे हैं कि घरों से बाहर ना निकले ! गांव में घर-घर जाकर भाजपा कार्यकर्ता मास्क और साबुन का वितरण किए, जिसमें ग्रामीण दुकानदार, किसान, दूधवाले तथा पेपर बेचने वाले को प्रमुखता से ध्यान रखें ।

इस कार्य को संपन्न कराने में भाजपा नेता संजीव कुमार सिंह उर्फ रिंकू जी, मंडल मंत्री जितेंद्र सिंह, राजीव कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह, मनु कुमार,तुषार गौतम आदि लोग सहयोगी रहे।

कोरोना वारियर के सहयोग से पाएंगे कोरोना पर विजय

सारण : दुनिया भर में कोरोना वायरस के कारण हो रही मौतों से आम लोगों में भय एवं चिंता का पैदा होना लाजिमी है। लेकिन ऐसे मुश्किल हालातों में लोगों को एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ़ मजबूती से लड़ने की भी जरूरत है। देश के कई इलाकों से कोविड-19 से पीड़ित, कोरोना वारियर एवं पुलिस के विरोध करने के कई मामले सामने आए हैं। यहां तक कि जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं, उन्हें भी इस तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, कुछ समुदायों और क्षेत्रों को विशुद्ध रूप से सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर फ़ैल रही झूठी रिपोर्टों के आधार पर लेबल किया जा रहा है। इस तरह के पूर्वाग्रहों का मुकाबला करने की आवश्यकता है, जो स्वास्थ्य साक्षरता के साथ सशक्त हो और इस प्रतिकूलता का सामना करने के लिए तैयार भी हो। शायद यह विरोध लोगों में संक्रमण की सही जानकारी नहीं होने एवं असुरक्षा के भाव के कारण देखने को मिल रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी कर इस संबंध में जरुरी दिशा निर्देश दिया है।

कोरोना वारियर प्रशंसा के हैं पात्र :

डॉक्टरों, नर्सों, और संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवरों सहित हेल्थकेयर कार्यकर्ता संकट की इस स्थिति में देखभाल और चिकित्सा/ नैदानिक सहायता प्रदान करने के लिए अपनी सेवाओं को अथक रूप से प्रदान कर रहे हैं। स्वच्छता कार्यकर्ता और पुलिस भी निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं और कोविड-19 संक्रमण से हमारी सुरक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वे सभी हमारे समर्थन और प्रशंसा के पात्र हैं।

संक्रमित के प्रति दुर्भावना नहीं रखें :

सभी सावधानियों के बावजूद, यदि कोई कोरोना से संक्रमित होता है, तो यह उनकी गलती नहीं है। संकट की स्थिति में, रोगी और परिवार को सहायता और सहयोग की आवश्यकता होती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हालत ठीक है और ज्यादातर लोग इससे उबर जाते हैं. हालांकि कोविड-19 एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो तेजी से फैलती है और हम में से किसी को भी संक्रमित कर सकती है। लेकिन हम सामाजिक दूरी अपनाकर, नियमित रूप से हाथ को धोकर और खांसने और छींकने के के शिष्टाचार का पालन कर खुद को संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं।

ये जरुर करें :

• आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले लोगों के प्रयासों की सराहना करें और उनके परिवारों के प्रति सहानभूति रखें
• केवल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अन्य प्रमाणिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी ही कहीं साझा करें
• सोशल मीडिया पर किसी भी संदेश को फॉरवर्ड करने से पहले विश्वसनीय स्रोतों से कोविड-19 से संबंधित जानकारी को जरुर क्रॉस चेक करें
• कोरोना संक्रमण से उबरने वाले लोगों की सकारात्मक कहानियां साझा करें

ये नहीं करें :

• सोशल मीडिया पर कोरोना से प्रभावित या क्वारंटाइन में रह रहे या उनके इलाके के लोगों के नाम या पहचान न फैलाएं
• कोरोना को लेकर डर और दहशत फैलाने से बचें
• हेल्थकेयर और सैनिटरी वर्कर्स या पुलिस को निशाना न बनाएं. वे वहां आपकी मदद करने के लिए हैं
• कोविड-19 के प्रसार के लिए किसी समुदाय या क्षेत्र को लेबल न करें
• उपचार में रह रहे लोगों को कोविड पीड़ित के रूप में संबोधित करने से बचें. उन्हें कोविड से ठीक होने वाले लोगों के रूप में संबोधित करें

  • आवश्यक सेवा प्रदाताओं और उनके परिवारों को लक्षित करना कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करेगा और पूरे देश के लिए गंभीर रूप से हानिकारक साबित हो सकता है।

जदयू जिलाध्यक्ष ने की निजी क्लिनिक खोलने की मांग

सारण : सारण ज़िला युवा जदयू ज़िलाध्यक्ष डॉ विशाल सिंह राठौर ने सारण ज़िलाधिकारी सुब्रत सेन को ज्ञापन सौंपा कर मांग की है कि जिले के सभी निजी चिकित्सक इस आपदा की घडी में अपनी क्लीनिक बन्द न करें। क्लिनिक बंद होने के कारण गाँव से शहर तक के सभी मरीजो को बहुत ही कठिनाई हो रही है। खासकर महिलाओं और शिशुओं को क्योंकि अभी के इस विषम परिस्थिति में जहा महिलाओ का ज्यादा तबियत खराब हो रहा और बच्चो का भी ऐसे में कई महिलाओं का प्रसव का भी समय है और इनमें से कई महिला और शिशु जो पहले से इन चिकित्सको से अपना इलाज करते थे,अब इनके बन्द हो जाने के कारण वो बहुत ही भयभीत है और कठिनाई को झेल रहे हैं।

प्रसव के बाद जन्म लिया शिशु को भी दिखाने की जरूरत है ,मगर शिशु रोग विशेषज्ञ को अपना क्लीनिक बन्द रखने के कारण बहुत तकलीफ हो रही है ऐसे में कई लोग डाइबिटीज़ और हार्ट के भी रोगी है ये लोग पहले से शहर के चिकित्सक मुख्य रूप से डॉ जयकुमार सिह,डॉ आर सी पाण्डेय, डॉ आर सी ठाकुर,डॉ रामबाबू सिन्हा,डॉ अभय सिंह,प्रदीप सिंहदिनेश चौहान,राकेश कुमार, राकेश कुमार सिंह,और कई महिला विशेषज्ञ डॉक्टर जो इस आपात स्थिति में अपना क्लीनिक बन्द किये हुए हैं ऐसे में इन्हें अपना क्लीनिक खोलने अथवा लॉक डाउन कार्य अवधि तक इन सभी लोगो को खासकर महिला चिकित्सको को सदर अस्पताल में ड्यूटी लगाई जाये ताकि सारण ज़िला के उन सभी जरूरतमंद मरीजो का इलाज हो सके।

अगलगी में कई एकड़ की फसल खाक

सारण : रिविलगंज थाना क्षेत्र के कचनार में गेहूं के खेत में आग लगने से कई बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गया। यह आग लगने का कारण बताया जाता है कि एक किसान गेहूं के कटनी कर रहा था उसी समय उन्होंने बीड़ी पीने लगा और बीड़ी पीने के बाद गेहूं में फेंक दिया जिसके कारण देखते देखते गेहूं के फसल में भयानक आग लग गई जिसको काबू में करना काफी मुश्किल हो गया। वही जब इसकी भनक गांव वालों को लगे तो गांव वाले उन्हें खेत की तरह पानी बाल्टी में लेकर आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े और घंटों मशक्कत के बाद आग को बुझा लिया गया।

इस घटना में सूत्रों के अनुसार बीड़ी पी रहे किसान के द्वारा फेंकने से आग लगी थी जिनको कुछ किसानों के द्वारा हल्का फुल्का मारने की भी बात कहीं गई है। वही जब इसकी सूचना रिविलगंज सीओ प्रदीप कुमार सिन्हा को मिली तो मौके पर पहुंचकर घटनास्थल के जांच किए और आग लगी कांड में नुकसान किसानों के फसल का मुआवजा देने की बात कही है।

लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग से कोरोना से मिलेगी जीत

सारण : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जिले में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का पालन कराने के लिए प्रशासन और पुलिस सजग है। इसके बाद भी कुछ लोग लॉकडाउन में बिना महत्वपूर्ण कार्य के घर से बाहर निकलते देखे जा सकते हैं। ऐसे में लोगों को लॉकडाउन के नियमों के अनुपालन करने की अपील निरंतर स्वास्थ्य एवं प्रशासन द्वारा की जा रही है। साथ ही जिले के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों एवं समाज के कुछ अन्य प्रबुद्ध लोग भी सामने आकर लॉकडाउन के विषय में लोगों से अपील की है।

अपने घर की लक्ष्मण रेखा पार न करें :

आमजन से अपील है कि लॉक डाउन का पालन करते हुए घरों के बाहर खिची लक्ष्मण रेखा को पार न करें और सोशल डिस्टेंस का पालन करें। शेष बचे हुए दिनों में काफी सचेत रहने की जरूरत है। संक्रमण के चेन को लॉकडाउन के द्वारा ही तोडा जा सकता है, डॉ. अनिल कुमार, संजीवनी नर्सिंग होम, छपरा

स्वयं सुरक्षित रहें, दूसरों को भी सचेत करें :

कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव घरों में ही रहकर हो सकता है। सभी नागरिक अपनी-अपनी जिम्मेदारी को समझें और घरों से बाहर न निकलें। आम लोग स्वयं भी सुरक्षित रहें एवं लोगों को भी संक्रमण के विषय में सचेत करें। जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन आपको कोरोना से सुरक्षित रखने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसलिए आप लोग भी इनका सहयोग करें ताकि संक्रमण से एकजुट होकर लड़ा जा सके, डॉ माधवेश्वर झा, सिविल सर्जन सारण।

ऐसा सहयोग रहा तो जल्द निपट लेंगे संकट से :

संकट की इस घडी में घरों पर रहकर शासन, प्रशासन का साथ दें। प्रशासन के सभी लोग कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं। सभी के सहयोग से जल्दा से जल्द इस संकट से निकल सकेंगे, डॉ एमपी सिंह, सर्जन, सदर अस्पताल छपरा

मुश्किल का दौर, एकजुट होकर सहयोग करें :

कोरोना से बचाव के लिए सहयोग जरूरी है। लॉक डाउन का पालन कर घर में बने रहें। जिंदगी जीना है तो सभी को अपना फर्ज निभाना होगा। मुश्किल के इस दौर में सभी एकजुट होकर सहयोग करें। शासन, प्रशासन और समाजसेवियों द्वारा जरूरतमंदों की घर-घर जाकर स्वास्थ्य एवं खाने की मदद की जा रही है। ऐसे दौर में अपने मन को सकारात्मक रखें एवं घर के बच्चों का विशेष रूप से ख्याल रखें, डॉ. कुमारी नीतू सिंह, सहायक प्रोफेसर, मनोविज्ञान, जेपीएम कॉलेज छपरा।

शॉर्ट सर्किट से खटाल में लगी आग, चार गाये झुलसी

सारण : भगवान बाजार थाना क्षेत्र के दौलतगंज मोहल्ले में शार्ट सर्किट के कारण खटाल में आग लग गई जहां देखते ही देखते चार गाय झुलस गई वही मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने किसी तरह आग पर काबू पाया जहां खटाल मालिक कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि किसी तरह परिवार का पालन पोषण गाय की सेवा कर दूध बेचकर किया करता था लेकिन आग लगने और गाये झुलस जाने से अब परिवार स्थिति बीगड जाएगी।

युवक ने सल्फ़ास की गोली खा की आत्महत्या

सारण : मढ़ौरा थाना के लेरूआ गांव निवासी गोविंदा और उमेश राय ने सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की जहां तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने छपरा सदर अस्पताल लाया जहां प्राथमिक उपचार के बाद नाजुक स्थिति देखते हुए डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दी वहीं इस मामले में बताया जाता है कि उमेश राय दर्जनों अपराधिक मामलों में संगीन है जिसके कारण आत्महत्या करने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस जानकारी के अनुसार घटना के बाद पुलिस जांच में जुटी।

शिक्षकों की वेतन की मांग के समर्थन में आए विधान पार्षद

सारण : विधान पार्षद डॉ वीरेंद्र नारायण यादव ने हड़ताली शिक्षकों का पक्ष लेते हुए कहा है कि शिक्षक कोई पूंजीपति वर्ग या बड़े घराने से नहीं आते। बहुत मुश्किल से इनका जीविकोपार्जन चलता है। इनकी रोजी रोटी वेतन से चलती है। बाल बच्चों की पढ़ाई लिखाई ,दवाई , नून , तेल, लकड़ी सबकुछ वेतन से होता है। इसलिए मैंने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया था विधान परिषद में बजट भाषण में भी मैंने कहा था कि शिक्षकों का वेतन दिया जाए।

बिहार सरकार ने पैसा भेजा भी है तो प्रधान सचिव ने शर्त लगा दिया है कि जो लोग हड़ताल पर हैं उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा । इस शर्त को उन्हें मानवीय दृष्टि से तत्काल हटा देना चाहिए। हड़ताल करना विरोध करना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार में जीवंत रूप से चलता रहता है सरकार का कार्य मनुष्यता के पक्ष में निर्णय लेना होता है। मैं बिहार सरकार से अपील करता हूं की हड़ताल पर गए शिक्षकों से विषम परिस्थिति में काम पर लौटने के लिए अपील करें और उनके सारे वेतन का भुगतान शीघ्र अति शीघ्र मानवता के आधार पर करना चाहिए। जब पूरी दुनिया में लोगों को भोजन नहीं मिल रहा है।ऐसे में बिहार सरकार राज्य के बाहर एवं राज्य में लोगों के लिए भोजन और दवा का प्रबंध कर रही है तो शिक्षकों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों कर रही है। ये भी काम करते हैं और उसी से इनका जीवन चलता है। इनका जो वेतन देने का पक्ष है तत्काल दिया जाए।शिक्षकों के साथ जो कानूनी पेचिदगियां है उसे शिक्षक नेताओ के साथ बैठ कर दूर कर लिया जाएगा।

भारतीय स्वाभिमान मंच ने असहायों को दिए आवश्यक सामग्री

सारण : भारतीय स्वाभिमान मंच 28 मार्च से लगातार गरीबों के बीच खाद्य सामग्रियों के साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसे मास्क, साबुन आदि के वितरण कार्य चलाया जा रहा है। मंच के संरक्षक अहमद अली ने जानकारी दिया कि वैसे लोगों की सूची तैयार की गयी है जो वास्तव में इस लौक डाउन के पिरियड में मजबूर है और यदि उन्हें सहायता नहीं मिला तो भुखमरी के शिकार हो सकते हैं। जैसे देहाड़ी मजदूर, जूता सीने वाले, खोमचा वाले , दैनिक मजदूर आदि। आँटा, चावल, आलू , दाल नमक आदि का पैकेट बना कर ये कार्यकर्ता घर घर जाकर पहूँचा देते हैं। अभी शब-ए-बारात त्योहार के मद्देनजर मुस्लिम परिवारों को पर्व में जरुरत का सामान भी बाँटा जा रहा है।

कार्यकर्ता सभी को ऐलान भी कर रहे हैं कि शब-उ-बारात में घार पर हीं इबादत करें। बाहर न निकले , क्योंकि सोशल डिस्टैंसिंग ही कोरोना से बचाव का सबसे बेहतर इलाज है। मंच के सचिव असगर अली , कोषाध्यक्ष मुहम्मद सलीम के नेतृत्व में कार्यकर्ता रात दिन इस सहायता कार्य में मुस्तैद हैं तथा गुदरी के अलावा अन्य मुहल्लों सहित अन्य जगह पाॅकेट वितरित किया जा रहा है। इसके साथ ही लौक डाउन को पूरी तरह अमल में लाने के लिये लोगों को शिक्षित भी किया जा रहा है। जिस घर के दरवाजे पर सामग्री पहुँचाने के लिये जाते हैं वहीं उन घर के लोगों को लौक डाउन के नियमों के प्रति जागरुक भी करते जाते हैं। इस सामाजिक कार्य में मुख्य रुप से उमेश प्रसाद, शादाब अहमद मजहरी दीपक कुमार शर्मा , मो. अजीज , मो० मोबीन , लक्ष्मण कुमार चैधरी, अरशद अली , यासीन राईन , जमील अन्सारी, मो. इसलाम, मो० मसूद , मो० फिरोज, राकेश रंजन , मो० माकसूद, सरताज खाँ , मो० हैदर अली , शमशाद अली आदि की अहम भूमिका है।

8 से 15 अप्रैल तक चलाई जाएगी पार्सल स्पेशल ट्रेन

सारण : रेल मंत्री द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार प्रत्येक क्षेत्रीय रेलवे प्रतिदिन अपने क्षेत्र में एक पार्सल स्पेशल गाड़ी का संचलन करेगी । इससे लोगो को आवश्यकता के अनुसार कम मात्रा में भी सामान पहुचाने या मांगने में सुविधा मिलेगी। पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा मंडुवाडीह से काठगोदाम के बीच एक पार्सल स्पेशल गाड़ी 8 अप्रैल से 15 अप्रैल,2020 तक प्रतिदिन चलाई जायेगी जिसमें एक वी.पी.यू. तथा एक एस.एल.आर. होगा । निर्धारित समय अनुसार आज 08 अप्रैल 2020 को मंडुआडीह से पूर्वोत्तर रेलवे की पहले विशेष पार्सल ट्रेन रवाना हुई।

मंडुवाडीह- काठगोदाम पार्सल विशेष गाड़ी

पार्सल ट्रेन नंबर- एन. ई. आर.01 मंडुवाडीह- काठगोदाम पार्सल विशेष गाड़ी 10,12 एवं 14 अप्रैल,2020 को मंडुवाडीह से 6 बजे प्रस्थान कर गाजीपुर सिटी से 07.05 बजे, बलिया से 08.05 बजे, छपरा से 09.25 बजे, सीवान से 10.20 बजे, देवरिया सदर से 11.25 बजे, गोरखपुर से 12.25 बजे, बस्ती से 13.15 बजे, गोंडा में 14.20 बजे, लखनऊ (उत्तर रेलवे) से 16.30 बजे, बरेली से 19.30 बजे, रामपुर से 20.15 बजे, रुद्रपुर सिटी से 21.05 बजे तथा लालकुआं से 21.35 बजे छूटकर काठगोदाम 22.00 बजे पहुंचेगी ।

एन.ई.आर.02 काठगोदाम- मंडुवाडीह पार्सल विशेष गाड़ी 9,11,13 एवं 15 अप्रैल, 2020 को काठगोदाम से 06 बजे, लालकुआं से 06.30 बजे, रुद्रपुर सिटी से 07.00 बजे, रामपुर से 07.50 बजे, बरेली से 08.40 बजे, लखनऊ ( उत्तर रेलवे) से 11.40 बजे, गोंडा में 13.45 बजे, बस्ती से 14.50 बजे, गोरखपुर से 15.45 बजे, देवरिया सदर से 16.40 बजे, सीवान से 17.45 बजे, छपरा से 19.05 बजे, बलिया से 20.00 बजे तथा गाजीपुर सिटी से 21.00 बजे छूटकर मंडुवाडीह 22.00 बजे पहुंचेगी।

यह सुविधा पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख शहरों जैसे कि वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, बरेली , रामपुर इत्यादि में उपलब्ध होगी।
इसी प्रकार दक्षिण पश्चिम रेलवे द्वारा संचालित 00608 गोरखपुर- यशवन्त पुर पार्सल विशेष गाड़ी गोरखपुर से 8 एवं 15 अप्रैल 2020 को 13.00 बजे प्रस्थान कर पटना, दीन दयाल उपाधयाय ज., सतना जबलपुर, इटारसी नागपुर बल्लारशाह,सिरपुर कागजनगर विजयवाड़ा, गुदुर , चेन्नई,जोलापैट होते हुए तीसरे दिन यशवंतपुर पहुंचेगी।

आर्थिक तंगी से जूझ नियोजित शिक्षक, की बकाए वेतन भुगतान की मांग

सारण : जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के अनुमंडल सचिव सुजीत कुमार प्रखंड सचिव सुनील कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि
बिहार सरकार के द्वारा तमाम नियोजित शिक्षकों का दोहन और शोषण लगातार कई वर्षों से होता आ रहा है कुछ दिन पूर्व से अपने उचित मांग के समर्थन में नियोजित शिक्षकों के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है नियोजित शिक्षकों के हड़ताल के दौरान तरह-तरह की यातनाएं सरकार की तरफ से देने का कार्य चलता रहा है मालूम हो कि सारण जिला में नगर पंचायत शिक्षकों का वेतन भुगतान दिसंबर से नहीं हो पाया है।

वही अन्य इकाई का भी वेतन भुगतान लंबित होने के कारण आए दिन नियोजित शिक्षक इसके शिकार होते चले आ रहे हैं आर्थिक तंगी के कारण नियोजित शिक्षक अपने परिवार के भरण पोषण हेतु काफी उधेड़बुन में रहने के कारण तरह तरह की परेशानियां झेलने के कारण कई शिक्षक की मौत हृदयाघात के कारण हो चुकी है। आज राजेंद्र कॉलेजिएट छपरा में कार्यरत उच्चतर माध्यमिक इतिहास विभाग के शिक्षक राजेश कुमार का हृदय गति रुक जाने के कारण स्वर्गवास हो गया। काफी दुख की बात है इसके पूर्व में भी आर्थिक तंगी के शिकार 2 प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक हो चुके हैं लेकिन सरकार का ध्यान इस पर नहीं जा रहा हैं आर्थिक तंगी के शिकार इन मृत शिक्षकों के आश्रितों को उचित मुआवजा अवीलंब सरकार दे। जिसे इनके परिवार का भरण पोषण हो सके।

एक तरफ शिक्षक अपने किए गए कार्य अवधि का वेतन भुगतान के लिए मांग करते चले आ रहे हैं लेकिन सरकार एवं विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है माध्यमिक शिक्षक संघ के अनुमंडल सचिव सुजीत कुमार ने इसका कड़ा विरोध किया और उन्होंने बोला कि आने वाले समय में सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ वार्ता कर उनके उचित मांगों पर ध्यान दे । कुमार ने मांग की क हैि तत्काल तमाम नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान किए गए कार्य अवधि तक सुनिश्चित करें अन्यथा इसकी सारी जवाबदेही सरकार पर होगी विभाग पर होगी