प्रथम प्रयास में ही शिवम को मिला यूजीसी-जेआरएफ
दरभंगा : मऊ बेहट निवासी किसान सलाहकार वेद प्रकाश झा तथा पंचायत समिति सदस्य अल्पना देवी के कनिष्ठ पुत्र शिवम कुमार झा ने कठिन मेहनत तथा मेधा के बल पर अपने प्रथम प्रयास में ही मैथिली विषय से जेआरएफ में उत्तीरणता प्राप्त की।
उनकी इस सफलता में सीएम साइंस कॉलेज के मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र कुमार झा तथा सीएम कॉलेज के मैथिली शिक्षकों का काफी योगदान रहा। ज्ञातव्य है कि शिवम सीएम कॉलेज के मैथिली विभाग के छात्र हैं, जिनकी साहित्य एवं रचनात्मक लेखन में गहरी रुचि है। साथ ही ये रंगमंच के कलाकार भी हैं। शिवम की इस सफलता से महाविद्यालय में हर्ष का वातावरण है।
शिवम ने आज प्रधानाचार्य तथा विभाग के शिक्षकों से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रो मंजू राय, मैथिली प्राध्यापक डॉ सुरेश पासवान, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो अखिलेश राठौर,प्रधान सहायक विपिन कुमार सिंह, डॉ एकता श्रीवास्तव,राजनाथ पंडित तथा दिनेश झा आदि उपस्थित थे।
प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा कि छात्रों को अपने भविष्य के प्रति गंभीर होना चाहिए।जेआरएफ जैसी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सफल होना गर्व की बात है,क्योंकि इससे प्राध्यापक बनने का मार्ग प्रशस्त होता है। शिवम की इस सफलता से महाविद्यालय परिवार गौरवान्वित हुआ है।
संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आरएन चौरसिया ने कहा कि स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में ही उक्त परीक्षा में उत्तीर्ण होकर शिवम ने एक आदर्श छात्र होने का प्रमाण दिया है,जो अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत है। सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले शिवम में नेतृत्वक्षमता का प्रशंसनीय गुण है।
मैथिली विभागाध्यक्षा प्रो रागनी रंजन ने कहा कि शिवम कुशाग्र,अनुशासित तथा व्यवहारकुशल छात्र है। यह जिज्ञासु प्रवृत्ति का कलाकार है,जिसने विश्वविद्यालय तथा राज्य स्तरीय कई पुरस्कार प्राप्त किया है।मैथिली प्राध्यापिका प्रो अभिलाषा कुमारी ने कहा कि शिवम परिश्रमी तथा लगनशील छात्र है,जिसने इस परीक्षा में उतीर्णता प्राप्त कर अपने परिवार-समाज के साथ ही मैथिली विभाग तथा महाविद्यालय व विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है।
ओडीएल माध्यम के स्व-अधिगम सामग्री में परिवर्तित पर बनी सहमती
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मुख्यालय के सभागार में कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता एवं प्रति-कुलपति प्रो. जयगोपाल, अध्यक्ष, छात्र कल्याण डॉ. रतन कुमार चौधरी एवं विभिन्न विभागों के संसाधनों एवं विभागाध्यक्षों की उपस्थिति में चॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तरीय कार्यक्रमों के पाठ्यक्रम तथा स्व-अधिगम सामग्री तैयार करने के संबंध में विचार विमर्श किया गया।
बैठक में यह विचार किया गया कि विश्वविद्यालय अंतर्गत जो पाठ्यक्रम की विषय वस्तु है उसको ही ओडीएल माध्यम के स्व-अधिगम सामग्री में परिवर्तित किया जाएगा। इस हेतु विभागाध्यक्षों एवं विषय विशेषज्ञ की कमेटी बनाकर संकायध्यक्षों के दिशा निर्देश में कार्य को मूर्त रूप देने पर विचार किया गया।
विषय वस्तु को सेमेस्टर प्रणाली के अनुरूप विभाजित कर तैयार किया जाएगा एवं परीक्षा पूर्व की भांति ही वार्षिक स्तर पर ही होगी यह भी बिचार किया गया। विदित हो कि प्रत्येक पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय स्तर एवं दूरस्थ माध्यम पर एक रूप होना चाहिए। सभी विभागाध्यक्षों एवं संकायाध्यक्षों ने कुलपति के समक्ष अपने-अपने विचार रखें।
प्रो. सिंह ने सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श के उपरांत इस प्रणाली को स्नातकोत्तर स्तर पर लागू करने एवं इस दिशा में सार्थक पहल करने का सुझाव दिया। उन्होंने यूजीसी/डेब की नियमावली के अनुरूप कार्य करने की सलाह दी।
निदेशक, दूरस्थ शिक्षा सरदार अरविंद सिंह ने यूजीसी/डेव की नियमावली एवं दूरस्थ शिक्षा की वर्तमान आवश्यकता अनुरूप पाठ्यक्रम को परिवर्तित रूप में प्रस्तुत करने पर चर्चा की। उपनिदेशक डॉ. शंभु प्रसाद ने यूजीसी द्वारा निर्धारित मानदंडों को विस्तार से बताया। सहायक निदेशक डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र ने आगत अतिथियों का स्वागत कर आज की बैठक की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
मुरारी ठाकुर