नियोजित शिक्षकों पर सरकार सख्त, सस्पेंसन का दिया आदेश

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बिहार के नियोजित शिक्षक राज्य सरकार से नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षक की तरह वेतनमान, नियमित शिक्षक की तरह सेवा शर्त और राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। इसी मांगों को लेकर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले 17 फरवरी 2020 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर रहे हैं।

लेकिन, 17 फरवरी से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुके बिहार के नियोजित शिक्षकों पर सरकार सख्त हो गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.के. महाजन ने हड़ताल पर जाने वाले नियोजित शिक्षकों को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा कि मैट्रिक परीक्षा की तिथि की घोषणा महीनों पूर्व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से की गई है। यह परीक्षा लाखों बच्चों के भविष्य जुड़ी हुई है। ऐसी दशा में बीच में बहिष्कार एवं असहयोग की बात सर्वथा अनुचित है। समय पर परीक्षा के आयोजन एवं परिणाम की घोषणा नहीं होने से उनका भविष्य प्रभावित होगा और बिहार के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती है।

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आदेश में यह कहा गया कि जो शिक्षक वीक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं उनके विरुद्ध बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 की धारा 10 के अंतर्गत तथा सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की जाए एवं निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही अविलम्ब प्रारंभ की जाए।

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