मांघी पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं लगाई डुबकियां
बाढ़ : राज्य की राजधानी पटना के सटे एवं दिल्ली-हाबड़ा मुख्यमार्ग के बींच स्थित प्राचीन बाढ़ अनुमंडल के सुविख्यात उमानाथ मंदिर-घाट पर उत्तरायण भागीरथी गंगानदी में मांघी पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रध्दालुओं ने डुबकियां लगाकर पास के ‘उमानाथ महादेव’ पर जलाभिषेक करते हुये पूजा-अर्चना किया।
बिहार का काशी नाम से चर्चित अतिप्राचीन ‘उमानाथ धाम’ के बारे में एक किंगवदंतियाँ प्रचलित है कि “बाढ़ बनारस एक है, बसे गंग के तीर। उमानाथ के दर्शन से कंचन होत शरीर।” इसी कहावत को चरितार्थ करने हेतु हर बर्ष बाढ़ के ‘उमानाथ मंदिर व घाट’ पर बिहार के कोनें-कोनें से लाखों की संख्या में श्रध्दालुओं का जमाबड़ा एक दिन पूर्व से ही हुआ करता है और श्रध्दालु उत्तरायण गंगानदी में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं।
इस बार भी बाढ़ रेलवे स्टेशन सहित आसपास के क्षेत्रों में एक दिन पहले से ही श्रध्दालुओं की भीड़ से पूरा शहर भर गया तथा अनुमंडल के चप्पे-चप्पे में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गयी। “उमानाथ धाम” में गंगा स्नान करने को लेकर लोग पूर्व से ही लोग मन्नतें रखते हैं और मन्नतें पुरी होने पर लोग अपने-अपने तौर-तरिकों से यहां उत्तरायण गंगानदी में स्नान कर पूजा-अर्चना किया करते हैं और लोग अपनी-अपनी मन्नतों के मुताबिक कोई अपने बच्चों का मुंडन संस्कार तो कोई गंगानदी में बकरों का दान किया करते हैं।
बहीं कहीं भूत खेली तो कहीं भगत को सिद्ध होने की परंपरा देखी जाती है। अनुमंडल के सुविख्यात उमानाथ, अलखनाथ, गौरीशंकर, बनारसी घाट सहित अन्य घाटों पर श्रध्दालुओं ने गंगानदी में डुबकियां लगायी। यहां जुटे श्रध्दालुओं की सुख-सुविधा के लिये एसडीओ सुमित कुमार के निर्देशानुसार अनुमंडल प्रशासन की ओर से अस्थायी टेंट, सूचना केंद्र, चाय आदि की ब्यवस्था किया गया, जबकि थानाध्यक्ष संजीत कुमार के निर्देशानुसार श्रध्दालुओं के सुरक्षा की चाक-चौबंद ब्यवस्था किया गया था।अनुमंडल प्रशासन द्वारा पानी, बिजली, सुरक्षा आदि पर एक सप्ताह पूर्व ही प्रशासन की ओर से मेले से संबंधित सारी तैयारियां पूरी की जाती है।
सर्वविदित है कि पावन “उमानाथ मंदिर व घाट” की चर्चा शास्त्रों एवं रामायण में भी किया गया है।आश्चर्य है कि हर बर्ष यहां तीन विशाल मेले लगते हैं और इन तीन मेलों में हर वर्ष ‘उमानाथ धाम’ पर लाखों की संख्या में यहां लोग पूजा-अर्चना करने आते हैं फिर भी राज्य सरकार द्वारा अब तक न तो इस अतिप्राचीन बाढ़ अनुमंडल को जिला का दर्जा दे सका है और न तो यहां का विशाल मेला और इसकी धार्मिक व सांस्कृतिक महत्ता को लेकर “उमानाथ धाम“ को एक पर्यटक केंद्र का दर्जा दे सका है। ज्ञात हो कि पुराने परिसीमन के आधार पर “बाढ़ लोकसभा” से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार पांच बार सांसद बनें और केंद्र सरकार में कई विभागों के कबीना मंत्री रहे हैं। हलांकि राज्य में लगने वाली सिमरिया मेला और चौहरमल मेला, को बहुत पहले ही ‘राष्ट्रीय मेला’ का दर्जा प्राप्त हो चुका है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी