नीतीश ने राहुल गांधी से पूछा, बिहारियों से इतनी नफरत क्यों?
पटना : बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने गुजरात में उत्तर भारतीयों के खिलाफ लगातार जारी हमले के लिए कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया है। इस संबंध में पार्टी की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एक पत्र लिख कर पार्टी ने उनसे पूछा है कि बिहारियों से इतनी नफरत क्यों? जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहारी बोझ नहीं, बल्कि बोझ उठाने वाले होते हैं। बिहार के लोग काम बंद कर दें तो गुजरात, मुंबई क्या दिल्ली का कामकाज ठप हो जाएगा। उन्होंने राहुल गांधी से पत्र में कहा, “आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि आपके दल के विधायक अल्पेश ठाकुर लगातार उत्तर भारतीयों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं, रैलियां कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तक नहीं कर रहे।”
श्री कुमार ने कहा कि इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है कि कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकुर और उसके संरक्षण में चलने वाले ठाकोर सेना की आपराधिक कार्रवाई के चलते डरे-सहमे उत्तर भारतीय गुजरात से पलायन कर रहे हैं। उन्होंने श्री गांधी से अल्पेश ठाकुर पर अविलंब अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि ऐसे संकीर्ण मानसिकता वाले व्यक्ति को बिहार में कांग्रेस का सहप्रभारी बनाकर बिहारियों के प्रति घृणा का एहसास कराया गया है।
नीतीश ने रूपाणी से टेलीफोन पर की बात
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुजरात में बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों पर हो रहे हमले के संबंध में वहां के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की और ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने का आग्रह किया। श्री कुमार ने आज कहा कि गुजरात की घटना के संबंध में वहां के मुख्यमंत्री से उनकी कल रात बात हुई थी। श्री रूपाणी ने बताया कि वह स्थिति पर खुद नजर रखे हुए हैं। गुजरात सरकार पूरी तरह सतर्क है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्कर्म के मामले में जो भी अपराधी हो उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए लेकिन इस घटना से पूरे प्रांत के लोगों के बारे में गलत धारणा नहीं बनायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह सभी लोगों से अपील करते हैं कि एक राज्य के लोग दूसरे राज्य के लोगों के बारे में गलत विचार नहीं रखें।
गौरतलब है कि गुजरात के साबरकांठा में 28 सितम्बर को 14 माह की बच्ची से दुष्कर्म के बाद गैर गुजरातियों, खासकर बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों पर हमले हुए। इसके बाद गैर गुजरातियों को बाहर निकालने के लिए कई इलाकों में प्रदर्शन भी शुरू हो गया। हमले के बाद से बिहार और उत्तरप्रदेश के आठ हजार से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं।