नवादा : नवाद में स्वास्थ्य सेवा का हाल बेहाल है। कहीं स्वास्थ्य केन्द्र के ताले नहीं खुल रहे तो कहीं पीएचसी खुले रहने के बावजूद वहां से चिकित्सक व अन्य कर्मचारी गायब रहते हैं। ऐसे में लोग निजी क्लीनिक में ईलाज कराने को मजबूर हैं। कुछ इसी प्रकार का नजारा उग्रवाद प्रभावित रजौली अनुमंडल मुख्यालय के हरदिया में देखने को मिला जहां के पीएचसी में दिन के बारह बजे तक ताला बंद पाया गया।
रजौली प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पीएचसी में शासन और जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी समय पर न तो डाक्टर पहंचते हैं, न कर्मचारी।
कल दोपहर बारह बजे तक रजौली के हरदिया गांव स्थित पीएचसी पर बाहर से ताला बंद था। मरीजों ने भी विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही देख इस अस्पताल की ओर रूख करना अब पूरी तरह से बंद कर दिया है। इलाज के लिये पीएचसी पहुंची गीता देवी, सैंफुल देवी, राजो साव, दिलीप साव सहित गांव के दर्जनों लोगों ने बताया कि इसी तरह मरीजों को बाहर से ही ताला बंद देख रोज वापस लौटना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि 2015 में जब हरदिया पीएचसी का निर्माण हुआ था, तो लोग फूले नहीं समाए थे। लोगों को लगा कि हरदिया पंचायत व उसके आसपास के जंगली इलाके के लोगों का ईलाज अब निशुल्क और बेहतर होगा। लेकिन यहां नियुक्त चिकित्सकों और कर्मचारियों ने हरदिया पीएचसी को तमाशा बनाकर रख दिया है।
इस बावत सिविल सर्जन श्रीनाथ प्रसाद ने बताया कि पीएचसी सुबह आठ बजे तक हर हाल में खुल जाना चाहिए। अगर नहीं खुल रहा है तो इसकी जांच करा संबंधित चिकित्सक व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।