तेजस्वी के कारण केंद्र सरकार ने बिहार को दिया आर्थिक सहायता : चित्तरंजन गगन

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पटना : कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को वित्तीय मदद देना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को कोरोना से निपटने के लिए वित्तीय मदद जारी कर दिया है। केंद्र सरकार ने राज्य आपदा मद एसडीआरएफ के तहत बिहार को 708 करोड़ों रुपए दिया है। यह राशि वित्तीय वर्ष शुरू होने के तीसरे ही दिन राशि जारी कर दी गई है।

मुख्यमंत्री जानते थे कि केन्द्र से उन्हें कोई मदद नहीं मिलेगी

लेकिन,केंद्र सरकार द्वारा जारी राशि को लेकर राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि अपने पूर्व के अनुभवों के आधार पर मुख्यमंत्री यह जानते थे कि केन्द्र से उन्हें कोई मदद नहीं मिलेगी, इसलिए उन्हें मांगने की हिम्मत नहीं हो रही थी। पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के दबाव मे मुख्यमंत्री जी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री जी के सामने स्वास्थ्य सेवा से जुड़े मांगों को रखने की हिम्मत की। पर कोरोना वायरस के नाम पर दूसरे प्रदेशों को उनकी माँगों से ज्यादा देने वाली केन्द्र की सरकार ने बिहार को निराश किया है।

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मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से बचाव और ईलाज के लिए तत्काल 100 वेन्टीलेटर मांगा था अभी तक एक भी नहीं मिला । टेस्टिंग किट के अभाव में बिहार में वायरस की जाँच का काम रूका हुआ था। तत्काल 10 हजार टेस्टिंग किट की मांग की गई तो मात्र 250 मिला, 5 लाख पीपीई किट मांगा गया तो मात्र 4 हजार मिला, 10 लाख सी प्लाई मास्क मांगने पर मिला एक लाख, इसी प्रकार 10 लाख एन 95 मास्क मांगने पर मात्र 50,000 भेजा गया।

भाजपा अपना पुराना हिसाब चुकता कर रही है

राजद नेता ने कहा कि एक ओर केन्द्र बिहार की मांगों की उपेक्षा कर आवश्यक स्वास्थ्य उपकरणों की आपूर्ति नहीं कर रही है दूसरी और भाजपा के नेता जांच परिणामों की विश्वसनीयता पर हीं सवाल खड़ा कर रहे हैं। आखिर भाजपा और जदयू के अन्दरूनी राजनीति का खामियाजा बिहार को भुगतना पड़ रहा है। और सत्ता के लोभ में मुख्यमंत्री जी इतने लाचार और विवश हैं कि बिहार का वाजिब हक भी नहीं दिलवा सकते। दूसरी ओर भाजपा भी इनकी मजबूरी को समझते हुए इनसे अपना पुराना हिसाब चुकता कर रही है । और इन दोनों के बीच की राजनीतिक कुटलता की किमत बिहार की जनता को चुकाना पड़ रहा है ।

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