पटना। नवंबर के अंत में देशभर के समाजविज्ञानियों का जमावड़ा राजधानी में पटना में होगा, जिसमें समाज विज्ञान का राष्ट्र निर्माण में योगदान पर परिचर्चा होगी। रविवार को आयोजन समिति की बैठक हुई। आयोजन समिति के अध्यक्ष पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गुलाब चंद्र राम जायसवाल ने इस संबंध में बताया कि इस राष्ट्रीय समाज विज्ञान परिषद के अब तक कई परिसंवाद एवम् अधिवेशन आयोजित किए जा चुके हैं। इसका तीसरा अधिवेशन पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के तत्वावधान में 30 नवंबर से 02 दिसंबर तक होना प्रस्तावित है।
इस अधिवेशन का विषय ‘समाज विज्ञान और राष्ट्रीय पुनरुत्थान’ रखा गया है। अधिवेशन के संरक्षक प्रो. पी.वी. कृष्ण भट्ट होंगे। इस अधिवेशन के आयोजन सचिव चौधरी पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के प्रति कुलपति प्रो. गिरीश कुमार तथा सह सचिव स्वत्व के संपादक कृष्णकांत ओझा होंगे। आयोजन में लगभग 700 समाज विज्ञानियों के आने की संभावना है।
राष्ट्रीय समाज विज्ञान परिषद के संरक्षक संरक्षक प्रो. पी.वी. कृष्ण भट्ट ने बताया कि यह परिषद राष्ट्रवादी समाज विज्ञानियों का एक महत्वपूर्ण संगठन है जो भारतीय चिंतन, दर्शन के अनुसार समाज विज्ञान के विषयों का पुनरावलोकन एवं पुनर्निर्माण के बारे में संलग्न है ।ज्ञातव्य की समाज विज्ञान के समस्त विषय चाहे वह अर्थशास्त्रहो अथवा समाजशास्त्र इतिहास अथवा राजनीति शास्त्र सब के सब पाश्चात्य दर्शन एवं उनकी विचारधारा से प्रभावित है।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतवर्ष जिसके पास में अपना ज्ञान एवं समाज विज्ञान उपलब्ध है। लेकिन, उसके पास देशज ज्ञान की एक समृद्ध परंपरा है। उसके अनुसार समाज विज्ञान निर्माण नहीं हो पाया। कहने का तात्पर्य यह है भारतवर्ष का समाज विज्ञान, इसके पाठ्यक्रम अध्यापन एवं अनुसंधान औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त हैं। भारतीय।जीवन मूल्य,दर्शन संस्कृति इसमें परिलक्षित नहीं होती।
समाज की विकृतियों की जो चिकित्सा समाज विज्ञान के विद्वानों और अनुसंधानकर्ताओं के द्वारा होनी चाहिए वोह नहीं हो पाई। न ही राष्ट्र के प्रति स्वाभिमान एवं समर्पण उत्पन्न करने में करने में समाज विज्ञान के विषयों का कुछ योगदान हो पाया। इस उद्देश्य को लेकर 2008 में रामभाऊ महालगी प्रबोधिनी, मुंबई में लगभग 100 समाज विज्ञानियों की बैठक हुई। उसमे यह निर्णय लिया गया राष्ट्रवादी समाज विज्ञानियों का एक संगठन निर्मित किया जाना चाहिए।
आयोजन समिति की बैठक में परिषद के संरक्षक प्रो. पी.वी. कृष्ण भट्ट, महामंत्री प्रो. ए.डी.एन. वाजपेयी, डॉ. शीला राय, प्रो. जी. गोपाल रेड्डी, प्रो. नलिनी कांत झा, प्रो. गोविंद कृष्णा शर्मा, कृष्ण कांत ओझा मुख्य रूप से उपस्थित थे।